इस लेख में Technical Analysis की कुछ मूलभूत जानकारियों के साथ – साथ तकनीकी विश्लेषण कैसे किया जाता है ?,
और इसके क्या लाभ हैं ? के बारे में बहुत ही आसान भाषा मे बताया गया है इसलिए लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
आप सभी लोग जानते हैं कि वर्तमान समय मे स्टॉक मार्केट निवेशक और इंट्राडे ट्रेडर दोनों में तकनीकी विश्लेषण काफी लोकप्रिय है।
इसलिए पहले हम संक्षेप में ये समझ लेते है कि तकनीकी विश्लेषण किसे कहते हैं और ये क्या होता है?
तकनीकी विश्लेषण क्या होता है ? Technical Analysis Kya Hai
तकनीकी विश्लेषण में हम मुख्यतः किसी शेयर के भाव ( Price ) का विश्लेषण करते हैं।
इसका कारण यह है कि शेयर बाजार के विशेषज्ञ ये मानते हैं कि ‘आज किसी शेयर का जो भाव है, वो उसके भूतकाल के प्रदर्शन के आधार पर है।’
Technical Analysis के द्वारा किसी शेयर के आज के भाव के आधार पर भविष्य में उसके भाव मे क्या परिवर्तन होने हैं इसका अनुमान लगाया जाता है।
सरल भाषा मे यह कहा जा सकता है कि Technical Analysis के माध्यम से यह पता लगाने की कोशिश की जाती है कि
हम किसी शेयर को आज किस भाव पर खरीदे जिससे कि भविष्य में हमे मुनाफा हो सके।
और ये भाव उसके अतीत के भाव मे हुए उतार – चढ़ाव के आधार पर ज्ञात करने की कोशिश की जाती है।
ये सब विश्लेषण उस स्टॉक के चार्ट को देखकर किया जाता है।
इस प्रक्रिया को एक उदाहरण के द्वारा और आसानी से समझा जा सकता हैं –
जैसे आप किसी ज्योतिष के पास जाते हैं और वो आपके हाथ की लकीरो तथा आपके अतीत की जानकारियों के आधार पर विश्लेषण कर के आपके भविष्य की कुछ जानकारियां बताने का प्रयास करता है।
ठीक ऐसे ही एक ट्रेडर चार्ट को देखकर किसी स्टॉक के अतीत की जानकारियां एकत्रित करता है, फिर अपने विश्लेषण के आधार पर उस स्टॉक के भाव मे भविष्य मे क्या उतार – चढ़ाव होने की संभावना है इसका अनुमान लगाने का प्रयास करता है।
इस प्रकार के अनुमान हमेशा सही ही होंगे ये जरूरी नही है लेकिन कई बार सही भी होते हैं।
अनुमान को और सटीक बनाने के लिए तकनीकी विश्लेषण के साथ – साथ बहुत सी अन्य चीजों को भी देखना पड़ता है जिनकी चर्चा आने वाले अन्य लेखों में की जाएगी।
तकनीकी विश्लेषण कैसे किया जाता है ? Technical Analysis Kaise kare
Technical Analysis के दो प्रमुख आधार होते हैं पहला भाव ( Price ) और दूसरा चार्ट ( Chart )।
चार्ट देखकर ही किसी स्टॉक के भाव का पूरा इतिहास पता चल जाता है और हमें उसी इतिहास का विश्लेषण करना होता है।
हर तरह से विश्लेषण करने के पश्चात उस स्टॉक के भाव में क्या परिवर्तन हो सकते हैं इसके बारे में भविष्यवाणी की जाती है।
अब सवाल ये आता है कि किसी स्टॉक के भाव की भविष्यवाणी करने के लिए चार्ट पर किन – किन बिन्दुओ पर विश्लेषण किया जाता है ?
चार्ट पर Price का विश्लेषण करने के लिए कुछ निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदुओं को विश्लेषण का आधार बनाया जाता है।
1 – मनोवैज्ञानिक तकनीकी विश्लेषण ( Psychological Technical Analysis )
दोस्तों, तकनीकी विश्लेषण में मनोविज्ञान बहुत महत्वपूर्ण होता है।
अतीत में किसी शेयर के भाव कब और किन परिस्थितियों में बढ़े या घटे थे,
इसका विश्लेषण करने पर उसमें उस वक्त ट्रेड करने वालो की मानसिकता का पता चलता है।
और उसी आधार पर यह अनुमान लगाने का प्रयास होता है कि भविष्य में कब किन परिस्थितियों में इस स्टॉक का भाव गिरेगा या बढ़ेगा।
इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेडिंग मनोविज्ञान का बहुत प्रभाव होता है तथा Technical Analysis के माध्यम से उस स्टॉक में जो भी ट्रेडर आते हैं उनकी मानसिकता का अनुमान लगाकर अपने सौदे की योजना बनाई जाती है।
2 – माँग और पूर्ति ( Demond and Supply ) का सिद्धांत
जैसा कि आप सभी लोग जानते ही होंगे कि मांग बढ़ने पर किसी स्टॉक का भाव बढ़ता है और पूर्ति होने पर भाव गिरता है।
इसके अलावा भी डिमाण्ड और सप्लाई की काफी जानकारी पिछले लेख में दी जा चुकी है यदि आपने नही पढ़ा है तो पिछले लेखों पर जाकर पढ़ सकते हैं।
जब हम किसी स्टॉक के अतीत को उसके चार्ट पर जाकर देखते हैं तो हमें पता चलता है कि उस समय बाजार में कैसी परिस्थितयां बनी थी जिससे मांग बढ़ी, और उस स्टॉक के भाव बढ़ते गए।
और कितनी मांग बढ़ने के बाद सप्लाई बढ़ी अर्थात स्टॉक का भाव गिरा।
इस विश्लेषण के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला जाता है कि यदि भविष्य में भी वैसी ही परिस्थितियां बनी तो इस शेयर का भाव कितना बढ़ सकता है।
और किस भाव तक बढ़ कर फिर वहाँ से कितना नीचे आएगा।
इन्ही सब बातों का अनुमान तकनीकी विश्लेषण के द्वारा जानने का प्रयास किया जाता है।
3 – ट्रेडिंग इंडीकेटर के द्वारा तकनीकी विश्लेषण
आजकल बाजार में कई तरह के ट्रेडिंग इंडीकेटर ( Trading Indicator ) भी आ गए हैं जिनकी मदद से Technical Analysis को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है।
इंडीकेटर की मदद से किसी स्टॉक के अतीत को बहुत ही आसानी और सटीकता के साथ समझा जा सकता है।
ट्रेडिंग इंडीकेटर की सहायता से किसी स्टॉक का भविष्य में कैसा प्रदर्शन होगा इसका भी काफी सटीक अनुमान लगाया जा सकता है।
किसी स्टॉक के भूत और भविष्य का अनुमान और जानकारी के लिए अलग – अलग प्रकार के इंडीकेटर्स उपलब्ध हैं जिनके संकेतो को अच्छे से समझ कर अपनी ट्रेडिंग को लाभदायक बनाया जा सकता है।
4 – ट्रेन्ड ( Trend )
शेयर बाजार के निवेशक हो या इंट्राडे ट्रेडर दोनों हमेशा से ही ट्रेन्ड को महत्वपूर्ण सूचक मानते है।
किसी स्टॉक का ट्रेन्ड तकनीकी विश्लेषण में काफी उपयोगी जानकारी प्रदान करता है।
किसी भी स्टॉक का भाव तीन दिशा में जा सकता है, या तो ऊपर जायेगा, या फिर नीचे जाएगा या स्थिर रह सकता है।
मुख्य रूप से यही तीन ट्रेन्ड बाजार में चलते हैं और इन ट्रेन्ड को चार्ट देखकर असानी से पहचाना जा सकता है। एक समझदार ट्रेडर मुनाफा कमाने के लिए मार्केट के ट्रेन्ड के अनुसार ही हमेशा अपनी ट्रेडिंग करता है।
चार्ट ( Chart )
तकनीकी विश्लेषण हमेशा चार्ट के माध्यम से ही होता है, चार्ट ही हमको किसी स्टॉक का पूरा इतिहास – भूगोल बताता है।
किसी भी नए ट्रेडर को चार्ट देखने और समझ्ने में थोड़ा समय लग सकता है, नए ट्रेडर को पहले चार्ट पढ़ना सीखना चाहिये तभी ट्रेडिंग में लाभ कमा सकते हैं।
वैसे तो चार्ट कई प्रकार के होते हैं जिसमें से मुख्य हैं –
1- लाइन चार्ट ( Line Chart )
2 – बार चार्ट ( Bar Chart )
3 – कैंडल स्टिक चार्ट ( Candle stick Chart )
आधुनिक ट्रेडर सर्वाधिक कैंडल स्टिक चार्ट का ही प्रयोग करते हैं यह चार्ट लोकप्रिय होने के साथ – साथ काफी सरल भी होता है। देता है।
हमलोग भी यहाँ कैंडल स्टिक चार्ट की ही चर्चा करेंगे।
कैंडल स्टिक चार्ट ( Candle Stick Chart )
कैंडल स्टिक चार्ट की खोज जापान के चावल व्यापारियों द्वारा की गई थी और आज जापान सहित पूरी दुनिया के अधिकांश ट्रेडर इसी चार्ट का प्रयोग करते हैं। तकनीकी विश्लेषण में यह चार्ट काफी उपयोगी सिद्ध होता है ।
यह चार्ट अलग – अलग समय के अनुसार देखा जा सकता है एक मिनट से लेकर कई वर्षों तक के टाइम फ्रेम में यह सटीक जानकारी
इसकी प्रत्येक कैण्डल यह बताती है कि बाजार किस भाव पे खुला, कितना ऊपर ( Highest Price ) गया, उस दिन का सबसे कम भाव ( Lowest Price ) क्या था और किस भाव पर बंद हुआ ये सब जानकारी मिल जाती है।
कैंडल स्टिक चार्ट कई रंगों में उपलब्ध होता है परन्तु कैंडल का लाल और हरा रंग ज्यादा चलन में है।
दर्शाए गए चित्रों से कैंडल स्टिक चार्ट को समझ सकते हैं।
दोस्तों, यदि आप नये ट्रेडर हैं तो ज्यादा से ज्यादा चार्ट को देखें और और उसे समझने का अभ्यास करें।
कुछ दिनों के अभ्यास मात्र से ही आप चार्ट पढ़ना सीख जाएंगे, यदि आपने चार्ट पढ़ना और भाव का विश्लेषण करना सीख लिया तो आपके लिए इंट्राडे ट्रेडिंग करना बहुत ही आसान हो जाएगा।
तब आप शेयर बाजार से अच्छा खासा पैसा भी कमाने में कामयाब हो सकते हैं।
तकनीकी विश्लेषण के लाभ ( Advantage of Technical Analysis In Hindi )
एक ट्रेडर के लिए और खासतौर पर एक इंट्राडे ट्रेडर के लिये Technical Analysis के बहुत से लाभ होते हैं, जैसे कि –
1 – तकनीकी विश्लेषण के द्वारा किसी स्टॉक के भाव के बारे में बहुत कम समय में पता चल जाता है।
चूंकि इस प्रक्रिया में ज्यादा समय नही लगता है इसलिए इंट्राडे ट्रेडर को इससे काफी लाभ प्राप्त होता है।
2 – तकनीकी विश्लेषक ये मानते हैं कि इतिहास अपने आप को दोहराता है।
अर्थात अतीत में किसी स्टॉक ने जिन परिस्थितियों में जैसा प्रदर्शन किया है,
भविष्य में भी वैसी परिस्थितियां बनने पर वो स्टॉक वैसा ही प्रदर्शन करेगा जैसा कि उसने भूतकाल में किया था।
इसी सिद्धान्त को ध्यान में रखकर कोई निवेशक या इंट्राडे ट्रेडर अपनी ट्रेडिंग योजना बनाता है।
3 – Technical Analysis के द्वारा निवेशक अथवा ट्रेडर कोई स्टॉक आगे कैसा प्रदर्शन करेगा पहले से ही अनुमान लगा सकता है।
तथा उसी के अनुसार अपनी ट्रेडिंग योजना तैयार करता है।
4 – Technical Analysis को आधुनिक ट्रेडर या निवेशक इसलिए भी ज्यादा प्रयोग करते हैं।
क्योंकि इसमे स्टॉपलॉस ( Stop loss ) लगाने की सुविधा मिल जाती है।
इसके अलावा कब बाजार में प्रवेश करना है और कब पोजिशन कट करके बाजार से बाहर निकलना है,
ये सब अनुमान भी पहले से ही लगा लिया जाता है।
5 – Technical Analysis एक बहुत ही आसान प्रक्रिया है जिसे हर कोई बड़ी ही आसानी से समझ सकता है इसके लिए गणित या किसी अन्य विषय विशेष की विशेषज्ञता का होना जरूरी नही होता है।
वैसे तो टेक्निकल एनालिसिस ट्रेडरों या निवेशकों के लिए काफी लाभप्रद है परन्तु यहाँ यह ध्यान रखना भी अति आवश्यक है कि इस विश्लेषण से केवल अनुमान ही लगता है,
इस प्रक्रिया का कोई वैज्ञानिक आधार नही है और न ही शत- प्रतिशत सफलता की गारंटी होती है।
इसलिए यहाँ अपनी ट्रेडिंग रणनीति, अनुशासन और Risk Management काफी काम आता है।
यदि अनुशासित तरीके से ट्रेड लिया जाता है तो अनुमान के गलत होने पर भी ज्यादा हानि होने की संभावना नही होती है।
सारांश ( The Conclusion )
इस लेख के माध्यम से ये बताने का प्रयास किया गया है कि यदि कोई ट्रेडर या निवेशक थोड़ी सी मेहनत कर के Technical Analysis का कुछ आधारभूत ज्ञान प्राप्त कर लेता है तो उसकी ट्रेडिंग काफी लाभप्रद हो सकती है।
एक निवेशक के लिए टेक्निकल एनालिसिस का थोड़ा गहरा ज्ञान होना आवश्यक है इसके अलावा निवेशक को फंडामेंटल एनालिसिस का ज्ञान लेना भी जरूरी होता है।
लेकिन एक इंट्राडे ट्रेडर को सिर्फ Technical Analysis का बेसिक ज्ञान होने से भी काफी लाभ मिल सकता है।
निवेशक के विपरीत इंट्राडे ट्रेडर को फंडामेंटल एनालिसिस की जानकारी होने की कोई खास आवशकता नही होती है।
उम्मीद है कि Technical Analysis से संबंधित यह लेख आपको पसंद आया होगा। इस लेख के बारे में आपकी क्या राय है ? कमेंट के माध्यम से हमे जरूर अवगत कराएं।
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Sir bohot kuch sikhne ko mila apka bohot bohot dhanyabaad
Yese hi gyan batte rhaiye
Dhanyabaad
Thank you sir
Aapne bahut hi aasan tarike se option trading ke bareaon samzaya