Money Making Trading Psychology In Hindi

इंट्राडे ट्रेडिंग में  Money Making Trading Psychology  क्या होती है तथा ये कैसे काम करती है ? जानकारी के लिए लेख को पूरा पढ़े।

 पिछले लेखों में हमलोगों ने तकनीकी विश्लेषण  की जानकारी और कुछ महत्वपूर्ण चार्ट पैटर्न   को समझा है।

परन्तु तकनीकी विश्लेषण  का क्षेत्र बहुत ही विस्तृत है,  जहाँ तक मेरा अनुभव है कि बहुत सारी जानकारी लेकर इंट्राडे ट्रेडिंग करना काफी जटिल हो जाता है।

इसलिए शेयर बाजार के बहुत सारे विशेषज्ञ भी यही सलाह देते हैं कि हम तकनीकी विश्लेषण की कुछ आसान चीजो को अच्छे से समझे और लगातार उसका अभ्यास करते रहें।

 इसी अभ्यास तथा अनुभव के आधार पर अपनी ट्रेडिंग रणनीति तैयार करे।मनी-मेकिंग-ट्रेडिंग-साइकोलॉजी

जब एक ही रणनीति पर हम लंबे समय  तक काम करेंगे तो वही रणनीति हमको इंट्राडे ट्रेडिंग से काफी पैसा बनाकर भी देगी।

इंट्राडे ट्रेडिंग में तकनीकी जितना काम करती है इससे कही ज्यादा हमारी मनोवैज्ञानिक स्थित महत्वपूर्ण होती है।

इंट्राडे ट्रेडिंग दिमाग का खेल ( Mind Game ) है, यहाँ भावनाओं को अपने दिमाग द्वारा नियंत्रित कर पाना ही सफलता की कुंजी है।

जो ट्रेडर ट्रेडिंग में घाटा उठाते हैं वो कही न कहीं अपनी भावनाओं को नियन्त्रित न कर पाने के कारण ही भारी नुकसान उठाकर बाजार से बाहर हो जाते हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग में भाग लेने वाले सभी ट्रेडर ‘डर’ और ‘लालच’ की भावना के दबाव में ही काम करते हैं परन्तु सफल वही होता है जो इन भावनाओ को अपने दिमाग द्वारा मजबूती से नियंत्रित कर पाता है।

इंट्राडे ट्रेडिंग में डर और लालच ऐसी मनोवैज्ञानिक भावनायें होती हैं जिसका असर ट्रेडिंग पर सर्वाधिक होता है और प्रत्येक ट्रेडर का ट्रेडिंग परिणाम भी इसी पर निर्भर होता है।

यहां  कुछ Money Making Trading Psychology की टिप्स बताई जा रही है जिसे ध्यान से समझ कर अपनी इंट्राडे ट्रेडिंग मे लागू कर के अच्छा फायदा बनाया जा सकता है । 

 इंट्राडे ट्रेडिंग के जोखिम | Control Your Fear 

दोस्तों, शेयर मार्केट और खासतौर से इंट्राडे ट्रेडिंग पूर्णतया जोखिमों से भरा है यहाँ प्रत्येक ट्रेडर को जोखिम लेना ही पड़ता है।

कहावत भी है कि बड़ा मुनाफा लेने के लिए बड़ा जोखिम भी उठाना पड़ता है।

इंट्राडे में  Money Making Trading Psychology की पहली महत्वपूर्ण टिप्स यही है कि ‘जोखिम लेने को तो तैयार रहें लेकिन डर को हमेशा दूर रखें।

डर एक ऐसी वजह है जिसके कारण ट्रेडर जोखिम लेने की हिम्मत नही कर पाता है। लेकिन ट्रेडर यदि यही सोचता रहेगा कि यह सौदा करने से नुकसान हो जाएगा तो वह कभी ट्रेडिंग कर ही नही पायेगा।

एक प्रकार से देखा जाए  तो शेयर बाजार जोखिमों से भरा बाजार है और जो जोखिम नही उठा सकता वह कभी शेयर बाजार में ट्रेडिंग भी नही कर सकता है।

अक्सर देखा जाता है कि एक इंट्राडे ट्रेडर के दिमाग में हमेशा यही डर बना रहता है कि कही उसका नुकसान न हो जाए  और इसी डर की वजह से वह अपने प्रोफिट को भी नुकसान में बदल लेता है।

जब किसी ट्रेडर को Profit हो रहा होता है तो वह नुकसान के डर से अपनी पोजीशन जल्दी ही बन्द कर देता है, और जब नुकसान हो रहा होता है तो फायदे की आस में बैठे रहकर अपना नुकसान ज्यादा बड़ा कर लेता हैं।money-making-trading-psychology-hindi

देखा जाए तो एक इंट्राडे ट्रेडर के अंदर डर की भावना होना भी आवश्यक है, नही तो वह उल्टी – सीधी ट्रेडिंग करना शुरू कर  देगा। 

डर की भावना की वजह से एक ट्रेडर गलत ट्रेड करने की आदत से तो बचा रह सकता है, लेकिन यह डर की भावना एक निश्चित मर्यादा में ही रहे तो ठीक होता है।

डर की भावना को नियंत्रित करने के लिए हमें अपने दिमाग को इस बात के लिए पहले से ही तैयार रखना चाहिए कि ट्रेडिंग मे हमने जितना भी पैसा लगाया है वह हम यहां गँवा भी सकते हैं।

 डे ट्रेडिंग के लिए यह कहा भी जाता है कि हम जितना नुकसान आसानी से सह सकते हैं ट्रेडिंग में उतने ही पैसे लेकर आएं । यदि हम अपने नुकसान सहने की क्षमता के अनुसार ही पैसा लगाएंगे तो काफी हद तक अपने डर को नियंत्रित कर पाएंगे।

शेयर बाजार के  विशेषज्ञ कहते हैं कि इंट्राडे  ट्रेडिंग में आप तभी सफल हो सकते हैं जब आप बिना डर के ट्रेडिंग करें, दबाव में निर्णय लेकर ट्रेडिंग करने से नुकसान होने की संभावना ही ज्यादा होती है।

 भावनाओं पर नियंत्रण | Control Your Greed 

 इंट्राडे ट्रेडर के लिए नुकसान की एक बड़ी वजह बहुत ज्यादा लालच करना भी है, लालच की भावना डर के बिल्कुल विपरीत है।

लालच के कारण बहुत बार हम ऐसी गलत ट्रेडिंग कर बैठते हैं जो हमें नही करनी चाहिए।

डे – ट्रेडिंग की दूसरी महत्वपूर्ण Money Making Trading Psychology टिप्स यह है कि जिस प्रकार एक निश्चित मर्यादा में डर जरूरी है उसी प्रकार लालच की मार्यादा भी निश्चित होनी चाहिए।

यदि लालच की भावना नही होगी तो कोई ट्रेडर कभी ट्रेडिंग करने को सोचेगा भी नही, लालच वश ही ट्रेडर इंट्राडे ट्रेडिंग  के प्रति आकर्षित होते हैं।

सीधे तौर पर कहा जाए तो लालच की वजह से ही कोई व्यक्ति शेयर बाजार में आता है और ट्रेडिंग करता है, ज्यादा लाभ कमाने का लालच ही इंट्राडे ट्रेडिंग की प्रेरणा प्रदान करता है।

लेकिन हमें ये बात भी समझनी चाहिए कि लालच का कभी अंत नही होता है हम जितना ज्यादा Profit  बनाएंगे लालच भी उतना ही ज्यादा बढ़ता जाएगा। इसलिए ट्रेडिंग के लिए लालच का होना तो जरूरी है परन्तु उसकी मर्यादा भी निश्चित होना जरुरी है।

अक्सर ट्रेडर लालच की वजह से बेपरवाह ट्रेडिंग करने लगते हैं, Profit का अपना लक्ष्य प्राप्त हो जाने पर भी ट्रेडर और ज्यादा Profit के लालच में अपनी पोजिशन बन्द नही करते हैं।

इस तरह से वो अपने Trading Rules तथा अनुशासन के विपरीत काम करने लगते हैं। ऐसी स्थिति में हो सकता है कि कभी – कभार ज्यादा लाभ मिल जाए लेकिन ज्यादातर मामलों में नुकसान ही होता है।

बहुत बार देखा जाता है कि किसी शेयर का भाव काफी ज्यादा बढ़ गया है और हमारी ट्रेडिंग रणनीति वहाँ ट्रेडिंग करने की अनुमति नही देती है परन्तु अपने लालच वश हम खुद को रोक नही पाते हैं,

और उस स्टॉक को खरीद लेते हैं, जैसे ही हम खरीदते हैं उस स्टॉक का भाव तेजी से नीचे गिरना शुरू हो जाता हैं। परिणाम स्वरूप हम भारी नुकसान कर बैठते हैं।

अपने लालच पर नियंत्रण रखने के लिये यह अतिआवश्यक है कि अपनी जो ट्रेडिंग रणनीति है उसका अनुशासन के साथ कड़ाई से पालन किया जाए  तभी हम शेयर बाजार में लंबे समय तक रुक पाएंगे और यहाँ से Profit भी बना पाएंगे।

 स्वयं को प्रेरित करना ( Self Motivation )

एक इंट्राडे ट्रेडर के मन मे  निराशा बहुत जल्दी आ जाती है और इस स्थित में लिए गए निर्णय भी घातक हो जाते हैं इसलिये यहाँ खुद को उत्साहित रखना अति आवश्यक होता है।

आमतौर पर देखा जाता है कि नए ट्रेडर शुरुआती ट्रेडिंग में यदि नुकसान खा जाते हैं तो अत्याधिक निराश हो जाते हैं,

उनके मन में यह विचार उत्पन्न होने लगते हैं कि इंट्राडे ट्रेडिंग बहुत कठिन कार्य है जिसे शायद वह नही कर सकते हैं या इंट्राडे ट्रेडिंग को वह सट्टा मानने लगते हैं। इसकी वजह यह है कि वो शुरुआत में ही गलत ट्रेडिंग करके अत्याधिक पूंजी इस बाजार में गंवा चुके होते हैं।

Money Making Trading Psychology के अनुसार निराशा से बचने के लिए हमेशा कम पैसों से ट्रेडिंग की शुरुआत करें तथा अपने फायदे और नुकसान की एक सीमा तय कर लें।

उदहारण के लिए यदि आप 1,000 रुपए से ट्रेडिंग कर रहें हैं तो यह निर्णय पहले ही कर लें कि किसी भी हालत में आज के दिन 2,00 रु. से ज्यादा का नुकसान नही करेंगे।

 और यदि पहले ही ट्रेड में आपको ये नुकसान हो जाता है तो उस दिन के लिए अपनी ट्रेडिंग बन्द कर दे।

हमेशा याद रखें कि मार्केट कभी खत्म नही होगा यदि आज हमारा तरीका काम नही किया तो कल ट्रेडिंग करेंगे, हो सकता है कि कल हमारी रणनीति अच्छे से काम कर जाए और काफी बड़ा मुनाफा भी दे जाए।

इसी प्रकार ट्रेड लेने से पहले अपना मुनाफा भी तय कर लें कि यदि 1,000 रुपए से ट्रेडिंग कर रहें हैं तो 2,00 रु. का फायदा होने पर अपनी पोजिशन बन्द कर देनी है, यदि आपको पहले ट्रेड में 2,00 रु. का फायदा हो गया है तो पोजीशन बन्द कर के अगली ट्रेड की योजना बनाएं।

अब अगले ट्रेड में अपने नुकसान की सीमा को घटा कर 100 रु. कर लेना है। क्योंकि जो 2,00 रु. का Profit हो चुका है तो इसमें से कम से कम 100 रु. तो लेकर जाना ही है।

यदि प्रॉफिट हो रहा है तो तीन,चार,पाँच जितने भी ट्रेड करने हैं करें, लेकिन जब भी 1,00 रु. का घाटा हो जाए  वहीं उस दिन की ट्रेडिंग बन्द कर दे।

अक्सर देखा गया है कि ट्रेडर अपने मुनाफे को अपनी पूंजी नही मानते हैं यदि शुरुआत के एक – दो ट्रेड में उन्हें मुनाफा हो जाता है तो आगे के ट्रेड में नुकसान की क्षमता बढ़ा लेते हैं,

उन्हें लगता है कि अब जो नुकसान होगा वो तो प्रॉफिट में से जाएगा अपनी पूंजी में से नही जाएगा यह बहुत गलत धारणा होती है।

 सबसे बड़ी Money Making Trading Psychology यही है कि आप का प्रॉफिट आपके मूलधन से कई गुना ज्यादा कीमती है और यदि आपको एक बार प्रॉफिट मिल गया है तो उसका कुछ हिस्सा  हर हाल में  घर लेकर जाना है।trading-psychology-in-hindi

यदि हम प्रॉफिट को घर ले जाना नही सीखेंगे तो इस बाजार से कभी भी पैसा नही कमा पाएंगे।

एक डे ट्रेडर को अपनी ट्रेडिंग रणनीति और अपने नफा – नुकसान के नियमों का बहुत कड़ाई से पालन करना होता है।

इसके लिए हमेशा खुद को उत्साहित और प्रेरित रखना बहुत जरुरी है खुद को उत्साहित करने के लिए सफल ट्रेडरों की जीवनी भी पढ़ सकते हैं,

या फिर जो तरीका आपको उत्साहित कर सकता है वो करें परन्तु निराशा से बचे, और यदि किसी कारण वश मन मे कभी निराशा हो जाए तो उस दिन ट्रेडिंग से बचें।

 यदि हम कभी ट्रेडिंग का अच्छा मौका गँवा देते हैं, अथवा कभी सही समय पर ट्रेड नही कर पाते हैं, या कभी कुछ गल्ती की वजह से नुकसान कर बैठते हैं तो इन सब बातों को लेकर कभी भी अपने को बहुत हतोत्साहित मत करे,

और न ही बहुत ज्यादा पश्चाताप करें क्योंकि ये सब इस खेल का हिस्सा है,

हां अगर कही अपनी ओर से गल्ती की गई है तो उसे जरूर सुधारने की कोशिश करें।

जब हम अपने नुकसान की सीमा ट्रेड लेने से  पहले ही तय कर लेंगे तो शायद कभी ज्यादा दुख भी नही उठाना पड़ेगा।

एक Money Making Trading Psychology यह भी है कि बाजार हमेशा न प्रॉफिट देता है, और न ही हमेशा नुकसान देता है,

बल्कि दोनों का मिला – जुला परिणाम देता है।

हम अपने ट्रेडिंग मनोविज्ञान  पर नियंत्रण रखते हुए अनुशासित ट्रेडिंग कर के नुकसान को बहुत कम और प्रॉफिट को बहुत ज्यादा कर सकते हैं।

अब आपको अनुमान हो गया होगा कि इंट्राडे ट्रेडिंग में Profit बनाने के लिए Money Making Trading Psychology कितनी महत्वपूर्ण है।

इंट्राडे ट्रेडिंग में शेयर बाजार की पेचेदियो से ज्यादा महत्वपूर्ण अपनी रणनीति, नियम तथा अनुशासन होता है, और इन सबका नियंत्रण मस्तिष्क से होता है।

अतः अपने दिल और दिमाग को सदैव उत्साहित और सफलता के प्रति प्रेरित रखिये फिर देखिए कि इंट्राडे ट्रेडिंग में कितनी आसानी से सफलता प्राप्त होती है।

 Money Making Trading Psychology से संबंधित इस लेख पर अपने सुझाव अथवा विचार  कमेंट के माध्यम से कृप्या हमें भी जरूर बताएं।           

 

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