देश का मध्यम वर्ग कई वर्षों से मांग कर रहा था कि उन्हें टैक्स में छूट प्रदान की जाए और टैक्स के बोझ को भी कुछ कम किया जाए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में नए टैक्स रिजीम के माध्यम से करदाताओं की इन दोनों मांगों को पूरा करके इस वर्ग को तोहफा तो दिया है, लेकिन पुराने टैक्स रिजीम में कोई बदलाव न कर के पुराने पुराने रिजीम के करदाताओं को काफी निराश भी किया है।
फिलहाल इन्हीं सब बदलावों की वजह से नई और पुरानी टैक्स रिजीम को लेकर करदाताओं के मन में काफी असमंजस की स्थिति बन गई है। इस लेख में अनुभवी टैक्स सलाहकारों के नजरिये से समझने की कोशिश करेंगे कि आपके लिए नई टैक्स रिजीम सही रहेगी या पुरानी टैक्स रिजीम ?
लेकिन पहले यह जान लेते हैं कि दोनों रिजीम में टैक्स स्लैब में क्या अंतर है ?
पुरानी रिजीम टैक्स स्लैब ( What is the Old Tax Regime )
₹ 2.5 लाख तक की आय पर – कोई टैक्स नही (0 प्रतिशत टैक्स)
₹ 2.5 लाख से 5 लाख तक की आय पर – 5 प्रतिशत टैक्स
₹ 5 लाख से 10 लाख तक की आय पर – 20 प्रतिशत टैक्स
₹ 10 लाख से ऊपर की आय पर – 30 प्रतिशत टैक्स
पुरानी टैक्स रिजीम को अपनाने वाले करदाताओं को धारा 80C के तहत डेढ़ लाख रुपये तक कि छूट तो मिलती है लेकिन पुरानी रिजीम में टैक्स स्लैब काफी अधिक होने के कारण इसमें 10 लाख रुपये से अधिक की आय होने पर सीधे 30 प्रतिशत टैक्स भरना पड़ेगा। जबकि नए टैक्स रिजीम में 15 लाख रुपये से ऊपर की आय होने पर ही 30 प्रतिशत टैक्स लगेगा।
ऐसे में पुरानी टैक्स रिजीम के तहत टैक्स भरने वालों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। क्योंकि पुरानी टैक्स रिजीम को अपनाने वाले टैक्सपेयर्स के लिए इस बजट में किसी भी तरह की कोई घोषणा नही की गई है। ऐसे में पुरानी टैक्स रिजीम अपनाने वालों को नए रिजीम के मुकाबले अधिक टैक्स की भरपाई करना पड़ सकता है।
नई रिजीम टैक्स स्लैब ( What is the New Tax Regime )
अधिकांश टैक्स सलाहकारों का मानना है कि नई टैक्स रिजीम के माध्यम से टैक्स स्लैब बढ़ा कर और टैक्स दरों को घटा कर करदाताओं को बड़ी राहत प्रदान की गई है।
नई रिजीम में टैक्स दरें निम्नलिखित होंगी –
₹ 0 से 3 लाख तक की आय पर – कोई टैक्स नही
₹ 3 लाख से 6 लाख तक की आय पर – 5 प्रतिशत टैक्स
₹ 6 लाख से 9 लाख तक की आय पर – 10 प्रतिशत टैक्स
₹ 9 लाख से 12 लाख तक की आय पर – 15 प्रतिशत टैक्स
₹ 12 लाख से 15 लाख तक की आय पर – 20 प्रतिशत टैक्स
₹ 15 लाख से ऊपर की आय पर – 30 प्रतिशत टैक्स
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि नई टैक्स रिजीम को अपनाने वाले करदाताओं को 80C या अन्य किसी निवेश का लाभ नही प्राप्त होगा।
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नई और पुरानी टैक्स रिजीम में अन्तर
1- पुरानी रिजीम में जहां 2.5 लाख रुपए तक की आय करमुक्त है, वहीं नई रिजीम में 3 लाख रुपए तक की आय करमुक्त होगी।
2- पुरानी टैक्स रिजीम में 5 लाख रुपए तक की सालाना आय वालों को कोई टैक्स नही देना होता है। जबकि नई टैक्स रिजीम में 7 लाख रुपए तक की सालाना आय वालों को भी कोई टैक्स नही भरना होगा।
3- 5 लाख रुपए से अधिक सालाना आय वालों को पुरानी टैक्स रिजीम में 2.5 लाख से 5 लाख रुपए की आय पर 5 प्रतिशत टैक्स देना होता है, जबकि नई रिजीम में 3 लाख से 6 लाख रुपए तक की आय पर 5 प्रतिशत टैक्स देना होगा।
4- पुराने टैक्स रिजीम में 5 से 10 लाख तक की आय पर 20 प्रतिशत टैक्स और 10 लाख से ऊपर की आय होने पर 30 प्रतिशत टैक्स लगता है। जबकि नई रिजीम में 15 लाख रुपए से अधिक की आय होने पर ही 30 प्रतिशत टैक्स देना होगा।
5- पुरानी टैक्स रिजीम में आपको 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक की छूट तो मिलती ही है साथ ही साथ अन्य कटौतियों और खर्च का लाभ भी मिलता है, जबकि नई रिजीम में ऐसी कोई छूट अथवा लाभ नही प्राप्त होता है।
नई या पुरानी टैक्स रिजीम में किसका चयन बेहतर ( New Vs Old Tax Regime )
सीधी और सरल भाषा में कहा जाये तो अगर आपका कोई बीमा, म्युचुअलफंड निवेश, PPF, टैक्स सेविंग FD, बच्चों की स्कूल फीस, होम लोन ब्याज, एजुकेशन लोन या हेल्थ इंश्योरेंस आदि नही है तो आपके लिए नई टैक्स रिजीम का चयन करना ही फायदेमंद रहेगा।
क्योंकि नई टैक्स रिजीम में किसी भी प्रकार की सेविंग या निवेश करने पर टैक्स में छूट का लाभ नही मिलेगा।
वहीं अगर आप विभिन्न टैक्स सेविंग स्कीम में निवेश करते हैं और 80C, 80D, या 80EE आदि धाराओं के तहत टैक्स छूट का लाभ लेना चाहते हैं तो आपको पुरानी टैक्स रिजीम का ही चयन करना होगा तभी लाभ मिलेगा।
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