जीवनबीमा परिपक्वता राशि पर आयकर नियमावली

‌आयकर रिटर्न ( ITR ) दाखिल करने का समय चल रहा है परन्तु बहुत से करदाता जीवन बीमा पालिसी की परिपक्वता राशि को लेकर उहा-पोह की स्थिति में है।

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एक ओर जहां जीवन बीमा कराना जरूरी है खास तौर पर जब आपके परिजन आर्थिक रूप से आपकी आय पर निर्भर हो, क्योंकि आपकी अनुपस्थिति में भी जीवन बीमा आपके परिजनों को वित्तीय रूप से सुरक्षित रखने में काफी मदद करता है।

वहीं आप जो जीवन बीमा प्रीमियम का भुगतान करते हैं तो ऐसे प्रीमियम का भुगतान आयकर की धारा 80C के तहत कटौती के लिए भी पात्र है।

इसके अतिरिक्त भी जीवन बीमा लेने के अनेकों लाभ हैं। जब जीवन बीमा अवधि पूर्ण हो जाती है तो बीमा कम्पनी की ओर से बीमा धारक को परपक्वता राशि प्राप्त होती है।

अब यह जीवन बीमा परिपक्वता राशि कर मुक्त होगी या कर योग्य होगी इसको जानने के लिए आयकर की धारा 10(10D ) को समझना जरूरी है।

इस धारा के अनुसार यदि आपकी पालिसी 1 अप्रैल 2012 से पहले ली गयी है तथा एक वर्ष में जो प्रीमियम जमा किया गया है वह बीमित राशि का 20% से अधिक नही है।

अर्थात वार्षिक प्रीमियम प्रति वर्ष बीमित राशि का 20% से अधिक नही है तो ऐसी स्थिति में जो भी परिपक्वता राशि प्राप्त होगी वह कर मुक्त होगी।

और यदि आपकी पालिसी 1 अप्रैल 2012 के बाद ली गयी है तो वार्षिक प्रीमियम बीमित राशि के 10% से अधिक न हो  अर्थात ऐसी पालिसी जो बीमा अवधि में प्रत्येक वर्ष की प्रीमियम बीमित राशि के 10% से अधिक न हो तो परिपक्वता राशि कर मुक्त होगी।

यहां याद रखने वाली बात ये है कि यदि वार्षिक प्रीमियम बीमित राशि के 10% से अधिक है तो परिपक्वता राशि कर योग्य मानी जायेगी जिस पर  नियमानुसार कर अदायगी करना आवश्यक है।

परन्तु इस धारा के प्रावधान किसी व्यक्ति की मृत्यु पर प्राप्त किसी राशि पर लागू नही होंगे, इसका अर्थ ये है कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के पशचात यदि जीवन बीमा परिपक्वता की कोई राशि उसके परिजनों को प्राप्त होती है तो वह पूर्णतया कर मुक्त होगी।

‌अब बात करते है जीवन बीमा परिपक्वता राशि पर टी. डी.एस. ( Tax Deduction of Source ) श्रोत पर कर कटौती की।

चूँकि पहले इस परिपक्वता राशि पर कोई टी.डी.एस. नही था तो अधिकांश करदाता इसे अपने आयकर रिटर्न में दिखाने से बचते थे।

इसीलिए भारत सरकार ने वर्ष 2014 के बजट में जीवन बीमा परिपक्वता राशि पर TDS की व्यवस्था लागू की।

वर्तमान आयकर कानून के अनुसार यदि परिपक्वता राशि रु. 1 लाख तक है तो स्रोत पर कटौती लागू नही होगी और यदि परिपक्वता राशि इससे अधिक है तो पैन कार्ड की उपलब्धता पर एक प्रतिशत टी डी एस होगा और यदि पैन उपलब्ध नही है तो टी डी एस की राशि बीस प्रतिशत होगी।

‌अतः उपरोक्त स्थिति के आधार पर जीवन बीमा परिपक्वता राशि पर टैक्स की गढ़ना कर अपनी आयकर रिटर्न भरे जिससे भविष्य में किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो।

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