Demat Account कैसे खुलता है ? | शेयर ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है ?

Share Market मे ट्रेडिंग कितने प्रकार से  होती है तथा Demat Account कैसे खुलता है ? इस लेख में  इन्हीं बातों को समझने की कोशिश करेंगे।

 दोस्तों, जैसा कि हम सब लोग जानते हैं कि शेयर बाजार एक बहुत बड़ा विषय है। लेकिन यहां से पैसे बनाने के लिए बस कुछ सामान्य और आधारभूत जानकारी की ही आवश्यक्ता होती है।

शेयर बाजार से संबंधित आवश्यक जानकारी Google और Internet की मदद से हमें आसानी और बिल्कुल Free में प्राप्त हो जाती है।

Stock Market की बेसिक जानकारी ले लेने के पश्चात शेयर बाजार में जाने के लिए हमे एक  Demat Account ( डीमेट खाता )  की आवश्यकता होती है।

आगे यही जानेंगे कि डीमेट खाता खाता क्या होता है और Demat  Account कैसे खोला जाता है।

डीमेट खाता किसे कहते हैं ? ( Demat Account In Hindi )demat-account-कैसे-खुलता-है

शेयर बाजार में ट्रेडिंग करना हो या निवेश करना हो हर चीज के लिए Demat  Account की आवश्यकता होती है।

डीमेट खाता बिल्कुल हमारे सामान्य बैंक बचत खाते जैसा ही होता है और ठीक उसी प्रकार से काम भी करता है।

जैसे हम अपने बैंक बचत खाते में अपना पैसा जमा करते हैं और  बैंक इन पैसों की सुरक्षा करता है, तथा आवश्यकता पड़ने पर हमारा पैसा हमे सुरक्षित वापस मिल जाता है।

ठीक इसी तरह एक डीमेट एकाउंट भी काम करता है, हम Demat Account के माध्यम से ही शेयर खरीदते हैं और डीमेट खाते में ही इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में जमा रखते हैं।

Bank Account की भांति ही  डीमेट खाते में जमा शेयर सुरक्षित रहते हैं और अपनी इच्छानुसार जब चाहे Demat Account की मदद से ही अपने शेयर बेच भी सकते हैं।

यदि आप भारत के दो सबसे बड़े और प्रसिद्ध ब्रोकर ZerodhaUpstox के साथ अपना डीमैट खाता खोलना चाहते हैं तो दिए गए लिंक पर क्लिक करके आसानी से और बिल्कुल फ्री में अपना डीमैट खाता खोल सकते हैं।

डीमेट एकाउंट के प्रकार ( Types Of Demat  Account )

Demat  Account मुख्यतः 3 प्रकार के होते हैं –

1 –  रेगुलर डीमेट एकाउंट ( Regular Demat Account )

यह डीमेट खाता ऐसे भारतीय नागरिकों के लिए होता है जो भारत के शेयर मार्केट में ही निवेश या ट्रेडिंग करते हैं।

Regular Demat  Account सेबी ( SEBI ) द्वारा पंजीकृत किसी भी ब्रोकर के पास खुलवा सकते हैं।

इस डीमेट अकाउंट से ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रकार से शेयर बाजार में निवेश या ट्रेडिंग कर सकते हैं।

2 –  रिपाट्राइबल डीमेट एकाउंट ( Ripatriable Demat Account )

रिपाट्राइबल डीमेट एकाउंट मुख्यतः अनिवासी भारतीयों ( Non – Resident Indian ) NRIs के लिए होता है।

इस Demat  Account के माध्यम से अनिवासी भारतीय भारत के शेयर बाजार में निवेश और ट्रेडिंग कर सकते हैं।

NRI ट्रेडर्स या निवेशक इस खाते के माध्यम से विदेशों में पैसा भी ट्रांसफर कर सकते हैं।

रिपाट्राइबल डीमेट एकाउंट खुलवाने के लिए अनिवासी भारतीय को अपने पासपोर्ट, पैनकार्ड,  वीजा आदि की फोटोकॉपी के साथ – साथ अपनी फोटो और विदेश में निवास के अपने पते का प्रमाण देना भी आवश्यक होता है।

3 –  नॉन – रिपाट्राइबल डीमेट एकाउंट ( Non – Ripatriable Demat Account )

Non – Ripatriable Demat Account भी अनिवासी भारतीयों के लिए ही होता है।

यह खाता मुख्य रूप से उन NRIs के लिए होता है जिनकी इनकम भारत और विदेश दोनों जगहों पर होती है।

इस खाते के आवेदन के लिए आवेदक के पास एक NRO बैंक एकाउंट होना अनिवार्य होता है। क्योंकि भारत और विदेश की कमाई को एक साथ मैनेज करने के लिए NRO Account का प्रयोग किया जाता है।

इस डीमेट खाते से विदेशों में पैसे ट्रांसफर नही किये जा सकते हैं।

डिमेट खाता कैसे खुलवाना है ?(Demat Account kaise khulta hai In Hindi)

Demat  Account की इतनी जानकारी हो जाने के बाद हम शेयर बाजार में प्रवेश कैसे करेंगे ये समझते हैं।

शेयर बाजार में प्रवेश करने के लिए सबसे पहले हमें एक ‘Stock Broker’ यानी ‘शेयर दलाल’ का चुनाव करना होता है, यह ब्रोकर कोई ‘Sub –  Broker’  भी हो सकता है।

यह काम काफी सावधानी पूर्वक किया जाना चाहिए क्योंकि यदि हम एक अच्छे Share Broker का चयन कर पाते हैं तो हमारे लिए शेयर कारोबार करना काफी आसान हो जाता है।

 अतः यह आवश्यक है कि हम जिस ब्रोकर या  Sub – Broker का चयन करना चाहते हैं उसके बारे में निम्नलिखित बातों की जांच-पड़ताल अच्छे से कर लें जैसे कि – 

1-   वह Broker विश्वशनीय हो तथा उसकी साख भी बहुत अच्छी होनी चाहिए।demat-account-in-hindi

2-  उसका पिछला इतिहास कैसा रहा है इसकी भी अच्छी तरह से छानबीन कर लें।

3-  उसके पुराने कारोबार ( सौदों), तथा उसकी वित्तीय स्थिति के बारे में अवश्य जानकारी कर लें।

Broker का काम है हमारे सौदों का क्रियान्वयन कराना तथा संबंधित दस्तावेज हमें उपलब्ध कराना।

लेकिन कुछ ब्रोकर अपने निजी लाभ के लिये गलत सलाह देकर अनावश्यक सौदे करा देते हैं,

परिणाम स्वरूप ब्रोकर को तो अच्छा कमीशन मिल जाता है किन्तु हमलोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ जाता है।

आप चाहे तो शेयर बाजार का अनुभव रखने वाले अपने मित्रों या परिचितों से भी एक अच्छा Broker चुनने में मदद ले सकते हैं।

Brokers और Sub – Brokers की सूची हम स्टॉक एक्सचेंज  की वेबसाइट पर जाकर भी देख सकते हैं।

हमको हमेशा SEBI से Registerd Broker  का ही चयन करना चाहिए और उसके कामकाज की पूरी छानबीन भी अवश्य कर लेना चाहिए।

अच्छा ब्रोकर चुनने का इसलिए जोर डाला जाता है क्यूंकि Broker ही आपके और शेयर बाजार के बीच मध्यस्थ का काम करता है।

शेयर बाजार में शेयर की खरीद-बिक्री का कार्य ब्रोकर के माध्यम से ही होता है।

उपरोक्त प्रक्रिया द्वारा जब हम Broker या दलाल का चयन कर लेते हैं तो हमें उसके पास एक Trading Account  (Demat  Account ) खुलवाना होता है।

आप अनिवासी भारतीय ( NRI ) हो या भारत के सामान्य नागरिक हो भारत को दो सबसे सस्ते और विश्वसनीय ब्रोकर Zerodha या Upstox के साथ निश्चिन्त होकर दिए गए लिंक पर जाकर कुछ मिनटों में ही बिल्कुल फ्री मे अपना डीमैट एकाउंट ओपन कर सकते हैं।

डीमेट खाता बिल्कुल बैंक अकाउंट खुलवाने जैसा ही होता है। Demat  Account खुलवाने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है-

1-    परमानेंट अकाउंट नम्बर ( PAN Card )

2 –  Bank Account का प्रमाण

3 –  बिजली का बिल अथवा टेलीफोन का बिल

4 –  Passport, मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस में से कोई एक

     दोस्तों, आजकल सभी ब्रोकर या सब ब्रोकर हमें शेयर कारोबार करने की ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराते हैं जो कि काफी सरल और लाभदायक होती है।

 इसके लिए मात्र आपके पास इंटरनेट की सुविधा, मोबाइल फोन अथवा कंप्यूटर या लैपटॉप की आवश्यकता होती है,

 ये सब चीजें आजकल लगभग सभी के पास उपलब्ध होती हैं ।

 इंटरनेट की मदद से हम स्वयं मोबाईल फोन अथवा कंप्यूटर की मदद से घर बैठे ही शेयर बाजार में खरीद-बिक्री का कार्य कर सकते हैं तथा अपने Demat  Account की पूरी जानकारी कभी भी देख सकते हैं।

Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है ? ( Types Of Trading In Hindi )

 यदि हमने एक अच्छा Broker चुन लिया है और उसके पास Trading Account ( डीमेट एकाउंट ) भी खुलवा लिया है।ट्रेडिंग-कितने-प्रकार-से-होती-है

तो अब हम शेयर बाजार में प्रवेश पा गये हैं, तथा अब शेयर की खरीद- बिक्री कर सकते हैं।

इसके बाद ये समझना जरूरी है कि  शेयर बाजार में ट्रेडिंग कितने प्रकार से  होती है ? दोस्तों, Stock Market में कारोबार  करने के कई तरीके हैं ये हम पर ही निर्भर करता है कि हमें कौन सा तरीका पसन्द आता है।

 वैसे अगर हम किसी भी एक तरीके में निपुणता हासिल कर लें तो यहाँ से काफी ज्यादा पैसा बना कर ले जा सकते हैं।

 इस बाजार में मुख्यतः ट्रेडिंग 3 प्रकार से होती है, डिलीवरी पर आधारित ट्रेडिंग, डे ट्रेडिंग तथा डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग,

 इनको संक्षेप में समझते हैं –

1 –  डिलीवरी पर आधारित ट्रेडिंग ( Delivery Based Trading ) 

डिलीवरी आधारित ट्रेडिंग शेयर बाजार की सबसे पुरानी और परंपरागत पद्धति है जो आज भी सबसे ज्यादा लोकप्रिय है।

 यह निवेश का भी एक उत्तम तरीका है, शेयर बाजार में काम करने वाले ज्यादातर लोग इसी पद्धति में काम करना पसन्द करते हैं,।

इस प्रकार से ट्रेडिंग करने का तरीका भी काफी आसान है।

यहाँ हमें कुछ अच्छी कंपनी के शेयर का चयन करना होता है तत्पश्चात अपनी पूंजी के अनुसार जितनी मात्रा में खरीद सकते हों, खरीद कर रख लेना है, 

आगे भविष्य में जब कभी लगे कि इस शेयर का भाव अब काफी ज्यादा बढ़ गया है तो उसे बेच कर Profit बना लेना है।

 बहुत ही आसान तरीका है ये।

2 –  इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday  Trading )

इंट्राडे ट्रेडिंग  में जब सुबह 9:15 पर  मार्केट खुलता है तो हमें शेयर खरीदना या बेचना होता है और शाम को 3:15 पर मार्केट बन्द होने से पूर्व ही अपनी पोजिशन खत्म करनी होती है।

अर्थात डे ट्रेडिंग में उसी दिन शेयर खरीदना या बेचना होता है। जो प्रोफिट या लॉस होता है उसी दिन लेना होता है। 

एक इंट्राडे ट्रेडर्स दिन के दौरान शेयरों की कीमत में होने वाले उतार- चढ़ाव में ही अपना मुनाफा बनाने का प्रयत्न करता है,

 और दिन के अन्त तक उसे अपनी पोजिशन बन्द करनी होती है।

 आजकल इंट्राडे ट्रेडिंग बहुत लोकप्रिय है तथा युवा पीढ़ी को अपनी ओर काफी आकर्षित करती है, क्योंकि यहाँ काम करने के लिये ज्यादा पैसों की आवश्यकता भी नही होती है।

Intraday Trading में ज्यादा समय भी नही देना होता है। बहुत से लोग इसे पार्ट टाइम पैसा कमाने के लिये भी इस्तेमाल करते हैं।

यहाँ प्रतिदिन के हिसाब से मुनाफा भी काफी अच्छा होता है। आगे आने वाले अन्य लेखों में इंट्राडे ट्रेडिंग के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा होती रहेगी।

3 –  डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग (Derivatives Trading ) 

इस प्रकार की ट्रेडिंग एक संविदा या Contract आधारित ट्रेडिंग होती है।

 इसमे ट्रेडिंग के अलग – अलग तरीके होते हैं जिसमें से कुछ प्रचलित तरीके जैसे –   Futures  और  Options ( F & O ) इसे ‘वायदा कारोबार’ भी कहते हैं काफी लोकप्रिय हैं।

नए लोगो के लिये इस तरह की ट्रेडिंग थोड़ा कठिन होती है लेकिन शेयर बाजार का थोड़ा अनुभव हो जाने के बाद कोई भी इसे आसानी से कर सकता है।

इसमे काफी कम पैसा लगाकर बहुत बड़ा मुनाफा कमाया जा सकता है।

निष्कर्ष ( The Conclusion )

उपरोक्त बातो को पढ़कर आप भी समझ गए होंगे कि Demat  Account खुलवाना और शेयर कारोबार करना कितना आसान है।

 उम्मीद है कि शेयर बाजार की जटिलता अब आपको थोड़ी आसान लगने लगी होगी।

शेयर बाजार एक बहुत बड़ा विषय है बहुत सी बातें यहाँ ऐसी होती हैं जो किसी के बताने या पढ़ने से नही बल्कि इस बाजार में समय देने और अपने अनुभव से ही अच्छे से समझ मे आती हैं।

ठीक वैसे ही जैसे कि यदि हमको तैरना सीखना है तो किसी के बताने या किताबों में पढ़ लेने से हम काफी कुछ समझ तो सकते हैं,

 लेकिन असली अनुभव तभी मिलता है जब हम खुद पानी में कूदते हैं।

 यही बात इस बाजार के लिए भी लागू होती है। शेयर बाजार में जो नए आने वाले लोग हैं उनको शुरुआत में ही पैसा कमाने के बारे में नही सोचना चाहिए।

पहले थोड़ा समय सीखने और बाजार को समझने के लिए देना चाहिए। क्योंकि जैसे यहाँ जल्दी से बहुत पैसा कमाया जा सकता है वैसे ही यहाँ बहुत जल्दी ही लोग ढेर सारा पैसा गँवा भी देते है।

यहाँ सीखने के लिये बहुत ज्यादा पैसों की जरूरत नही होती है, बहुत थोड़े से पैसे में भी यहाँ बहुत कुछ सीखा जा सकता है।

Share Market मे सीखने के लिये हजारों चीजे हैं, यदि कोई भी एक चीज सीखकर उसमे महारत हासिल कर ली जाए तो यहां से मालामाल होने में देर नही लगती है।

Demat  Account और ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है संबंधित यह लेख आपको कैसा लगा कमेंट के माध्यम से हमे जरूर अवगत कराएं।

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