PAN Card Kaise Banta Hai | पैन को आधार से कैसे लिंक करें

 अधिकांश लोगों ने अपना PAN Card जरूर बनवा रखा होगा, क्योंकि पैनकार्ड की अब हर वित्तीय लेन – देन में अनिवार्य रूप से आवश्यकता होती है।

लेकिन क्या आपको पता है कि पैनकार्ड आखिर होता क्या है ? और किसी भी वित्तीय लेन – देन में इसकी अनिवार्यता क्यों है ?

PAN कैसे बनता है ? पैनकार्ड प्राप्त करने से क्या लाभ मिलते हैं ?

इस लेख में  PAN से जुड़ी तमाम महत्वपूर्ण जानकारियों के साथ – साथ खुद से अपने पैन को आधार कार्ड से लिंक करने का तरीका बहुत ही सरल भाषा मे बताया गया है।

इसलिए लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।

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पैन क्या होता है ? ( PAN Card kya Hai )

Permanent Account Number ( स्थाई खाता संख्या ) को ही संक्षेप में PAN बोला जाता है।

पैन 10 अंको की एक विशिष्ट संख्या या कोड होता है, जिसे पैन नंबर ( PAN Number ) कहा जाता है।

पैन नंबर जो कि कुछ अक्षर और कुछ अंको ( Alphanumeric Number ) को मिलाकर बनता है, 

उदाहरण  BQLPS4820P इस प्रकार से पैन नंबर बनता है।पैनकार्ड-क्या-है

इसे भारत सरकार के आयकर विभाग ( Income Tax Department ) द्वारा Income Tax Act 1961 की धारा 139AA के तहत जारी किया जाता है।

आयकर विभाग द्वारा इस स्थाई खाता संख्या को एक प्लास्टिक कार्ड के रूप में आवेदक को उपलब्ध कराया जाता है, जिसे पैनकार्ड कहते हैं।

 पैनकार्ड पर पैन नंबर के साथ – साथ आवेदक का नाम, आवेदक के पिता का नाम, आवेदक की फोटो, जन्मतिथि एवं हस्ताक्षर अंकित होता है।

किसको पैनकार्ड प्राप्त करना अनिवार्य है ?

इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 139 (A) के अनुसार निम्नलिखित को पैन लेना अनिवार्य है –

1 –  उन सभी व्यक्तियों या संस्थाओं को पैन लेना अनिवार्य है जिनकी वार्षिक आय करयोग्य आय से अधिक है ( वर्तमान में जिनकी  वार्षिक आय रु. 2,50,000 से अधिक हो ) उनको पैन लेना अनिवार्य है ।

2 –  ऐसे व्यक्ति भी जिनकी वार्षिक करयोग्य आय दूसरों के द्वारा होती हो जैसे – किसी नाबालिग बच्चे की आय उसके माता- पिता की आय में जुड़कर करयोग्य होती हो।

3 –  कोई भी संस्था अथवा ट्रस्ट जिसे धारा 139 (4A) के तहत इनकम टैक्स रिटर्न भरना आवश्यक है उन्हें भी पैन लेना अनिवार्य है।

4 –  ऐसा कोई भी व्यक्ति जो अपना व्यापार या व्यवसाय करता है जिसमे सालाना बिक्री या कुल प्राप्ति रु. 5 लाख से अधिक हो या होने की संभावना हो, को पैन प्राप्त करना अनिवार्य है।

5 –  प्रत्येक वह व्यक्ति जो कोई ऐसा वित्तीय लेन – देन करता हो, जिसमें पैन अनिवार्य हो तो पैनकार्ड लेना पड़ेगा।

6 –  कोई भी ऐसा व्यक्ति जो उपरोक्त किसी भी श्रेणी में नही आता है वह भी स्वेच्छा से पैन ले सकता है।

पैनकार्ड की उपयोगिता | PAN क्यों जरूरी  है ?

1 –  पैनकार्ड किसी व्यक्ति या संस्था के द्वारा किये जाने वाले सभी वित्तीय लेन – देन को आयकर विभाग से जोड़ता है। 

2 –  TDS / TCS, कर भुगतान, इनकम टैक्स रिटर्न आदि पैन के माध्यम से ही दाखिल और संचालित होते हैं।

3 –  कोई व्यक्ति या संस्था पैन के माध्यम से ही आयकर विभाग से सम्पर्क या पत्र- व्यहवार कर सकता है।

4 –  पैन के माध्यम से ही आयकर विभाग किसी व्यक्ति या संस्था के वित्तीय लेन – देन, पूंजीनिवेश, तथा अन्य व्यावसायिक गतिविधियों पर निगरानी रखता है।

5 –  किसी बैंक में खाता खोलने या वित्तीय ऋण लेने, विदेश यात्रा, महंगी उपभोक्ता बस्तुवों को खरीदने, शेयर खरीदने अथवा अचल संपत्ति का लेन – देन आदि कार्यो हेतु पैनकार्ड अनिवार्य है।

6 –  वित्तीय लेन – देन के अतिरिक्त पैनकार्ड एक महत्वपूर्ण फोटो पहचान पत्र के रूप में भी प्रयोग हेतु भारत के सभी सरकारी और गैर सरकारी संस्थान मान्यता प्रदान करते हैं।

किस वित्तीय लेन – देन में PAN देना अनिवार्य होता है ?

कुछ ऐसे वित्तीय लेन – देन हैं जहाँ अपना पैन देना अनिवार्य होता है, जैसे कि  –

1 –  यदि आप कोई ऐसी अचल संपत्ति खरीद या बेच रहे हैं, जिसकी कीमत रु. 5 लाख या इससे अधिक है, तो खरीदने और बेचने वाले दोनों को अपना पैनकार्ड लगाना अनिवार्य है।

2 –  बैंक में खाता खोल रहे हैं तो आपको अपना पैनकार्ड लगाना अनिवार्य है।

यदि किसी नाबालिग के नाम से खाता खोलना है तो ऐसे मामले में माता – पिता अथवा संरक्षक को अपना पैन देना होगा।

3 –  किसी बैंक, फाइनेंस कंपनी या डाकघर के बचत खाते में 50 हजार रुपये या इससे अधिक जमा कर रहे हैं तो अपना पैन देना अनिवार्य होता है।

4 –  यदि जीवन बीमा की किस्त एक वित्तीय वर्ष में 50 हजार रुपये  या  इससे अधिक है तो पैन देना अनिवार्य है।

5 –  दो पहिया मोटर गाड़ी को छोड़ कर अन्य कोई मोटर गाड़ी खरीद ये बेच रहे हैं तो पैन देना जरूरी होता है।

6 –  50 हजार रुपये  या इससे अधिक मूल्य के किसी कंपनी के शेयर खरीदने में भी पैन देना अनिवार्य होता है।

7 –  यदि किसी होटल या रेस्टोरेंट का एक बार मे 25 हजार रुपये या इससे अधिक के बिल का भुगतान करते हैं तो पैनकार्ड देना होगा।

8 –  कुछ पड़ोसी देशों जैसे – श्रीलंका, बंगलादेश, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, मालदीव, एवं

कुछ धार्मिक यात्राओं जैसे हज के लिए सऊदी अरब और कैलाश मानसरोवर के लिये चीन की यात्रा को छोड़कर,

अन्य किसी विदेश यात्रा में एक बार मे रु. 25 हजार या इससे अधिक का भुगतान करने पर पैन देना अनिवार्य है।

9 –  किसी भी बैंक या वित्तीय कंपनी का डेबिट या क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने या इसके लिए आवेदन करने पर अपना पैनकार्ड लगाना अनिवार्य होगा।

10 –  रु. 5 लाख ये इससे अधिक की धनराशि से सोना – चांदी, या सोना – चांदी के गहने की खरीद पर पैनकार्ड अनिवार्य होता है।

पैनकार्ड संबंधित कानूनों के उलंघन पर क्या दंड है ?

जब केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ( CBDT ) या आयकर विभाग को किसी व्यक्ति या किसी संस्थान के ऐसे वित्तीय दस्तावेज प्राप्त होते हैं जहां पैन देना अनिवार्य था।

उपरोक्त विभाग जांच करेगा कि इन दस्तावेजों में पैन संबंधी नियमों का पालन उचित प्रकार से किया गया है या नही।

इनकम टैक्स एक्ट की धारा 272B के अनुसार पैन नियमों के उलंघन पर पैन देने वाले और पैन लेने वाले दोनों पक्षो को दंडित किया जाएगा।

उदाहरण के तौर पर कोई व्यक्ति अपना खाता खुलवाने बैंक जाता है और अपना पैन नही देता है या, गलत पैन दे देता है।

ऐसे मे यदि  बैंक उसका खाता खोल देता है तो धारा 272B के अनुसार, उस व्यक्ति को पैन न देने अथवा गलत पैन देने के लिए दंडित किया जा सकता है ।

एवं बैंक को भी पैन न लेने या पैन नियमों का उचित पालन न करने के आधार पर दंडित किया जा सकता है ।

इस धारा 272B के अनुसार पैन नियमों का उलंघन करने या सही से पालन न करने पर रु. 10 हजार तक का जुर्माना हो सकता है

पैनकार्ड कैसे बनता है ? ( PAN Card Kaise Banaye )

मुझे उम्मीद है कि आप मे से अधिकतम लोगों ने अपना पैनकार्ड बनवा ही लिया होगा । 

परंतु जिनका नही बना है वो बताई गई विधि से आवेदन कर के अपना PAN Card बनवा सकते हैं।

ऑफलाइन पैनकार्ड के लिए आवेदन कैसे करें ?

यदि आप भारतीय नागरिक हैं, भारतीय कंपनी है अथवा भारतीय निगमित ( Corporate ) या अनिगमित संस्थाएं है या ऐसी संस्थाओं के गठन के लिए पैन की आवश्यकता है तो आपको फॉर्म 49A,  

और यदि कोई व्यक्ति जो भारत का नागरिक नही है अथवा भारत के बाहर निगमित या अनिगमित संस्थाएं हैं, या भारत के बाहर ऐसी संस्थाओं के गठन हेतु पैनकार्ड की आवश्यकता है तो फॉर्म 49AA भरना पड़ेगा।

उपरोक्त दोनों फॉर्म ( 49A / 49AA )  www.incometaxindia.gov. in  से डाऊनलोड किया जा सकता है तथा भरकर अपने निकटतम यू.टी.आई.आई.टी.एस.एल ( UTIITSL ) अथवा एन.एस.डी.एल ( NSDL ) के पैनकार्ड आवेदन कार्यालय में जाकर  निर्धारित फीस के साथ जमा कर देना है।

7 से 10 दिनों में पैनकार्ड बनकर आपके दिए गए पते पर पहुँच जाएगा।

ऑनलाइन पैनकार्ड के लिए आवेदन कैसे करें ? ( Online PAN Card kaise banaye )

ऑनलाइन पैनकार्ड बनवाने के लिए आपको  www.utiitsl.com  अथवा  www.tin-nsdl.com  वेबसाइट पर उपरोक्त फॉर्म को ऑनलाइन भरकर और निर्धारित फीस ऑनलाइन माध्यम से जमा कर के आवेदन प्रक्रिया पूरी करनी है।अनलाइन-पैनकार्ड-बनाएं

ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी भी माध्यम से सफलतापूर्वक आवेदन पूर्ण करने के पश्चात आपको रसीद ( Acknowledgement ) प्राप्त हो जाएगी।

इस रसीद पर दिए गए नंबर द्वारा उपरोक्त वेबसाइट ( जिससे आवेदन किया है )  के माध्यम से अपने आवेदन की स्थिति की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

पैनकार्ड के लिए आवेदन शुल्क ?  PAN Card Fee In Hindi

अपनी स्थिति के अनुसार यदि आप पैनकार्ड भारतीय पते पर प्राप्त करना चाहते हैं तो इसके लिए रु. 93 + GST ( टोटल 107 रुपये ) आवेदन शुल्क देना होगा।

और यदि कोई अपना पैनकार्ड भारत के बाहर किसी स्थान पर प्राप्त करना चाहता है तो उसे रु. 93 + रु. 771 शिपिंग चार्ज ( टोटल 864 रुपये ) आवेदन शुल्क के रूप में भरना पड़ेगा।

पैनकार्ड आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज

पैनकार्ड के लिए आवेदन करते समय आवेदक को पहचान, पते और जन्मतिथि का प्रमाण देना होता है जिसकी विस्तृत जानकारी आवेदन फॉर्म के साथ संलग्न होती है।

वैसे अगर आप आधार कार्ड अथवा पासपोर्ट देते हैं तब कोई अन्य प्रमाण – पत्र नही देना पड़ेगा ।

इसके अतिरिक्त 2 पासपोर्ट साइज के रंगीन फोटो आवेदन फॉर्म में निश्चित स्थान पर चिपका कर हस्ताक्षर बनाना होता है।

ई – पैन क्या होता है ? e – PAN In Hindiपैन-आधार-लिंकिंग-तिथि

e – PAN भौतिक कार्ड के रूप मे न होकर पीडीएफ (PDF) प्रारूप में होता है।

यदि किसी आवेदक को फिजिकल पैनकार्ड की आवश्यकता नही होती है तो आवेदन फॉर्म में e – PAN के विकल्प का चयन किया जाता है।

इस स्थिति में आपका पैनकार्ड  दिए गए फिजिकल पते पर न भेजकर, आपके e – mail पते पर PDF प्रारूप में भेज दिया जाएगा।

फिजिकल पैनकार्ड की अपेक्षा e – PAN का आवेदन शुल्क ( e – PAN के लिए आवेदन शुल्क 70 रुपये है। ) भी कम होता है।

e – PAN प्राप्त होने में समय भी बहुत कम लगता है क्योंकि यह सीधे आप द्वारा दिए गए e – mail पते पर भेज दिया जाता है।

तत्काल – पैन किसे कहते हैं ?  (What is Instant – PAN in Hindi )

आयकर विभाग ने तत्काल – पैन बनाने की नई सुविधा प्रदान की है।

इस सुविधा के तहत आवेदक को उसके आधार नंबर के आधार पर पैन प्रदान कर दिया जाता है।

इस सुविधा का लाभ लेने के लिए आवेदक को निम्न शर्तें पूर्ण करनी होंगी

1 –  आवेदक के आधार कार्ड से आवेदक का मोबाईल नंबर लिंक होना चाहिए।

2 –  आवेदक के आधार कार्ड  जन्मतिथि पूर्ण रूप में अंकित होनी चाहिए। मात्र जन्मवर्ष अंकित होने पर तत्काल – पैन आवंटन की सुविधा नही मिलेगी।

3 –  आवेदक को इससे पहले कभी पैन आवंटित न हुआ हो।

4 –  आवेदक की आयु 18 वर्ष से कम नही होनी चाहिए।

तत्काल – पैन कैसे बनता है ? ( Instant –  PAN Kaise Banaye )

तत्काल पैन बनाने के लिए आयकर विभाग की वेबसाइट  www.incometax.gov.in  के होम पेज पर जाकर Instant PAN विकल्प पर Click करें।

पैन आवंटन के लिए अपना आधार नंबर दर्ज कर के जेनरेट आधार ओटीपी बटन दबाएं।

मोबाईल फोन मे प्राप्त OTP को निर्धारित स्थान पर भरकर सबमिट करें। प्राप्त निर्देशों का पालन करते हुए आगे की आवेदन प्रक्रिया पूरी करें।

आवेदन प्रक्रिया सफलता पूर्वक पूर्ण कर लेने के कुछ मिनटों बाद ही आपका पैन दिए गए e – mail पर PDF प्रारूप में प्राप्त हो जयेगा।

उपरोक्त वेबसाइट से भी अपना तत्काल पैन डाऊनलोड किया जा सकता है।

तत्काल पैन प्राप्त करने के लिए आपको किसी भी प्रकार का कोई शुल्क नही देना होता है। यह एकदम फ्री में प्राप्त हो जाता है

अपने पैन को आधार कार्ड से कैसे लिंक करें ? ( Pan Ko Aadhar Se Kaise Link Kare )

अगर अभी तक अपने पैनकार्ड को आधार से लिंक नही किया है तो 31 मार्च  2022 तक अवश्य कर ले।

यदि सरकार द्वारा निर्धारित अंतिम तिथि तक आपने अपना पैन और आधार लिंक नही किया तो इनकम टैक्स एक्ट 1961 की नई धारा 234H के तहत 1000 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है

इसके अलावा सरकार द्वारा निर्धारित अंतिम तिथि तक पैन को आधार से न लिंक करने पर आपका पैनकार्ड निष्क्रिय हो जाएगा अर्थात आप अपने पैनकार्ड का कही भी उपयोग नही कर पाएंगे।

जिससे आपको बैंकिंग और अन्य वित्तीय लेन – देन में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।pancard -aadhar-linking-hindi

इसलिए सरकार द्वारा निर्धारित अंतिम तिथि से पूर्व यहां बताई गई दो विधियों में से किसी भी एक विधि से अपने पैन, को आधार कार्ड से स्वयं लिंक कर सकते हैं।

 पैन को आधार से लिंक करने का पहला तरीका ( PAN, Aadhar Linking In Hindi )

अपने पैन को आधार से लिंक करने के लिए इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट के लिंक –https://eportal.incometax.gov.in/iec/foservices/#/pre-login/bl-link-aadhaar    पर जाकर दिए गए निर्देशों के अनुसार अपना PAN, आधार नंबर और नाम भर कर सबमिट का बटन दबा दें।

यदि आपके द्वारा दिया गया विवरण सही होगा तथा पैन और आधार के डाटा के साथ मैच कर जाएगा तो पैन और आधार एक दूसरे से लिंक हो जाएंगे।

 पुष्टि के लिए आपकी स्क्रीन पर Your PAN is linked to Aadhaar Number लिखकर आ जायेगा।

किसी भी समय पैन और आधार लिंकिंग की स्थिति जानने के लिए आयकर विभाग की वेबसाइट पर स्टेटस (Status) नाम से दिए गए लिंक पर Click करें और मांगी गई सूचनाओं को भरकर अपने पैन और आधार लिंकिंग की स्थिति ज्ञात कर लें।

मोबाइल से पैन और आधार को लिंक करने का तरीका ( Mobile Se PAN Ko Aadhar Se Link Kare )

यदि  पहले बताए गए तरीके से पैन और आधार लिंकिंग में कोई समस्या आ रही हो तो, आप अपने मोबाइल फोन से भी पैन को आधार से लिंक कर सकते हैं।

 इसके लिए आयकर विभाग द्वारा जारी SMS सेवा का लाभ ले कर दिए गए नंबर  567678 अथवा  56161 पर निर्देशानुसार SMS कर के अपने पैन को आधार के साथ आसानी से लिंक सकते हैं।

  दोस्तो, उम्मीद है कि इस लेख से पैन को आधार कार्ड से लिंक करना सीखने के साथ – साथ, पैनकार्ड से संबंधित बताई गई अन्य जानकारियों से भी आपको जरूर कुछ न कुछ लाभ अवश्य हुआ होगा

कमेंट के द्वारा इस लेख से संबंधित अपनी राय हमें जरूर बताएं।

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पैनकार्ड से जुड़े कुछ अन्य सवाल – जवाब  PAN  F A Q

Q – क्या पैनकार्ड प्राप्त कर लेने से इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य होता है ? 

Ans. –  सिर्फ पैनकार्ड प्राप्त कर लेने से इनकम टैक्स रिटर्न भरना अनिवार्य नही होता है।
आयकर कानून की धारा 139 के अनुसार इनकम टैक्स रिटर्न उनको भरना अनिवार्य है जो आयकर विभाग द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुसार रिटर्न दाखिल करने के उत्ततदायी हों।

Q – क्या एक व्यक्ति एक से अधिक पैन रख सकता है?

Ans. – इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 272B के अनुसार  एक से अधिक पैन रखने पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
धारा 272B से स्पष्ट है कि एक ब्यक्ति एक से अधिक पैन नही रख सकता है।
और यदि गलती से एक व्यक्ति को एक से ज्यादा पैन प्राप्त हो गए हो तो तुरंत अतिरिक्त पनकार्डों को आयकर विभाग को वापस कर देना जरूरी है।


Q –  क्या एक विवाहित महिला पैनकार्ड आवेदन पत्र में अपने पति का नाम दे सकती है ?

Ans. – आयकर नियमों के अनुसार पैनकार्ड आवेदन फॉर्म में आवेदक को अपने माता या पिता में से ही किसी एक का नाम देना होता है।
विवाहित महिला भी पैन आवेदन पत्र में सिर्फ अपनी  माता अथवा पिता का ही नाम दे सकती है, अपने पति का नाम नही दे सकती है।

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