GST: क्या आप जानते हैं जीएसटी में शून्य रेटेड और कर-मुक्त आपूर्ति में क्या अंतर है?

Zero Rated Supply in Hindi / शून्य प्रतिशत टैक्स आपूर्ति

Zero rated या शून्य (0) प्रतिशत टैक्स सप्लाई का अर्थ होता है कि ऐसे माल या सेवा की सप्लाई (बिक्री ) जो कि कर मुक्त के अंतर्गत नहीं आता है परन्तु उस पर कोई करदेयता नहीं बनती है।

उदाहरण स्वरुप निम्नलिखित प्रकार में किसी भी वस्तु या सेवा की बिक्री अथवा आपूर्ति को Zero rated ( Nil rated ) या शून्य प्रतिशत टैक्स दर वाली आपूर्ति मानी जाएगी –

1- माल अथवा सेवाओं का देश के बाहर निर्यात, अथवा

2- किसी विशेष आर्थिक क्षेत्र डेवलपर (Special Economic Zone Developer) या विशेष आर्थिक क्षेत्र इकाई (SEZ Unit) को माल या सेवाओं की सप्लाई या बिक्री।

gst-zero-rated-vs-exempt-supplpy

GST applicability ( जी.एस.टी. करदेयता )

ऐसे सभी GST पंजीकृत करदाता जो भारत के बाहर या विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZ) में वस्तुओं या सेवाओं कीआपूर्ति करते हैं, तो लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LUT) के तहत उनकी करदेयता 0 % की दर पर करयोग्य होगी।

Input Tax Credit (ITC)

शून्य दर पर आपूर्ति किये गए माल या सेवाओं पर ITC का दावा किया जा सकता है।

Registration Under GST (जी.एस.टी. पंजीकरण)

कोई व्यक्ति जो शून्य रेटेड माल या सेवाओं की आपूर्ति करता है उसे GST अधिनियम के तहत अनिवार्य रूप से GST पंजीकरण कराना होगा।

Issue invoice (बिल जारी करना )

शून्य कर दर पर सप्लाई करने वाले व्यक्ति को इस घोषणा के साथ टैक्स इनवॉइस जारी करना होगा कि सप्लाई किया गया माल या सेवा विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZ) अथवा LUT के तहत बिना GST के भुगतान सप्लाई किया गया है।

Examples (उदाहरण )

SEZ अथवा SEZ Developers क्षेत्र में बिक्री /आपूर्ति या विदेशी निर्यात / आपूर्ति ।

Exempt Supply ( कर मुक्त आपूर्ति )

कर मुक्त (छूट) आपूर्ति का अर्थ ऐसी वस्तु या सेवा की आपूर्ति से है जो GST अधिनियम के प्रावधानों के तहत पूरी तरह से कर से मुक्त हो और जो कर मुक्त सप्लाई में शामिल हो।

GST applicability ( जी.एस.टी. करदेयता )

GST अधिनियम के तहत कर से मुक्त वस्तुवों या सेवाओं की सप्लाई पर GST टैक्स लागू नहीं होता है।

Input Tax Credit (ITC)

कर मुक्त वस्तुवों की सप्लाई / उपयोग पर किसी भी प्रकार की ITC का दावा नहीं नहीं किया जा सकता है।

Registration Under GST (जी.एस.टी. पंजीकरण)

कर मुक्त माल या सेवा की आपूर्ति / बिक्री करने वाले व्यक्ति को GST अधिनियम के तहत पंजीकरण कराने की आवश्यक्ता नहीं होती है।

Issue invoice (बिल जारी करना )

कर मुक्त माल या सेवा की आपूर्ति करने वाले व्यक्ति टैक्स इनवॉइस नहीं जारी कर सकते हैं बल्कि इसके स्थान पर बिल ऑफ सप्लाई (Bill Of Supply) जारी करने की आवश्यक्ता होती है।

Examples (उदाहरण )

ताजे फल, ताजी सब्जियां या ताजा दूध आदि।

आवाश्यक प्रश्न और उत्तर

विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) क्या है?

विदेशी निवेश को आकर्षित करने और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देने के लिए कर छूट का लाभ उठाकर तेजी से आर्थिक विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) बनाए जाते हैं।
उदाहरण 1- गुजरात में सूरत SEZ भारत का सबसे बड़ा SEZ है और इसे कपड़ा और हीरा उद्योगों के केंद्र के रूप में जाना जाता है।
2- महाराष्ट्र में नवी मुंबई SEZ सूचना प्रौद्योगिकी (IT) और सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़ी सेवाओं (ITES) का केंद्र है।

LUT क्या है?

ऐसे GST पंजीकृत करदाता जो भारत से बाहर अथवा विशेष आर्थिक क्षेत्रों में अपने माल या सेवाओं का निर्यात / सप्लाई 0 % की कर दर से किया जाता है उन्हें GST पोर्टल पर उपलब्ध फॉर्म GST-RFD-11 में एक लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LUT) प्रस्तुत करना होता है।

जीएसटी में ITC क्या होता है?

ITC का पूरा नाम In Put Tax Credit है।
यदि सरल शब्दों में समझा जाये तो एक पंजीकृत व्यापारी किसी वस्तु या सेवा को आगे सप्लाई/बिक्री हेतु किसी पंजीकृत व्यापारी से खरीदता है, तो इस खरीद पर उसके द्वारा जो टैक्स भरा जाता है उसे ही ITC कहा जाता है। इसका उपयोग वह अपने बिक्री /सप्लाई की कर देयता को चुकाने हेतु कर सकता है या फिर रिफंड की मांग भी कर सकता है।

Section 80’C’ की सम्पूर्ण जानकारी | भारत की 14 best Tax Saving Schemes

intraday trading success formula हिन्दी |risk management हिन्दी

Leave a Comment