हिन्दी ब्लॉगर कीवर्ड रिसर्च कैसे करें ? | कीवर्ड रिसर्च क्या होता है ?

कीवर्ड रिसर्च एक ऐसा विषय है जो हिन्दी ब्लॉगरों को हमेशा से ही काफी परेशान करता रहा है। क्योंकि मार्केट में जो भी कीवर्ड रिसर्च टूल्स उपलब्ध हैं वह ज्यादातर अंग्रेजी ब्लॉगर के लिए ही उपयोगी होते हैं।

अधिकतर टूल्स अंग्रेजी के मुकाबले हिन्दी कीवर्ड पर उतनी सटीक जानकारी उपलब्ध नही करा पाते हैं इसकी एक वजह ये भी हो सकती है कि अभी हिन्दी में उतना कंटेंट ही नही लिखा गया है।

हिन्दी ब्लॉगर जब अपने कीवर्ड को किसी कीवर्ड रिसर्च टूल में चेक करते हैं तो पता चलता है कि इसका सर्च वॉल्यूम ही कुछ नहीं है। इससे वो निराश हो जाते हैं उनको लगता है कि इस टॉपिक पर लिखने से कोई फायदा ही नही है जिसे कोई सर्च ही न करता हो।लेकिन यहां संभावना ये भी हो सकती है कि अभी तक इस टॉपिक पर कुछ लिखा ही नही गया हो, या बहुत कम लिखा गया हो और जो भी लिखा गया हो उसकी कोई क्वालिटी ही न हो।

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लेख में आगे हिन्दी ब्लॉगर आर्टिकल किस टॉपिक पर लिखें और कीवर्ड रिसर्च कैसे करें ? के बारे में बताया गया है इसलिए लेख को अंत तक पढ़े।

हिन्दी ब्लॉगर कीवर्ड रिसर्च कैसे करें ?

हिन्दी ब्लॉगिंग के लिए कीवर्ड रिसर्च उतना महत्वपूर्ण नही है, महत्वपूर्ण ये है कि आप लिखना किस टॉपिक पर चाहते हैं।

मान लिया आप लिखना चाहते हैं कि ‘ब्लॉगिंग क्या है ?’ तो अब इसमें कीवर्ड रिसर्च की क्या आवश्यकता है। आप ब्लॉगर हैं तो बिना किसी कीवर्ड रिसर्च किये भी अपने ज्ञान और अनुभव के आधार पर लिख सकते हैं कि ‘ब्लॉगिंग क्या है’।

अब बहुत से लोग कहेंगे कि बिना कीवर्ड रिसर्च आर्टिकल लिखने पर ट्रैफिक ही नही आएगा या फिर ब्लॉग रैंक नही होगा। इस पर मैं कहना चाहूंगा कि आप अपने अनुभव और ज्ञान से जो भी अच्छा कंटेंट लिखेंगे उस पर ट्रैफिक जरूर आएगा और जब ट्रैफिक आएगा तो पोस्ट गूगल में रैंक भी जरूर करेगी।

किसी ब्लॉग पर ट्रैफिक आना इस बात पर निर्भर करता है कि उस टॉपिक को सर्च कितने लोग करते हैं जैसे कि आप मूवी या क्रिकेट से संबंधित ब्लॉग लिखते हैं तो उसको सर्च करने वाले ज्यादा लोग होते हैं। वहीं कविता या किसी ऐसे टॉपिक पर लिखते हैं जिसमे बहुत ज्यादा लोग रुचि ही नहीं रखते हैं तो उसमें ट्रैफिक भी ज्यादा नहीं आएगा।

लेकिन इसका मतलब यह नही कि आप सिर्फ ट्रैफिक देखकर ही उस टॉपिक पर ब्लॉग लिखना शुरू कर दें भले ही आपको विषय का कोई ज्ञान या अनुभव न हो।

जैसा कि बहुत से नए ब्लॉगर ब्लॉगिंग शुरू करते हैं और ‘ब्लॉग पर ट्रैफिक कैसे लाएं’ या ‘अपने ब्लॉग का SEO कैसे करें’ जैसे विषयों पर लिखना शुरू कर देते हैं। जबकि इन चीजों के बारे में उनको खुद ही कुछ अता-पता नही होता है, बस इधर-उधर नकल करके कॉपी-पेस्ट शुरू कर देते हैं। ऐसे लोगों को का ब्लॉगिंग में सफल होना मुश्किल होता है।

आप को जिस टॉपिक का ज्ञान हो उस कीवर्ड को गूगल पर सर्च करने से बहुत से संबंधित कीवर्ड आपके सामने आ जाएंगे। इनमें से आप जिन-जिन कीवर्ड पर अच्छे से लिख सकते हैं उस पर लिखें। ये भी देख लें कि आपके पहले जिन्होंने इन कीवर्ड पर काम किया है आप उनसे अच्छा कर सकते हैं या नहीं। यदि आप उनसे अच्छा नही लिख सकते हैं तो शायद फिर आपका लिखना ही बेकार है।

या तो आप उनसे अच्छा लिखें या फिर आप उस जानकारी को अलग तरीके से पेश करें।

कीवर्ड रिसर्च क्या होता है ?

इतना वर्णन हो जाने के बाद अब समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर ये कीवर्ड रिसर्च होता क्या है? मेरी समझ से कीवर्ड रिसर्च महत्वपूर्ण है पर पर उतना भी महत्वपूर्ण नही है जितना कि बताया जाता है।

कोई भी कीवर्ड रिसर्च टूल हमें सिर्फ उन्हीं कीवर्ड की जानकारी प्रदान करता है जिनके बारे में पहले से ही काफी मात्रा में इंटरनेट पर लिखा जा चुका है।

जब ब्लॉगिंग की शुरुआत हुई थी तब लोगों ने उन टॉपिक पर आर्टिकल लिखना शुरू किया था जिन टॉपिक का उन्हें अच्छा ज्ञान और अनुभव था।

जब वो लोग ब्लॉगिंग में सफल हुए और अच्छा पैसा कमाने लगें तो बाकी के लोग भी उन्हीं टॉपिक पर ब्लॉग लिखना शुरू कर दिए और जैसे-जैसे कॉम्पटीशन बढ़ने लगा वैसे-वैसे सफलता पाने के नए-नए जुगाड़ भी आने लगें। कीवर्ड रिसर्च भी उन्हीं जुगाड़ों में से एक जुगाड़ है जिसमे शार्टटेल और लांगटेल आदि प्रकार के कीवर्ड की तलाश करके सफलता पाने की कोशिश की जाती है जबकि लिखना वही होता है जो हमसे पहले वालों ने लिखा है।

सीधी बात करें तो कीवर्ड रिसर्च करके ब्लॉग लिखने का मतलब यह है कि हम उन लोगों की नकल कर रहे हैं जिन्होंने हमसे पहले ही उस टॉपिक पर लिख रखा है।

इसे एक उदाहरण से समझ सकते हैं जैसे कि किसी को मूवी बनानी है और उसके पास अपनी कोई कहानी नही है तो वह पहले से बनी 2-4 हिट मूवी को देखकर सबका थोड़ा-थोड़ा कंटेंट उठाकर अपनी नई मूवी तैयार कर ले।

आज भी ब्लॉगिंग समझने के लिए हर्ष अग्रवाल जी की वेबसाइट ही सबसे अच्छी मानी जाती है क्योंकि उसके बाद वालों ने हमेशा उनकी ही कॉपी करने की कोशिश की है। किसी ने उनसे अच्छा लिखने की कोशिश ही नही की है।

एक बात और अगर कीवर्ड रिसर्च इतना ही महत्वपूर्ण होता तो कभी भी महान साहित्य और महान ग्रंथो की रचना ही नही हो पाती।

कीवर्ड-रिसर्च-क्या-है

यहां ये समझना जरूरी है कि यदि किसी टॉपिक का बिल्कुल भी ज्ञान नही है तो आप चाहे कितना भी कीवर्ड रिसर्च कर लें, आप कभी भी उस टॉपिक पर अच्छा आर्टिकल नहीं लिख पाएंगे। वहीं यदि आपकी किसी टॉपिक पर पकड़ अच्छी है और उसके बारे में काफी अच्छी जानकारी भी है तो बिना किसी कीवर्ड रिसर्च के भी सबसे अच्छा कंटेंट लिख सकते हैं।

निष्कर्ष

कीवर्ड रिसर्च का सिर्फ इतना ही मतलब है कि आप जिस विषय पर लिखना चाहते हैं लोग उसको किस तरीके से गूगल पर सर्च करते हैं।

उदाहरण के लिए आपको शेयर मार्केट का ज्ञान है और आप उसके विषय में लिखना चाहते हैं तो कीवर्ड रिसर्च के द्वारा आपको यह पता लग जायेगा कि लोग शेयर बाजार के बारे में क्या-क्या जानना चाहते हैं।

लेकिन इसके लिए आपको कोई Paid Keyword Research Tool खरीदने की जरूरत नही है। आप गूगल पर भी अपना कीवर्ड डालकर सर्च कर सकते हैं और वभिन्न फोरम वाली वेबसाइट पर जैसे कि Quora आदि पर भी जाकर देख सकते हैं कि लोग शेयर मार्केट पर किस प्रकार के सवाल पूछ रहे हैं वहां से आपको ऐसे काफी फ्रेश और यूनिक कीवर्ड मिल सकते हैं

इसके अतिरिक्त आप को या आपके जानने वालों को शेयर मार्केट में जो – जो समस्याएं आयी हैं या आती रहती हैं उन सब टॉपिक पर आप आर्टिकल्स लिख सकते हैं जिससे पाठकों को भी काफी वैल्यू प्राप्त हो सकती है।

लेख आपको कैसा लगा कमेंट करके अवश्य बताएं।

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