ट्रेडिंग मनोविज्ञान क्या है ? | How To Develop Trading Psychology In Hindi

इंट्राडे ट्रेडिंग से पैसा बनाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका ट्रेडिंग मनोविज्ञान ( Trading Psychology ) की होती है।  पर अधिकांश ट्रेडर इस महत्वपूर्ण विषय पर ज्यादा ध्यान नही देते हैं।

 इसीलिए बहुत से ट्रेडर ऐसे है जो काफी ट्रेनिंग लेकर शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने आते है लेकिन फिर भी असफल ही हो जाते है, जबकि उन्होंने काफी पैसे खर्च कर के ट्रेडिंग और ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी वगैरह सीखी होती है।

ऐसे ट्रेडर ये नही समझ पाते हैं कि जब सब कुछ सही – सही ही कर रहा हूँ तब भी ट्रेडिंग में नुकसान ही क्यो हो रहा है ?ट्रेडिंग-मनोविज्ञान-क्या-है

इसकी वजह यही है कि जहाँ से भी हम इंट्राडे ट्रेडिंग  के बारे में सीखते है वो लोग तकनीकी विश्लेषण, स्ट्रेटेजी और नियम तो बहुत से बता देते हैं।

और इतना सब सीखने के बाद जब हम लाइव मार्केट में ट्रेडिंग करने जाते हैं तो ज्यादातर मामले में हमलोग असफल ही हो जाते है।

 कारण ये है कि हमने जो सीखा है उसको  लाइव मार्केट में इस्तेमाल करने के लिए क्या मनोस्थिति होनी चाहिए यह हम नही जानते है।

ज्यादातर ट्रेडर तो ट्रेडिंग मनोविज्ञान के बारे में जानते ही नही हैं, और जो लोग थोड़ा बहुत जानते भी हैं तो भी इसे सीखने समझने में कोई रुचि नही रखते हैं।

इस लेख में आज हम यही जानेंगे कि आखिर ये Trading Psychology होती क्या है और इसे क्यों इतना महत्वपूर्ण माना जाता है ? 

ट्रेडिंग मनोविज्ञान क्या होता है तथा इसे कैसे विकसित किया जा सकता है ?  ये जानने से पहले ये समझ लेते हैं कि ट्रेडिंग मनोविज्ञान होता क्या होता है।

इंट्राडे ट्रेडिंग मनोविज्ञान क्या होता है ?  ( What Is Intraday Trading Psychology In Hindi )

इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय हमें अपने नियम कैसे पालन करना है, कितना प्रॉफिट लेना है, कितना नुकसान लेना है, अपनी स्ट्रैटेजी कैसे बनानी है और अपनी स्ट्रैटेजी को लाइव मार्केट में कब और कैसे apply करना है ?

ये कुछ ऐसी बातें हैं जो प्रत्येक ट्रेडर को पता होनी चाहिए। और इन सबका लाभ प्राप्त करने के लिए अपनी ट्रेडिंग के कुछ नियम बनाने जरूरी होते हैं।

 इन नियमों को पालन करने के लिए अपनी भावनाओं पर काबू रखना बहुत जरूरी होता है।trading-psychology-hindi

अपनी भावनाओं को काबू में रख पाना आसान नही होता है क्योंकि इसके लिए अपने दिमाग को नियंत्रित की रखने आवश्यक होती  है।

इसके लिए हमे अपने अन्दर एक ट्रेडिंग मनोविज्ञान विकसित करना पड़ता है, जो कि लगातार अभ्यास से ही संभव हो पाता है।

जब एक बार हम खुद को नियंत्रित करने और नियमों का पालन करने में सफलता प्राप्त कर लेते हैं तो इंट्राडे ट्रेडिंग हमारे लिए काफी लाभप्रद हो जाती है।

अपने नियम बनाना और ट्रेडिंग के समय उनका सटीक पालन करने के लिए अपने आपको मानसिक रूप से मजबूत करना ही Trading Psychology का विषय क्षेत्र है।

इंट्राडे ट्रेडिंग मनोविज्ञान कैसे विकसित करें ? (How To Develop A Trading psychology In Hindi )

ट्रेडिंग मनोविज्ञान विकसित करने के लिए यहां कुछ नियम बताए जा रहे है जिनका पालन करके अपनी Intraday Trading Psychology को जल्दी ही विकसित किया जा सकता है।

भय और लालच की भावना पर नियंत्रण

जब कोई ट्रेडर इंट्राडे ट्रेडिंग करता है तो उसके अन्दर ये डर बना रहता है कि ‘कही लॉस न हो जाये’ इसी भय से वह बहुत जल्दी अपनी पोजिशन बंद कर देता है। जिसका परिणाम ये होता है कि वह अपना पूरा प्रॉफिट नही लेकर जा पाता है।

वहीं दूसरी ओर इसके विपरीत लालच की भावना होती है, वैसे तो लालच ही ट्रेडर को इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए प्रेरित करता है परन्तु अधिकतर ट्रेडर लालच के चक्कर मे फंसकर ही अपना काफी नुकसान भी कर लेते है। 

जैसे कि किसी ट्रेडर ने खरीद का ट्रेड डाला और उसे लगता है कि इस स्टॉक का भाव आज काफी ऊपर तक जाएगा परन्तु वह स्टॉक नीचे गिरने लगता है,लालच-से-दूर-रहे

लेकिन ट्रेडर उस ट्रेड से बाहर नही निकलना चाहता है क्योंकि उसे लालच बना रहता है कि अभी स्टॉक ऊपर जाएगा।

जबकि उस स्टॉक का भाव दिन के अन्त तक काफी ज्यादा गिर जाता है और ट्रेडर को भारी नुकसान उठाना पड़ जाता है।  इंट्राडे ट्रेडिंग में यदि सफल होना है तो ट्रेडर को अपनी इन दोनों भावनाओ को अपने काबू में रखना होगा।

इन भावनाओं को काबू में रखने के लिए ट्रेड लेने से पहले उस ट्रेड की पूरी योजना बनी होनी चाहिए। अपने पास एक स्पष्ट नीति होनी चाहिए कि यह ट्रेड हमे कब लेना है तथा कितना प्रॉफिट लेकर हमें अपनी पोजिशन बन्द कर देनी है और इस ट्रेड में मेरा स्टॉप लॉस कितना होगा आदि – आदि । 

यह सब योजना ट्रेड लेने से पहले ही एकदम स्पष्ट होना चाहिए तथा ट्रेड के दौरान हमे केवल चार्ट  देखना है और अपनी योजनानुसार ही कार्य करना है।

मानव स्वभाव ही ऐसा होता है कि अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखना आसान नही होता है इसके लिए लगातार अभ्यास करते रहने से ही इसमे पारंगत हुआ जा सकता है।

इसलिए एक इंट्राडे ट्रेडर को सबसे पहले अपनी भावनाओं को अपने नियंत्रण में रखने का अभ्यास करना जरूरी है तभी हम किसी ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी  से पैसा बनाने में सफल हो पायेंगे।

प्रॉफिट ( Profit ) पर ध्यान केन्द्रित करना

सभी लोग जानते हैं कि इंट्राडे ट्रेडिंग में अधिकतर लोग कम समय और कम पैसे से ही ज्यादा पैसा कमाने के लालच में आते हैं।

यह सच भी है कि इंट्राडे ट्रेडिंग से बहुत कम समय मे अधिक पैसा बनाया जा सकता है, लेकिन इसके लिए आपको अपने दिमाग पर नियंत्रण जरूरी है।

हमने जो भी टेक्निकल एनालिसिस  या स्ट्रैटेजी सीखी है  उसके नियम का कड़ाई से पालन करना भी जरूरी है।

हम जो भी इंट्राडे ट्रेडिंग Success Formula या Strategy सीखते हैं तो उसका मकसद सिर्फ यही होता है कि इससे हमें ट्रेडिंग मे पैसा बनाना है।profit-बनाए

इसलिए ट्रेड लेने से पहले हमेशा ये ध्यान रखें कि हमे पैसा बनाने के लिए ही कोई ट्रेड लेना है अपनी तरफ से ऐसी कोई गलती नही होने देना है जिससे हमें कोई नुकसान हो जाए।

सबसे अच्छा तो ये है कि हम खुद अपने लिए स्ट्रैटेजी बनाएं और स्टॉक की कम मात्रा लेकर लगातार कुछ हफ़्तों तक अपनी स्ट्रैटेजी पर अभ्यास करें।

अपनी स्ट्रेटेजी को मार्केट की हर स्थिति में परीक्षण करें उसी आधार पर अपना  ट्रेडिंग मनोविज्ञान विकसित करें। 

जब लगातार किसी चीज पर लंबे समय तक अभ्यास करेंगे तब हम उसकी हर बारीकी को समझ जाएंगे इससे अपना आत्मविश्वास भी काफी मजबूत होगा।

हम जब जीतने के आत्मविश्वास के साथ ट्रेडिंग करेंगे तो सफलता मिलने की संभावना भी काफी हद तक बढ़ जाएगी।

यदि हम शेयर बाजार और इंट्राडे ट्रेडिंग को कैसिनो समझ कर सट्टा लगाएंगे तो यहाँ से सिर्फ और सिर्फ नुकसान ही होगा क्योंकि शेयर बाजार एक तरह का व्यापार है इसे सट्टा समझने की गल्ती कभी न करें।

नुकसान होने पर दुःखी न हो

एक बात हमेशा अपने दिमाग मे बैठा कर रखनी चाहिए कि ‘शेयर बाजार न तो हमेशा फायदा दे सकता है और न ही हमेशा नुकसान देता है’।

बल्कि इन दोनों का मिला – जुला परिणाम देता है, यदि कभी हमे नुकसान होता है तो इससे ज्यादा दुःखी नही होना चाहिए क्योंकि ये सब तो इंट्राडे ट्रेडिंग का हिस्सा है।

अपने ट्रेडिंग नियम यहां अपने लिए काफी हितकर होते हैं क्योंकि यदि अपने ट्रेडिंग नियम का कड़ाई से पालन करेंगे तो हमें कभी ज्यादा नुकसान नही उठाना पड़ेगा। नुकसान को ज्यादा गंभीरता से लेने की जरूरत नही है  और न ही नुकसान की भरपाई के लिए उल्टी – सीधी ट्रेडिंग करनी चाहिए।

कुल मिलाकर हर परिस्थिति में हमें अपना दिमागी संतुलन बनाये रखना है और ये तभी संभव होगा जब हम अपने में इंट्राडे ट्रेडिंग मनोविज्ञान विकसित कर लेंगे।

तेजी से निर्णय लेना

इंट्राडे ट्रेडिंग में हमें बहुत तेजी से कभी – कभी कुछ ही सेकेण्ड में फैसले लेने होते हैं क्योंकि यहाँ सोचने समझने के लिए बहुत अधिक समय नही होता है। जल्दबाजी में फैसले लेने से  बहुत ज्यादा संभावना होती है कि ऐसे फैसले भावनाओ के आधार पर ही ले लिए जाते हैं।

जबकि हमको यहाँ भावनाओ पर नही बल्कि मार्केट ट्रेन्ड और परिस्थितियों के अनुसार निर्णय लेना होता है।

यदि हमारे पास पहले से ही ट्रेडिंग योजना है और अनुशासन के साथ नियंत्रित ट्रेडिंग करते हैं तो फिर हम भावनाओ पर नही बल्कि अपनी योजना और बाजार की परिस्थितियों के अनुसार निर्णय लेने में सक्षम होते हैं।

इस प्रकार से निर्णय लेने पर अपनी सफलता की संभावना भी काफी अधिक बढ़ जाती है।

इंट्राडे ट्रेडिंग मनोविज्ञान ( Trading Psychology ) आपको एक सफल ट्रेडर बनाता है

पहले भी बताया जा चुका है कि इंट्राडे ट्रेडिंग में स्ट्रैटेजी और नियम तभी आपको प्रॉफिट दिला पाएंगे जब आप इन सबका कड़ाई से पालन करेंगे जोकि इतना आसान नही होता।

मानव स्वाभाव में डर और लालच ऐसी भावना है जिसको नियंत्रित करना काफी मुश्किल होता है, लेकिन अगर हम एक बार अपनी इन मनोवैज्ञानिक भावनाओ को नियंत्रित करना सीख लिए तो डे ट्रेडिंग से बहुत अच्छा पैसा कमा सकते हैं।

हमे इस सच्चाई को हमेशा याद रखना है कि इंट्राडे ट्रेडिंग से सफलता में 70 प्रतिशत प्रतिशत योगदान हमारी Intraday Trading Psychology का ही होता है बाकी के 30 प्रतिशत में हमारी स्ट्रैटेजी, नियम और तकनीकी विश्लेषण का योगदान होता है।ट्रेडिंग-मनोविज्ञान-विकसित-करे

लेकिन देखा ये जाता है कि ट्रेडर 30 प्रतिशत वाली चीजो पर ही अधिक ध्यान देते हैं और उसी पर सारी मेहनत भी करते हैं।

कभी भी इंट्राडे के मनोविज्ञान की उपयोगिता पर ध्यान ही नही जाता है।

जो ट्रेडर, इंट्राडे ट्रेडिंग मनोविज्ञान की उपयोगिता समझता है और उस पर काम करता है वह यहाँ से ढेरों पैसा ले जाता है और ऐसे लोग सिर्फ 5 प्रतिशत ही होते हैं।

 95 प्रतिशत लोग तो Trading Psychology की महत्ता को समझते ही नही हैं इसलिए तमाम स्ट्रैटेजी, और तकनीकी विश्लेषण में निपुण होने के बाद भी यहाँ अपने पैसे गँवाकर बाजार से बाहर चले जाते हैं।

अब आपको समझ में आ गया होगा कि इंट्राडे ट्रेडिंग मनोविज्ञान क्या है, और यह आपको कैसे सफल ट्रेडर बनाता है।

दोस्तों, अगर आप भी इंट्राडे ट्रेडिंग से पैसा बनाना चाहते है तो पहले अपनी Intraday Trading Psychology विकसित करने का अभ्यास आज से ही शुरू कर दें।

धीरे – धीरे आप भी 5 प्रतिशत सफल ट्रेडर की श्रेणी में आ जाएंगे।

इंट्राडे ट्रेडिंग मनोविज्ञान की विस्तृत जानकारी के लिए आप इस वेबसाइट के अन्य बहुत से लेखों को भी पढ़  सकते हैं तथा अपनी ट्रेडिंग में Apply कर के शेयर बाजार से काफी पैसा बना सकते हैं।

Trading Psychology से संबंधित यह लेख आपको कैसा लगा कमेंट के माध्यम से हमे जरूर बताएं।

 

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5 thoughts on “ट्रेडिंग मनोविज्ञान क्या है ? | How To Develop Trading Psychology In Hindi”

  1. super sir……….
    sir apne india me share market ko bhut glt mante hai demotivate krte …..es topic pr ek lekh likhe jisse hme pdhke motivation mile……..aj america me 50% log stock market se paise kmate hai……apne desh me ye snkhya km hai

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