तो पुरानी टैक्स रेजीमअब भी बेस्ट हो सकती है? क्या आप सही चुनाव कर रहे हैं?
क्या Old Tax Regime अभी भी बेहतर है? AY 2025-26 के लिए सही Option चुनें और जानें कैसे कर सकते हैं आप Smart Tax Savings — पूरी guide पढ़ें!
Table of Contents
Introduction: टैक्स प्लानिंग का सही रास्ता – क्या पुरानी कर व्यवस्था अब भी फायदे की बात है?
गुजरे कुछ वर्षों की भांति इस वर्ष भी टैक्स सीजन शुरू होते ही करदाताओं के दिमाग मे एक सवाल फिर से दस्तक दे रहा है कि “वित्त वर्ष 2024-25 मे कौन-सी टैक्स व्यवस्था अपनाई जाए?”
वित्त वर्ष 2024-25 में भी सरकार ने नई और पुरानी, दोनों टैक्स व्यवस्थाओं को विकल्प के तौर पर बरकरार रखा है, जिससे ये निर्णय अब पहले से कहीं ज़्यादा पेचीदा बन गया है।

अगर आपके पास होम लोन, धारा 80C के तहत किए गए निवेश या अन्य Tax Deductions हैं, तो हो सकता है कि पुरानी टैक्स व्यवस्था अब भी आपके लिए फायदेमंद साबित हो।
वहीं दूसरी ओर, नई व्यवस्था की सरलता और कम टैक्स दरें कई लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं।
मैं बीते कई वर्षों से टैक्स सलाहकार के रूप काम कर रहा हूं और फाइनेंशियल प्लानिंग जैसे विषयों पर लिखता आ रहा हूं, और इसी अनुभव के साथ आज इस लेख में हम इस बहस का एक स्पष्ट, तथ्य-आधारित विश्लेषण करेंगे। इसलिए लेख को अंत तक जरूर पढ़ें, चाहे आप एक सैलरीड प्रोफेशनल हों या फिर बिजनेस ओनर, इस लेख मे आपको दोनों टैक्स विकल्पों को गहराई से समझाने का प्रयास किया गया है।
तो चलिए, बिना समय गंवाएं समझते हैं कि A Y- 2025-26 के लिए आपके लिए सबसे बेहतर Tax Regime कौन-सी है?
पुरानी और नई कर व्यवस्था में क्या फर्क है?/ difference between the old and new tax system?
वित्त वर्ष 2024-25 मे Income Tax Return दाखिल करने के दो रास्ते हैं – Old Tax Regime और New Tax Regime. लेकिन असली सवाल ये है कि इनमें क्या फर्क है और आपके लिए कौन-सा बेहतर रहेगा?
इसे आसान भाषा में समझने की कोशिश करते हैं-
पुरानी कर व्यवस्था (Old Tax Regime)-
- इसमें आप कई तरह की deductions और exemptions का फायदा उठा सकते हैं — जैसे-
- Section 80C के तहत PPF, ELSS, LIC वगैरह
- Home loan पर ब्याज की छूट
- Medical Insurance (Section 80D)
- टैक्स दरें थोड़ी ज्यादा हैं, लेकिन अगर आपने सही तरीके से planning की है, तो ये डिडक्शंस आपकी tax liability को काफी कम कर सकते हैं।
- हां, ये थोड़ा जटिल जरूर हो सकता है, क्योंकि आपको हर deduction का रिकॉर्ड रखना होगा।
नई कर व्यवस्था (New Tax Regime)-
- इसमें टैक्स दरें कम हैं, लेकिन लगभग सभी deductions और exemptions हटा दिए गए हैं।
- इसका सबसे बड़ा फायदा है सरलता – बस अपनी taxable income देखो और सीधे स्लैब के अनुसार टैक्स भरो।
- अगर आपके पास कोई खास deductions नहीं हैं, तो ये Option आपके लिए सुलभ और आसान हो सकता है।
पुरानी कर व्यवस्था और नई कर व्यवस्था मे मुख्य अंतर नीचे एक आसान सारिणी के माध्यम से दर्शाया गया है-
Old Tax Regime vs New Tax Regime (FY 2024-25) AY- 2025-26
Particulars | Old Tax Regime | New Tax Regime |
---|---|---|
Basic Tax Slabs | ₹2.5L – ₹5L : 5% ₹5L – ₹10L : 20% ₹10L+ : 30% | ₹0 – ₹3L : 0% ₹3L – ₹6L : 5% ₹6L – ₹9L : 10% ₹9L – ₹12L : 15% ₹12L – ₹15L : 20% ₹15L+ : 30% |
Standard Deduction | Allowed (₹50,000 for salaried/pensioners) | Allowed (₹50,000 from FY 2023-24 onwards) |
Section 80C (PPF, ELSS, LIC etc.) | Allowed (Up to ₹1.5 lakh) | ❌ Not Allowed |
Section 80D (Medical Insurance) | Allowed | ❌ Not Allowed |
HRA, LTA, Home Loan Interest | Allowed (Subject to conditions) | ❌ Not Allowed |
Simplicity | ❌ Complex (Requires planning & proofs) | ✅ Simple (No need for proofs/deductions) |
Best For Whom? | Those with high deductions & investments | Those with low/no deductions, preferring ease |
Note- दोनों व्यवस्थाओं में ₹7 लाख तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है (Section 87A rebate के कारण), लेकिन स्लैब और deduction eligibility अलग है।
वित्त वर्ष 2024-25 में पुरानी कर व्यवस्था के लाभ/ Benefits of Old Tax Regime
अगर आप भी यह समझ रहे हैं कि Old Tax Regime अब बीते ज़माने की बात हो चुकी है, तो ज़रा ठहरिए!
Old Tax Regime आज भी उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद हो सकती है, जिनके पास Multiple Tax Deductions और Investments हैं।
आइए समझते हैं कैसे-
Home Loan Interest (Section 24)-
अगर आपने घर खरीदने के लिए होम लोन लिया है, तो आप ₹2 लाख तक का Interest Deduction क्लेम कर सकते हैं। ये आपकी Taxable Income को काफी हद तक घटा सकता है।
80C Deductions–
अगर आपने Section80C के तहत आयकर छूट मिलने वाली योजनाओं मे निवेश किया है जैसे- PPF, ELSS, LIC आदि, या बच्चों की Tuition Fees जैसे Investments किए हैं, तो आप ₹1.5 लाख तक की छूट पा सकते हैं।
Other Deductions–
- Section 80D: Medical insurance पर Tax Benefit
- Section 80G: Eligible donations पर भी Tax छूट मिलती है
उदाहरण-
मान लीजिए आपकी सालाना इनकम ₹10 लाख है, और आप इनमें से ये Deductions क्लेम करते हैं-
- ₹1.5 लाख under Section 80C
- ₹2 लाख under Home Loan Interest (Section 24)
आपकी Taxable Income घटकर ₹6.5 लाख रह जाती है।
अब दोनों की तुलना करते हैं-
Regime | Approx. Tax Payable (after rebate) |
---|---|
Old Regime | ₹54,600 |
New Regime | ₹75,000 |
Conclusion- अगर आपके पास ऐसे deductions हैं, तो Old Tax Regime न सिर्फ ज़्यादा तार्किक बल्कि financially भी आपके लिए फायदेमंद हो सकती है।
नई कर व्यवस्था कब बेहतर हो सकती है?/Benefits of New Tax Regime
Old Tax Regime हर किसी के लिए सही नहीं होती है — और यही बात New Tax Regime पर भी लागू होती है।
लेकिन कुछ परिस्थितियों में नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) एक गेम-चेंजर साबित हो सकती है।
आइए समझते हैं कैसे?-
अगर आपके पास कोई Deductions नहीं हैं–
जैसे-
- आप किराए के घर में रहते हैं
- आपने 80C या अन्य सेक्शनों के तहत कोई Investment नहीं किया है
- और न ही कोई Medical Insurance या home loan है
ऐसे मे Deductions का फायदा न मिल पाने के कारण, कम टैक्स दर वाली New Tax Regime आपके लिए सस्ती पड़ेगी।
अगर आपको simplicity पसंद है-
Old Tax Regime में हर साल डॉक्युमेंट्स इकट्ठे करना, फॉर्म भरना और हर छोटी-छोटी Deduction को प्रमाणित करना थोड़ा मुश्किल भरा लग सकता है। अगर आप इन सब झंझटों मे नहीं पड़ना चाहते हैं तो नई कर व्यवस्था आपके लिए बेहतर हो सकती है।
बस अपनी Income को उचित टैक्स स्लैब में डालिए और टैक्स भर दीजिए — That’s it.
उदाहरण-
मान लीजिए आपकी सालाना इनकम ₹7 लाख है, और आपके पास कोई Deduction नहीं है।
Regime | Tax Payable (Approx.) |
---|---|
New Regime | ₹25,000 |
Old Regime | ₹62,500 |
फर्क साफ है — ₹37,500 की बचत!
इसलिए अगर आप deductions का लाभ नहीं ले पा रहे हैं, तो नई कर व्यवस्था Smart Choice हो सकती है।
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए महत्वपूर्ण बदलाव
हर साल Budget के साथ कुछ tax-related बदलाव देखने को मिलते हैं। लेकिन FY 2024-25 के लिए कोई खास बदलाव नहीं आया है, अच्छी बात यह है कि पुरानी और नई दोनों कर व्यवस्थाएं अब भी उपलब्ध हैं।
सरकार ने यह साफ कर दिया है कि वह नई व्यवस्था को Promote करना चाहती है, लेकिन पुरानी व्यवस्था को हटाया नहीं गया। यानी आपके पास भी फिलहाल दोनों में से चुनने की आज़ादी है।

निष्कर्ष: आपके लिए सही क्या है?
तो क्या पुरानी कर व्यवस्था वित्त वर्ष 2024-25 में भी लाभकारी हो सकती है?
हां— अगर आपके पास deductions हैं।
लेकिन अगर आपकी Income Structure नॉर्मल है और आप ज्यादा deductions claim नहीं करते, तो नई व्यवस्था आपके लिए ज्यादा simple और economical हो सकती है।
Pro Tip–
अपनी income और deductions को अच्छे से analyze करें, फिर दोनों Regimes के हिसाब से Tax निकालें — और जिसमे आपको टैक्स का फायदा हो रहा हो वही Regime चुनें!
आपने कौन सी कर व्यवस्था चुनी है और क्यों? नीचे Comment करके बताएं — अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें और अपनी टैक्स प्लानिंग को स्मार्ट बनाएं!
FAQ: आपके सवाल, मेरे जवाब
प्रश्न- क्या मैं हर साल कर व्यवस्था बदल सकता हूँ?
उत्तर– सैलरीड व्यक्ति हर साल tax regime बदल सकते हैं।
लेकिन बिज़नेस करने वालों के लिए नियम अलग हैं — उन्हें बार-बार switch करने की अनुमति नहीं होती।
प्रश्न- नई व्यवस्था में कोई डिडक्शन नहीं मिलता है?
उत्तर– नई कर व्यवस्था में लगभग सभी डिडक्शंस खत्म कर दिए गए हैं।
हालांकि, कुछ specific deductions अभी भी मिलते हैं, जैसे:
NPS (Section 80CCD(2))
Standard Deduction for Salaried (₹50,000 as per latest updates)
और कुछ selected allowances
प्रश्न- 80C डिडक्शन क्या-क्या कवर करता है?
उत्तर– सेक्शन 80C के अंतर्गत आप निम्नलिखित पर ₹1.5 लाख तक की छूट ले सकते हैं-
PPF (Public Provident Fund)
ELSS (Equity Linked Saving Scheme)
बच्चों की ट्यूशन फीस
Life Insurance Premium
NSC, Tax Saving FD आदि
नोट- टैक्स नियम समय के साथ बदलते रहते हैं। इसलिए Tax Planning करते समय हमेशा अपडेटेड जानकारी का ध्यान रखें या किसी कर सलाहकार से सलाह लें।
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