Indian Commodity Market | Commodity vs Equity in Hindi

indian-commodity-market दोस्तो, आप में  से बहुत से लोग ऐसे हैं जो कमोडिटी ( commodity ) ट्रेडिंग के बारे में जानना चाहते हैं।

तो यदि आप भी कमोडिटी ट्रेडिंग में रुचि रखते हैं और जानना चाहते हैं कि भारतीय कमोडिटी मार्केट ( Indian Commodity Market ) क्या है ? और कमोडिटी ट्रेडिंग ( Commodity Trading ) ? कैसे होती है ? तो इस लेख को पूरा पढ़े।

सबसे पहले ये जान लेते है कि कमोडिटी का अर्थ क्या होता है ?

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कमोडिटी क्या है –  ( What is Commodity Trading in Hindi ) – 

यदि आसान भाषा में  समझे तो कमोडिटी का अर्थ होता है ‘वस्तु’।

अर्थात ‘ऐसी वस्तुवें जो मनुष्य द्वारा निर्मित नही होती हैं कमोडिटी कहलाती हैं।’

कपास, ताँबा, सोना, चांदी, जिंक, पॉम आयल, क्रूड ऑयल, प्राकृतिक गैस, दाल, चावल, चना आदि- आदि वस्तुवों या कॉमोडिटी के उदाहरण हैं।

कमोडिटी दो प्रकार की होती हैं –

1 – कृषि वस्तुवें ( Agricultural Commodities ) –

ये ऐसी कमोडिटी होती हैं जो खेतों में पैदा होती हैं या ये कह सकते हैं कि हमारे रसोई में जो वस्तुवें उपयोग की जाती हैं उन्हें ही कृषि वस्तुएं  कहा जाता है। जैसे – आलू , प्याज , टमाटर , गेहूँ , चावल , कपास आदि।

  2 –  गैर कृषि वस्तुवें ( Non Agricultural commodity ) –

सरल भाषा मे कहे तो ये वो वस्तुवें हैं जो प्रकृति द्वारा निर्मित होती हैं और खदानों ( mines ) से प्राप्त होती हैं। जैसे कि प्राकृतिक गैस, कच्चा तेल ( Criud Oil ), सोना, चांदी, जिंक आदि – आदि।

भारतीय कमोडिटी मार्केट ( Indian Commodity Market in Hindi) –

भारतीय कमोडिटी मार्केट भी शेयर बाजार की तरह ही काम करता है लेकिन फिर भी शेयर ( equity ) और कमोडिटी में कुछ अन्तर होते हैं जिसे आगे बताया जाएगा।

भारत में  वैसे तो कमोडिटी ट्रेडिंग के कई प्लेटफॉर्म हैं। लेकिन सबसे ज्यादा ट्रेडिंग MCX और NCDEX में ही किया जाता है।

जैसे कि इक्विटी ट्रेडिंग के लिए सबसे ज्यादा NSE( National Stock Exchange ) और BSE( Bombay Stock Exchange ) का इस्तेमाल किया जाता है।

MCX ( Multi Commodity Exchange in Hindi ) –

MCX एक्सचेंज में गैर कृषि वस्तुओं जैसे – bullions , क्रूड ऑयल, Base Metals, प्राकृतिक गैस आदि का व्यापार किया जाता है। यह एक्सचेंज सोमवार से शुक्रवार तक चलता है और सुबह 9 बजे खुलता है और रात 11:55 बजे तक कार्य करता है।

NCDEX ( National Commodity Derivative Exchange in Hindi ) –

यहाँ पर कृषि से जुड़ी वस्तुवों जैसे – आलू , प्याज , टमाटर , कपास , चना , गेहूं , चावल आदि का व्यापार होता है।

NCDEX एक्सचेंज सोमवार से शुक्रवार सुबह 9 से शाम 5 बजे तक कार्य करता है।

कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है – ( Commodity Trading in Hindi )commodity-trading

दोस्तों, अब तक आप ये तो समझ ही चुके होंगे कि कमोडिटी क्या होती है।अब कमोडिटी ट्रेडिंग को समझने की कोशिश करते हैं।

मान लिया आपको सोना या चांदी खरीदना  है तो आप क्या करेंगे ? आप ज्वेलरी  की दुकान पर जाएंगे और आपको जितना सोना खरीदना होगा उसका जो भी मूल्य चल रहा होगा वो चुकाएंगे और सोना खरीद कर घर ले जाएंगे।

और जब सोना का भाव काफी बढ़ जाएगा तो आप उसे बेच कर मुनाफा बना लेंगे।

उसी प्रकार आप एक्सचेंज के माध्यम से भी सोना खरीद सकते हैं लेकिन यहाँ पर आपको अलग – अलग मात्रा की लॉट साइज मिलेंगी आपको जितने लॉट खरीदना हो खरीद सकते है।

ज्वेलरी  की दुकान के विपरीत यहाँ आपको सोना घर ले जाने को नही मिलेगा बल्कि ऐसे समझिये कि जैसे आप बैंक में पैसों का जो भी लेनदेन करते हैं तो उसका ब्यौरा आपकी पासबुक में दर्ज हो जाता है।

ठीक वैसे ही एक्सचेंज से जो भी खरीद – बिक्री आपके द्वारा की जाती है वो आपके पासबुक में दर्ज हो जाती है भौतिक रूप से आप उसे घर नही ले जा सकते हैं।

कमोडिटी ट्रेडिंग के लिए आपको किसी ब्रोकर के पास अपना डीमैट खाता खुलवाना होता है। वैसे तो भारत के ज्यादातर ब्रोकर कमोडिटी ट्रेडिंग की सुविधा देते हैं। लेकिन फिर भी आपको खाता खुलवाने से पहले पता कर लेना है कि वह ब्रोकर कमोडिटी ट्रेडिंग की आज्ञा देता है या नही।

कमोडिटी मार्केट बिल्कुल शेयर मार्केट की भांति ही कार्य करता है। अगर आपको नही पता कि शेयर मार्केट कैसे काम करता है तो आप इस वेबसाइट के अन्य लेख पढ़ कर समझ सकते हैं।

कमोडिटी मार्केट और शेयर मार्केट में अन्तर –

दोस्तों वैसे तो कमोडिटी मार्केट और शेयर मार्केट के काम करने का तरीका एक जैसा है लेकिन फिर भी दोनों में कुछ अन्तर होता है। जिसे नीचे दिये विवरण से आसानी से समझ सकते हैं ।

                                    Commodity Vs Equity in Hindicommodity-vs-equity

Equity Market ( शेयर मार्केट ) – 

1 –   स्टॉक ट्रेडिंग में हम किसी भी कंपनी का आई.पी.ओ. ( I.P.O.) या किसी भी कंपनी के शेयर के साथ – साथ dollar और euro की भी ट्रेडिंग कर सकते हैं ।

2 –  कंपनियां जो कि कच्चे माल से उत्पाद  (Product ) तैयार करती हैं तथा इस प्रकार के  तैयार उत्पाद  की  ट्रेडिंग शेयर मार्केट में  होती है ।

3 –  Equity का शेयर होल्डर कंपनी का शेयर धारक अर्थात कंपनी का हिस्सेदार बन जाता है।

4 –  लाभांश (Dividend) मिलता है। जो कि होल्डिंग समय मे कंपनियों  द्वारा अपने निवेशकों को दिया जाता है ।

5 –  इंट्राडे ट्रेडिंग के हिसाब से देखा जाये तो यहाँ तरलता ( Liquidity ) ज्यादा होती है और ब्रोकर के द्वारा मार्जिन मनी ( Margin Money ) भी अधिक मिलता है ।

6 – यहाँ lot Size या फुटकर मे एक – दो शेयर भी खरीद सकते हैं। इसलिए यहाँ कम पैसे से भी ट्रेडिंग कर सकते हैं ।

7 –  मुख्यतः N.S.E. और B.S.E. इन दो एक्सचेंज में ट्रेडिंग होती है ।

8 –  N.S.E. और B.S.E. सुबह 9 बजे से शाम 3:30 बजे तक कार्य करते हैं ।

9 –  यहाँ विभिन्न तरीके से ट्रेडिंग कर सकते हैं जैसे – कैश, फ्यूचर और ऑप्शन , delivery आधारित।

  10 –  यदि Risk की बात करें तो यहाँ कॉमोडिटी की तुलना मे कम रिस्क है ।

यहाँ पर लंबी अवधि के लिये निवेश भी किया जाता है ।

कॉमोडिटी मार्केट  ( Commodity Market ) –

1 – कॉमोडिटी ट्रेडिंग में सोना , चाँदी, एल्मुनियम के साथ – साथ कृषि वस्तुवों आदि कि ट्रेडिंग करते हैं ।

  2 – कॉमोडिटी मुख्यतः कच्चा माल (Raw material) ही होते हैं जिससे विभिन्न प्रकार के उत्पाद बनाए जाते हैं ।

3 – शेयर के विपरीत कॉमोडिटी  ट्रेडिंग कान्ट्रैक्ट आधारित होती है। जिसकी एक समय सीमा पहले से ही निर्धारित होती है उसके बाद वह समाप्त हो जाता है ।

4- डिविडेन्ड नहीं मिलता है

5-   कॉमोडिटी ट्रेडिंग मे तरलता कम होती है ।

Equity की तुलना में Margin Money भी कम होता है।

6-   यहाँ पर केवल  Lot Size मे ही ट्रेडिंग होती है  इसलिए स्टॉक की तुलना में ज्यादा पैसे कि आवश्यकता  होती है।

7 – MCX और NCDEX एक्सचेंज के द्वारा ट्रेडिंग होती है ।

8 –  MCX सुबह 9 बजे से रात 11:55 तक कार्य करता है ।

NCDEX में  सुबह 9 से शाम 5 बजे तक कार्य होता है ।

9-  कॉमोडिटी में  केवल फ्यूचर और ऑप्शन विधि में ही ट्रेडिंग होती है ।

10 –  यहाँ पर केवल फ्यूचर और ऑप्शन में  ही ट्रेडिंग होती है इसलिए रिस्क भी अधिक है । निवेश नहीं किया जा सकता है ।

निष्कर्ष  ( Conclusion )  – 

दोस्तों , उम्मीद है कि अब आपको ये समझ मे आ चुका होगा कि Indian Commodity Market क्या है तथा कॉमोडिटी ट्रेडिंग कैसे होती है एवं स्टॉक ट्रेडिंग और कॉमोडिटी ट्रेडिंग में मुख्य रूप से क्या अन्तर है।

जहाँ तक पैसे कमाने की बात की जाए तो बहुत से लोग कमोडिटी ट्रेडिंग कर के बहुत अच्छे पैसे कमा रहे हैं।

यदि आप भी कमोडिटी ट्रेडिंग से पैसे कमाना चाहते हैं तो पहले थोड़ा समय सीखने में लगाइये। जब एक बार आप को कॉमोडिटी ट्रेडिंग सीख और समझ जाएंगे तो बहुत आसानी से पैसे भी कमाने लग जाएंगे।

दोस्तों, कॉमोडिटी ट्रेडिंग से संबंधित यदि आपके पास कोई जानकारी हो जिससे पाठकों को लाभ मिल सकता हो तो आप कमेन्ट के माध्यम से हमें जरूर बतायें।

ये आर्टिकल आपको कैसा लगा कमेन्ट के द्वारा हमें अवगत कराएं ।

 

 

 

 

 

 

 

3 thoughts on “Indian Commodity Market | Commodity vs Equity in Hindi”

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