इंट्राडे ट्रेडर इनकम टैक्स रिटर्न कैसे दाखिल करें

इंट्राडे-ट्रेडर-इनकम-टैक्स-रिटर्न-की-गढ़ना-कैसे-करेंएक इंट्राडे ट्रेडर जब ट्रेडिंग से कुछ पैसे कमाना शुरू करता है तो, उसके सामने जो सबसे बड़ी समस्या आती है कि वो अपनी इस इनकम पर टैक्स कैसे अदा करे। और अपना इनकम टैक्स रिटर्न कैसे दाखिल करे।

    दोस्तों आप को पता है शेयर मार्केट में पैसे कमाने के भिन्न भिन्न तरीके हैं । और हर तरीके पर इनकम टैक्स के अलग – अलग नियम लागू होते है।

परन्तु यहाँ हम केवल इंट्राडे ट्रेडिंग पर कैसे टैक्स भरना होता है और कैसे इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल होता है, इसी पर चर्चा करेंगे।

 अन्य प्रकार की ट्रेडिंग पर इनकम टैक्स कैसे भरना होता है इसकी जानकारी चाहिए तो मुझे कमेंट करके बताएं। उसके लिए अलग से एक लेख प्रकाशित कर दूंगा।

इंट्राडे ट्रेडर अपना इनकम टैक्स रिटर्न कैसे दाखिल करें –

  आयकर की बात करने से पहले जी.एस.टी. की बात कर लेते हैं क्योंकि कई ट्रेडर ये सोचते हैं कि उन्हें जी. एस .टी. भी देनी होगी ।

लेकिन ऐसा नही है आप जब ट्रेडिंग करते हैं तो आपका ब्रोकर उसी समय जी एस टी काट लेता है आपको अलग से इसे कहीं जमा कराने की जरूरत नही है।

  अब बात करते हैं इनकम टैक्स का क्या प्रावधान है ?

जिनको नही पता है उनलोगों की जानकारी के लिए बता दूं कि इनकम टैक्स नियमों के अनुसार इंट्राडे ट्रेडिंग को Speculative Business ( सट्टा व्यापार ) माना जाता है।

 आप जो भी कार्य करते हैं जैसे व्यापार , नौकरी या फिर ब्याज से आय अर्जित करते हैं। तो अपनी उसी आय में ट्रेडिंग इनकम को भी जोड़ दीजिए –

इसे उदाहरण के साथ समझते हैं – मान लिया व्यापार या वेतन आदि से आपकी आय रु. 100000 है एवं इंट्राडे ट्रेडिंग से आपकी आय रु. 50000 है तो आयकर गढ़ना करने पर आपकी कुल आय रु. 150000 होगी वर्तमान आयकर नियमो के अनुसार रु. 250000 तक की आय पर कोई टैक्स नही देना पड़ता है।

अर्थात आपको कोई टैक्स नही देना होगा।

 यदि आपकी कुल आय रु. 250000 से ऊपर होगी तो आयकर नियम के अंतर्गत जो भी टैक्स बनता है वो आपको देना पड़ेगा।

 यहाँ ये भी ध्यान देना आवश्यक है कि यदि आपके ब्रोकर द्वारा कोई आयकर (Tax Deduction at Source, TDS) काटा गया है तो आप उसे भी अपने टैक्स में समायोजित कर सकते हैं।

 और यदि आप की आय निर्धारित टैक्स सीमा से कम है तो आप रिफण्ड दावा भी कर सकते हैं।

इंट्राडे ट्रेडर द्वारा इनकम टैक्स से संबंधित अन्य सवालों के जवाब –इंट्राडे-ट्रेडर-इनकम-टैक्स-रिटर्न-कैसे-दाखिल-करें

 1- यह कैसे पता करें कि ट्रेडिंग से कितनी आय हुई है ?

ट्रेडिंग से कितनी आय हुई है ये जानने के लिए आप ब्रोकर द्वारा भेजे जाने वाले कॉन्टेक्ट नोट को डाऊनलोड कर ले और उसी आधार पर प्रॉफिट और लॉस की एक सारिणी बना कर दोनों का योग चेक कर लें पता चल जाएगा कि कितना प्रॉफिट या लॉस हुआ है।

2 – क्या इंट्राडे ट्रेडर को अलग से GST. जमा करने की जरूरत है ?

  नही ट्रेडर को अलग से किसी भी प्रकार की कोई GST. नही जमा करनी है।

अपने कॉन्टेक्ट नोट में आपके द्वारा जमा की गई GST. भी देख सकते हैं।

3 – इंट्राडे ट्रेडिंग से जो आय होती है उस पर इनकम टैक्स की गढ़ना करने से पूर्व अपने खर्चो की छूट भी ले सकते है जैसे – यदि अपने कोई आफिस किराये पर ले रखा हो तो किराये की छूट ले सकते है।

इसके अलावा बिजली के खर्च इंटरनेट आदि खर्च की भी छूट ले सकते हैं।

4 – ITR फॉर्म कौन सा प्रयोग होगा ?

 जो आपका मुख्य आय स्रोत है उसी अनुसार जैसे- यदि वेतन से आय है तो ITR1 

व्यापार से आय है तो ITR 4 

ब्याज या अन्य स्रोत से आय पर ITR 2 या ITR 3

 निष्कर्ष ( The Conclusion ) –

  इंट्राडे ट्रेडिंग से हुई आय पर इनकम टैक्स की गढ़ना करना और अपना इनकम टैक्स रिटर्न ( Income Tax Return ) दाखिल करना बहुत ही आसान है।

 जानकारी के अभाव में बहुत से लोग इसे नही समझ पाते और Tax Professional की मदद लेनी पड़ती है।

उम्मीद है इस लेख से आपको इंट्राडे ट्रेडिंग इनकम पर इनकम टैक्स की गढ़ना करना आसानी से समझ में आ गया होगा।

यदि इनकम टैक्स से सम्बन्धित और भी कोई सवाल आपके पास है जिसका जवाब आपको नही पता तो कॉमेंट के माध्यम से अवगत कराएं। तथा ये लेख आपको कैसा लगा ये भी जरूर बताएं।

 

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