NRI And PIO How To Invest In Indian Stock Market | खाड़ी देशों से इंडिया शेयर मार्केट में कैसे निवेश करें

भारतीयों की एक बहुत बड़ी जनसंख्या संयुक्त अरब अमीरात (UAE ), साऊदी अरब, बहरीन, कतर और ओमान जैसे खाड़ी देशों में निवास करती है।

खाड़ी देशों के अतिरिक्त भी अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन जैसे देशों में भी बड़ी तादाद में भारतीय पढ़ाई, जॉब, व्यापार या अन्य रोजगार की वजह से निवास कर रहे हैं और वहां पर काफी अच्छा पैसा भी कमा रहे हैं।

विभिन्न देशों में निवास करने वाले अनिवासी भारतीय विदेश में रहते हुए भी भारतीय शेयर बाजार में निवेश करके अपने पैसों को बढ़ाना चाहते हैं।

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और यह सही भी है क्योंकि भारत बहुत ही Young देश है और भारत की अर्थव्यवस्था भी काफी तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। एक अनुमान के अनुसार आने वाले 15 से  20 वर्षों में भारतीय शेयर बाजार विश्व मे सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाला शेयर बाजार बन सकता है।

इन्हीं सब कारणों से अनिवासी / अप्रवासी भारतीय भारत के शेयर बाजार में निवेश करने के इच्छुक रहते हैं और बहुत बड़ी संख्या में अनिवासी, भारतीय शेयर बाजार में निवेश करके अच्छा लाभ भी कमा रहे हैं।

परंतु असंख्य अनिवासी भारतीय ऐसे भी हैं जिनको इस बात की पर्याप्त जानकारी नही है कि विदेश में रहते हुए भारतीय शेयर बाजार मे निवेश करके कैसे मुनाफा बनाया जा सकता है ?

यह लेख ऐसे तमाम NRI भाईयों की मदद करेगा जो विदेश मे रहते हुए भारतीय शेयर बाजार से पैसा कमाना चाहते हैं।

इस लेख में आपको सारी कानूनी प्रक्रियाओं के साथ – साथ NRE / NRO Account, डीमैट खाता ( Demat Account ) खोलने और भारतीय शेयर बाजार मे निवेश करने की पूरी जानकारी मिलेगी इसलिए लेख के साथ अंत तक बने रहें।

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1 अनिवासी भारतीय ( NRI / PIO ) भारतीय शेयर बाजार में कैसे निवेश करें ?

अनिवासी भारतीय ( NRI / PIO ) भारतीय शेयर बाजार में कैसे निवेश करें ?

आप चाहे खाड़ी देशों में हो या दुनिया के किसी भी अन्य देश मे हो भारत सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ( Reserve Bank Of India / RBI ) अप्रवासी भारतीयों ( Non-Resident Indian / NRI) और भारतीय मूल के व्यक्तियों ( Person Of Indian Origin / PIO ) को एक पंजीकृत ब्रोकर के माध्यम से भारतीय शेयर मार्केट में कारोबार करने की अनुमति प्रदान करता है।

अतः कोई भी NRI या PIO चाहे वह खाड़ी देशों में निवास करता हो या दुनिया के किसी भी देश मे निवास करता हो वह भारतीय शेयर बाजार में आसानी से  निवेश करके लाभ प्राप्त कर सकता है।

NRI और PIO किसे माना जायेगा ? | Who Is NRI / PIO In Hindi

भारत सरकार ने अपने वित्त विधेयक 2020 के द्वारा NRI और PIO को निम्न प्रकार से परिभाषित किया है –

अप्रवासी भारतीय ( NRI ) | Non-Resident Indian / NRI In Hindi

अप्रवासी / अनिवासी, भारतीय नागरिक ही होते हैं परंतु किसी भी कारण से भारत के बाहर निवास करते हैं।

अप्रवासी / अनिवासी कौन माना जाएगा इसका प्रावधान भारत के इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 6 में बताया गया है जिसके अनुसार कोई व्यक्ति जो एक वित्तीय वर्ष के दौरान 182 दिनों से अधिक और पिछले चार वित्तीय वर्षों के दौरान कम से कम 365 दिनों से अधिक समय तक भारत मे रहा हो वह NRI के रूप में मान्यता प्राप्त करता है।

और यदि ऐसे व्यक्ति की कुल भारतीय वार्षिक आय ₹15 लाख से अधिक है तो यह अवधि 120 दिनों तक कम हो जाती है।

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भारतीय मूल का व्यक्ति ( PIO) | Person Of Indian Origin / PIO In Hindi

भारतीय वित्त विधेयक स्पष्ट करता है कि ऐसे व्यक्ति जो भारतीय नागरिक नही हैं परंतु उनका या उनके माता-पिता का जन्म भारत मे हुआ हो या अतीत में इनके माता-पिता को भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों के तहत भारत की नागरिकता मिली हो। ऐसे व्यक्ति को PIO माना जाएगा। 

आशा है अब आपको समझ मे आ गया होगा कि NRI अथवा PIO किन व्यक्तियों को माना जाएगा। अब पुनः अपने मूल विषय पर आते हैं कि हम NRI / PIO के रूप में भारतीय शेयर बाजार में कैसे निवेश कर सकते हैं ?

NRI या PIO भारतीय शेयर बाजार में कैसे निवेश कर सकते हैं ? | How To Invest In Indian Stock Market In Hindi

NRI और PIO आगे बताए गए तरीके से भारतीय स्टॉक मार्केट में तो निवेश कर ही सकते हैं साथ – साथ  म्युचुअल फंड्स                 ( Mutual funds ) और Small cases में भी Invest कर सकते हैं।

भारत सरकार के नियमानुसार किसी पंजीकृत ब्रोकर के माध्यम से ही शेयर बाजार में शेयर की खरीद बिक्री का कार्य किया जा सकती है। 

इसलिए सबसे पहले आपको किसी रजिस्टर्ड ब्रोकर के पास अपना एक डीमैट एकाउंट खुलवाना पड़ेगा जिसकी पूरी जानकारी भी इसी लेख में दी गई है इसलिए लेख के साथ आगे भी बने रहें।

ब्रोकर के पास डीमैट अकॉउंट खुलवाने के लिए पहले आपके पास भारत के किसी भी बैंक में NRI के रूप में एक बैंक खाता होना चाहिए।

NRI बैंक एकाउंट निम्न 2 प्रकार के होते है –

1 – Non – Resident External Account ( NRE )

2 – Non- Resident Ordinary Account ( NRO )

इन दोनों खातों में बहुत थोड़ा सा ही अंतर होता है जिसे जान लेते हैं –

NRO Account | What Is NRO Account In Hindi

अगर अनिवासी रहते हुए किसी भी रूप में आपकी इनकम भारत मे हो रही है जैसे कोई मकान या दुकान का किराया मिल रहा हो, या कोई फिक्स्ड डिपॉजिट अथवा कोई अन्य निवेश हो जहां से आपको कोई रिटर्न मिल रहा हो आदि- आदि तो आपको NRO अकाउंट की आवश्यकता होगी।

NRO खाते मे आप जिस देश मे रह रहे हैं वहां की वदेशी मुद्रा ( Foreign Currency ) और भारतीय करेंसी जो भारत से कमा रहे हैं दोनों जमा कर सकते हैं।

NRE Accounts | What Is NRE Account In Hindi

यदि आप NRE अकाउंट खुलवाते हैं तो उसमें आप सिर्फ फॉरेन करेंसी ही जमा कर सकते हैं। लेकिन इन दोनों प्रकार के खातों से आप पैसा भारतीय रुपया में निकाल ( Withdraw ) सकते हैं।

दोनों में सबसे बड़ा अंतर यही है कि जमा किस करेंसी में कर सकते हैं।

अनिवासी डीमैट खाता कैसे खुलेगा ? |                                                              NRI / PIO How To Open Demat Account 

आप भारत मे किसी भी पंजीकृत ब्रोकर के पास अपना डीमैट खाता खोल सकते हैं। यहां पर भारत के दो प्रसिद्ध ब्रोकर Zerodha और Upstox के अनुसार आपको डीमैट खाता खोलने की प्रक्रिया बताई जा रही है। और लगभग यही प्रक्रिया अन्य ब्रोकर के साथ भी लागू होती है।

 ब्रोकर के पास आपको डिमैट के साथ – साथ एक ट्रेडिंग अकाउंट ( Trading Account ) भी खुलवाना होता है।

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यह ट्रेडिंग अकाउंट भी 2 प्रकार का होता है जिसके बारे में आगे बताया गया है इसको समझना बहुत ही जरूरी है।

NRI / PIO Demat Account ( Trading Account )

अनिवासी / प्रवासी भारतीय ट्रेडिंग अकाउंट को ऑनलाइन माध्यम से नही खोल सकते हैं इसे केवल ऑफलाइन ही ओपन किया जा सकता है दिए गए Zerodha के link पर क्लिक करके विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

NRI / NRO ट्रेडिंग एकाउंट्स दो प्रकार के होते हैं –

1 – Portfolio Investment Scheme ( PIS )

अगर आप पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट स्कीम ( PIS ) खोलना चाहते हैं तो आपको भारतीय रिजर्व बैंक ( RBI ) से एक अनुमति  ( Permission ) लेनी पड़ती है।

परंतु इस तरह की अनुमति लेने के लिए आपको स्वयं RBI जाने की आवश्यकता नही होती है बल्कि ब्रोकर द्वारा अधिकृत बैंक ( Partner Bank ) में अपना NRE / NRO अकाउंट खुलवाने पर बैंक खुद ही आपके लिए यह अनुमति प्राप्त कर लेता है।

PIS खाता खोलने के लिए आप NRE या NRO कोई भी अकाउंट इस्तेमाल कर सकते हैं।

Non-Portfolio Investment Scheme ( Non-PIS )

वहीं अगर आप Non-PIS खाता खोलते हैं तो आपको RBI से किसी भी प्रकार की कोई अनुमति प्राप्त करने की जरूरत नही होती है।

लेकिन Non-PIS अकाउंट में आप केवल अपने NRO खाते से ही पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। मतलब यहां आप केवल NRO खाते का ही प्रयोग कर सकते हैं।

भारतीय ब्रोकर Non-PIS खाता खोलने की ही सलाह देते हैं क्योंकि यह सस्ता भी पड़ता है और इसमे पाबंदी भी ज्यादा नही होती है इसका प्रयोग भी काफी आसान होता है। 

PIS और Non – PIS Account में अन्तर | Difference Between PIS & Non-PIS Account In Hindi

PIS और Non-PIS अकाउंट में क्या अन्तर होता है इसे हम Zerodha ब्रोकर के माध्यम से समझ सकते हैं।

PIS Account In Hindi

1-  इसमे NRE और NRO दोनों बैंक खातों से निवेश किया जा सकता है।

2-  PIS खाता खुलवाने के लिए जरूरी है कि आपका NRE या NRO अकाउंट ब्रोकर के पार्टनर बैंक में ही होना चाहिए।

3-  RBI से PIS के लिए परमिशन लेटर की आवश्यकता होती है जो कि ब्रोकर के पार्टनर बैंक के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।

4-  आपको पहले अपने बैंक अकाउंट से पैसा PIS एकाउंट में ट्रांसफर करना होगा जिसकी जानकारी बैंक आपके ब्रोकर को देता है। इसके बाद आपके ट्रेडिंग एकाउंट में पैसा आ जाता है इस प्रक्रिया को पूरा होने में पूरा एक दिन भी लग सकता है।

5-  ब्रोकरेज अलग- अलग ब्रोकर के अनुसार अलग – अलग होता है। zerodha और Upstox की ब्रोकरेज दिए गए लिंक पर जाकर पता कर सकते हैं।

6- आपका बैंक शार्ट टर्म कैपिटल गेन ( Short term Capital Gain ) टैक्स 15 प्रतिशत और लांग टर्म कैपिटल गेन ( Long Term Capital Gain ) टैक्स हर साल ( 1 लाख रुपए से अधिक पर ) 10 प्रतिशत TDS काटकर भुगतान करता है।

बैंक प्रतिदिन ट्रेडिंग के अनुसार प्रति कॉन्ट्रेक्ट नोट ₹300 तक चार्ज कर सकता है।

7-  बैंक प्रतिवर्ष AMC ( Annual Maintenance charge ) के लिए ₹1500 तक चार्ज कर सकता है।

8-  RBI द्वारा किसी कंपनी के लिए अधिकतम अनिवासी/NRI शेयर होल्डिंग पर वैश्विक (Global ) प्रतिबंध लागू किया जाता है।

जैसे – अगर ICICI बैंक ने अधिकतम फॉरेन शेयर होल्डिंग की सीमा को पार कर लिया है तो इस शेयर में किसी भी नए अनिवासी PIS को खरीद की अनुमति नही दी जाएगी।

9-  PIS से सीधे म्युचुअल फंड्स में निवेश की सुविधा नही मिलती है।

10-  PIS में BTST ( Buy Today Sell Tomorrow ) की भी सुविधा उपलब्ध नही होती है।

Non- PIS Account In Hindi

1-  यह केवल NRO अकाउंट ही सपोर्ट करता है अर्थात इसमे केवल NRO खाते से ही निवेश किया जा सकता है।

2-  इसमे ब्रोकर के पार्टनर बैंक में आपका अकाउंट होने का कोई प्रतिबंध नही होता। आपका NRO अकाउंट किसी भी बैंक में हो आपका काम चल जाएगा।

3-  इसमे RBI से किसी परमिशन लेटर या अनुमति लेने की भी कोई आवश्यकता नही होती है।

4-  इंटरनेट बैंकिंग की सहायता से निवेश हेतु जरूरी पैसे को NRO खाते से तुरंत ट्रेडिंग अकाउंट में ट्रांसफर किया जा सकता है।PIS अकाउंट की तुलना में यह प्रक्रिया बहुत अधिक प्रभावशाली है।

5-  ब्रोकरेज भिन्न – भिन्न ब्रोकरों के अनुसार भिन्न – भिन्न हो सकती है। परंतु PIS की तुलना में काफी कम हो जाती है।

6-  TDS कलेक्ट करने और रिपोर्ट करने का काम ब्रोकर द्वारा किया जाता है जिसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नही देना पड़ता है।

7-  प्रतिवर्ष ₹500 + GST का स्टैण्डर्ड AMC चार्ज किया जाता है।

8-  इसमे अधिकतम फॉरेन / NRI शेयर होल्डिंग का कोई प्रतिबंध लागू नही होता है।

9-  Non-PIS Account का एक बड़ा लाभ यह भी है कि इसके माध्यम से आप सीधे म्युचुअल फंड्स मे निवेश कर सकते हैं।

10-  BTST सुविधा अभी तो उपलब्ध नही है लेकिन Zerodha जल्द ही अपने ग्राहकों को यह सुविधा उपलब्ध कराने जा रहा है।

उम्मीद है कि आप PIS और Non- PIS Account की बेसिक बातें समझ गए होंगे। तुलनात्मक रूप से देखा जाए तो PIS की अपेक्षा Non-PIS एकाउंट ज्यादा अच्छा और सुविधाजनक है।

 PIS और Non-PIS एकाउंट कैसे ओपन होता है ? | How To Open PIS / Non-PIS Account In Hindi

फिलहाल इनको ओपन कराने की कोई ऑनलाइन सुविधा अभी उपलब्ध नही है पूरा प्रोसेस ऑफलाइन ही होता है।

ब्रोकर द्वारा दिये गए निर्देशानुसार आपको आवेदन करना होगा और संबंधित आवश्यक दस्तावेज ( Document ) लगा कर ब्रोकर द्वारा दिए गए पते पर कूरियर के माध्यम से भेजना होगा।

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तत्पश्चात ब्रोकर के नियमानुसार आपको KYC की प्रक्रिया पूर्ण करनी होगी।

उक्त सभी प्रक्रियाओं को सफलता पूर्वक कम्पलीट करने के बाद आपका डीमैट और ट्रेडिंग एकाउंट ओपन हो जाता है और आप भारतीय शेयर बाजार में निवेश प्रारंभ कर सकते हैं।

इस प्रक्रिया में आपको फॉर्म कैसे भरना है ? क्या- क्या डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होती है ? फॉर्म सबमिट कैसे करना है ? KYC की क्या प्रक्रिया होती है ? अलग – अलग ब्रोकर के अनुसार समस्त प्रोसेस में कुछ भिन्नता भी हो सकती है।

यदि आप Zerodha या Upstox में अपना डीमैट और ट्रेडिंग एकाउंट ओपन कराना चाहते हैं तो दिए गए लिंक पर जाकर आवेदन की पूरी प्रक्रिया को समझ सकते हैं। और वहीं से आवेदन फॉर्म भी डाउनलोड कर सकते हैं जिसे भरकर आवश्यक दस्तावेजों के साथ बताए गए पते पर भेजकर आवेदन की प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। 

NRI डीमैट खाते के लिए देय शुल्क

NRI डीमैट खातों में निम्न प्रकार के शुल्क लागू होते हैं- 

1- डीमैट एकाउंट ओपन करने का शुल्क

2- डीमैट एकाउंट एनुअल मेंटीनेंस चार्ज (AMC) जो की वार्षिक रूप से लागू होता है।

3- डेबिट शुल्क

4- सिक्योरिटी शुल्क और कॉन्ट्रैक्ट नोट भेजने का शुल्क

NRI डीमैट एकाउंट के लाभ | Benefits Of NRI Demat Account

1-  डीमैट एकाउंट अनिवासी / अप्रवासी भारतीयों को यह सुविधा प्रदान करता है कि वो दुनिया के किसी भी देश मे रहकर इंडियन स्टॉक मार्केट में निवेश कर सकते हैं।

2-  अनिवासी द्वारा भारतीय शेयर बाजार में किए लेन-देन उनके NRI डीमैट खाते में तुरंत दिखाई देने लग जाते हैं।

3-  NRI डीमैट खाते में शेयर, म्युचुअल फंड्स आदि इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में होते हैं जिससे किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी की संभावना नही रहती है।

4-  NRI अपने डीमैट एकाउंट मे कम से कम एक शेयर तक भी रख सकते हैं।

5-  NRI अपने पास एक से अधिक डीमैट खाते भी रख सकते हैं।

अनिवासी से निवासी की स्थिति बदलने पर | Change Of Status From NRI To Resident Status

जब कभी NRI से निवासी के लिए स्थिति में बदलाव होता है तो NRI की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने अधिकृत बैंक जिसके माध्यम से उसने PIS अथवा Non-PIS में निवेश किया है और अपने ब्रोकर जहां अपना डीमैट एकाउंट खोला है को अपनी स्थिति परिवर्तन की सूचना दे।

इसके बाद निवासी की स्थिति का नया डीमैट एकाउंट खोलना होगा तथा NRI डीमैट खाते में जो भी शेयर या म्युचुअल फंड्स हैं उनको इस नए डीमैट खाते में ट्रांसफर करके अपने NRI डीमैट एकाउंट को बंद करना होगा।

NRI डीमैट एकाउंट से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Questions-  क्या एक NRI के रूप में बिना किसी ब्रोकर के भारतीय शेयर बाजार में निवेश किया जा सकता है ?

Answer-  भारत सरकार के नियमानुसार कोई अनिवासी या नागरिक पंजीकृत ब्रोकर के माध्यम से ही भारतीय शेयर बाजार में निवेश अथवा ट्रेडिंग कर सकता है।

Question-  क्या कोई NRI या NRO की हैसियत से भारतीय शेयर मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग कर सकता है ?

Answer-  RBI और SEBI के नियमानुसार NRI भारतीय शेयर बाजार में केवल लांग टर्म इन्वेस्टमेंट ही कर सकते हैं।

अर्थात किसी शेयर को जिस दिन खरीदते हैं उसी दिन बेच नही सकते हैं कम से कम 2 दिन सेटलमेंट पीरिएड तक अपने पास रखना होगा उसके बाद ही बेच सकते हैं।

Questions-  क्या मै अपना NRI डीमैट खाता ऑनलाईन खोल सकता हूं ?

Answer-  NRI डीमैट खाता खोलने की कुछ प्रक्रिया ही ऑनलाइन है जैसे कि फॉर्म वगैरह डाउनलोड करना। उसके बाद फॉर्म को भरकर अपने हस्ताक्षर बनाकर सबमिट करने तक कि पूरी प्रक्रिया ऑफलाइन माध्यम से ही करनी होती है।

 

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