₹2.5 लाख से कम आय पर भी ITR जरूरी? इन स्थितियों में ITR भरना होता है अनिवार्य!
कम इनकम होने के बावजूद भी ITR फाइल करना जरूरी हो सकता है। जानिए कब-कब ITR भरना अनिवार्य होता है और न भरने पर क्या नुकसान हो सकता है।
Table of Contents
परिचय (Introduction)
क्या आपकी सालाना आय ₹2.5 लाख से कम है और फिर भी आपको लगता है कि ITR फाइल करना पड़ेगा?
बहुत सारे लोगों को लगता है कि अगर उनकी इनकम टैक्स स्लैब से कम है, तो उन्हें ITR (Income Tax Return) फाइल करने की जरूरत नहीं है। लेकिन सच्चाई यह है कि कम इनकम का मतलब हमेशा ITR से छूट नहीं होता।
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दरअसल, कुछ खास परिस्थितियों में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना अनिवार्य हो जाता है – भले ही आपकी कमाई ₹2.5 लाख से कम ही क्यों न हो।
इस लेख में आप जानेंगे-
- वो परिस्थितियाँ जब ITR फाइल करना कानूनन जरूरी हो जाता है
- किन लोगों को ITR फाइल करने से लाभ मिल सकता है
- और अगर आप ITR नहीं फाइल करते हैं, तो उससे होने वाला नुकसान
अगर आप छात्र हैं, हाउसवाइफ हैं, फ्रीलांसर हैं या किसी भी तरह की इनकम करते हैं — तो यह लेख आपके लिए बेहद उपयोगी हो सकता है।

ITR फाइल करना अनिवार्य कब होता है? (कानूनी आधार)
भारत सरकार के इनकम टैक्स नियमों के अनुसार कुछ विशेष परिस्थितियों में ITR फाइल करना अनिवार्य (Mandatory) होता है, भले ही आपकी आय टैक्स की न्यूनतम सीमा से नीचे हो।
यहां कुछ ऐसी मुख्य स्थितियाँ दी गई हैं-
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ITR फाइल करना कब-कब जरूरी होता है?
- अगर आपकी कुल आय ₹2.5 लाख से अधिक है
(60 वर्ष से ऊपर के सीनियर सिटिज़न्स के लिए छूट ₹3 लाख तक होती है) - आपकी इनकम बिज़नेस या प्रोफेशन से है
चाहे वो ₹2.5 लाख से कम ही क्यों न हो, उदाहरण- फ्रीलांसर, दुकानदार, टैक्सी ड्राइवर, डिजिटल सेलर आदि। - अगर आपके ऊपर TDS कटा है और आप रिफंड लेना चाहते हैं
(जैसे FD पर बैंकों द्वारा काटा गया टैक्स) - अगर आपके पास विदेश में संपत्ति या बैंक खाता है
या आपने किसी विदेशी शेयर या इनकम में डील की है - आप किसी कंपनी के डायरेक्टर हैं
भले ही कंपनी एक्टिव न हो - आपने किसी साल में-
- ₹1 करोड़ से अधिक की बैंकिंग (Current/Savings) ट्रांजैक्शन की हो
- ₹50 लाख से अधिक की विदेशी यात्रा की हो
- ₹1 लाख से अधिक का बिजली बिल भरा हो
ये सारी स्थितियाँ आयकर अधिनियम की धारा 139(1) के तहत आती हैं और इनमे ITR फाइल करना अनिवार्य होता है।
₹2.5 लाख से कम इनकम पर भी कब ITR जरूरी है?
अक्सर लोग सोचते हैं कि अगर इनकम ₹2.5 लाख से कम है, तो ITR फाइल करने की जरूरत नहीं होती है। लेकिन कई व्यवहारिक स्थितियाँ (Practical Scenarios) ऐसी होती हैं, जब कम इनकम पर भी ITR फाइल करना फायदेमंद या अनिवार्य हो सकता है।
कुछ वास्तविक उदाहरणों के साथ समझते हैं-
TDS कट गया हो और आप रिफंड चाहते हों
अगर आपने FD या अन्य निवेश पर ब्याज कमाया है और बैंक ने उस पर TDS काट लिया है, लेकिन आपकी कुल इनकम टैक्स लिमिट से कम है, तो आप ITR फाइल करके पूरा रिफंड प्राप्त कर सकते हैं।
Home Loan पर Deduction क्लेम करना चाहते हैं
अगर आपने हाउस लोन लिया है और Section 24(b) या Section 80C के तहत ब्याज या प्रिंसिपल पर deduction क्लेम करना चाहते हैं, तो ITR ज़रूरी है।
Freelancing या Gig Work से इनकम
जैसे ब्लॉगिंग, YouTube, Zomato delivery, Uber driving, Upwork जैसे कामों से इनकम हो रही है, भले ही ₹2.5 लाख से कम हो, लेकिन यह बिजनेस/प्रोफेशनल इनकम मानी जाती है।
इस केस में ITR भरना ज़रूरी हो सकता है।
Cryptocurrency, शेयर या Mutual Fund से कमाई
अगर आपने किसी भी प्रकार की कैपिटल गेन की इनकम (जैसे Bitcoin से कमाई, स्टॉक्स बेचने से या प्रॉपर्टी बेचने से फायदा) पाई है, तो वह इनकम टैक्स के दायरे में आती है।
इसलिए अगर इनकम कम भी हो, तो source of income को ध्यान में रखते हुए ITR फाइल करना एक अच्छा फैसला होता है।
ITR न भरने पर क्या नुकसान हो सकता है?
अगर आप उन लोगों में आते हैं जिनके लिए ITR फाइल करना अनिवार्य है, फिर भी नहीं करते हैं, तो आपको भविष्य में कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जैसे-
Section 234F के अंतर्गत लेट फाइलिंग पर पेनल्टी
अगर आप तय समय तक ITR नहीं भरते, तो ₹1,000 से ₹5,000 तक का जुर्माना लग सकता है।
लोन या वीज़ा आवेदन में दिक्कत
बैंक से Home Loan या Education Loan लेना हो, या विदेश यात्रा के लिए वीज़ा चाहिए हो — तो ITR की कॉपी एक जरूरी दस्तावेज़ है। बिना ITR, लोन या वीज़ा रिजेक्ट हो सकता है।
TDS रिफंड नहीं मिलेगा
अगर आपका TDS कट चुका है और आपने ITR फाइल नहीं किया, तो आप उस टैक्स रिफंड से वंचित रह सकते हैं।
Income Proof की कमी
अगर आप भविष्य में फाइनेंशियल प्लानिंग करना चाहते हैं (जैसे क्रेडिट कार्ड, लोन आदि), तो ITR एक आधिकारिक आय प्रमाण पत्र (Official Income Proof) की तरह काम करता है।
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कौन-कौन ITR भर सकता है, भले इनकम कम हो?
आजकल कई लोग ऐसे हैं जिनकी इनकम भले ही स्लैब लिमिट से कम हो, लेकिन वो समझदारी से ITR फाइल करते हैं, जैसे-
Students
जो Freelancing, Blogging, Crypto trading या Youtube आदि कर रहे हैं। इससे उनका फाइनेंशियल ट्रैक रिकॉर्ड बनता है।
Housewives
जो पार्ट-टाइम ट्यूशन, सिलाई, ऑनलाइन बेचने जैसे कामों से अतिरिक्त इनकम कमा रही हैं।
Retired लोग
जिनकी पेंशन या बैंक इंटरेस्ट आदि से इनकम होती है — अक्सर ₹2.5 लाख से कम पर भी TDS कट जाता है, इसलिए वो Refund के लिए ITR फाइल करते हैं।
छोटी दुकान के मालिक या Digital Sellers
जैसे कि लोकल किराना दुकानदार, Etsy/Meesho/Instagram पर बेचने वाले — जिनकी सालाना इनकम भले ही कम हो, लेकिन बिज़नेस इनकम की वजह से ITR जरूरी हो जाता है।
सही ITR फॉर्म कौन सा होगा?
बहुत से लोग यह भी मानते हैं कि ITR फॉर्म भरना मुश्किल है, लेकिन अगर आप सही फॉर्म चुनें, तो यह प्रक्रिया काफी आसान हो जाती है। आपकी इनकम के सोर्स के आधार पर नीचे बताया गया है कि कौन-सा ITR फॉर्म आपके लिए उपयुक्त है-
ITR 1 (सहज)
- अगर आपकी इनकम सिर्फ Salary, Pension, या Savings/FD पर Interest से है
- और आपकी कुल इनकम ₹50 लाख से कम है
- तो आप ITR 1 भर सकते हैं।
ITR 4 (सुगम)
- अगर आप Freelancing, छोटा बिज़नेस, या प्रोफेशनल सर्विसेस से कमाई करते हैं
- और आप Presumptive Taxation Scheme (44ADA/44AD) के तहत आते हैं
- तो ITR 4 आपके लिए सही फॉर्म है।
सही ITR फॉर्म का चयन न करना आपकी फाइलिंग को Invalid बना सकता है — इसलिए समझदारी से चुनाव करें।
ऑफिशियल गाइड- सही जानकारी के लिए देखें Income Tax Portal की यह पेज —
👉 ITR Filing Help – incometax.gov.in
FAQs: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. क्या ₹2.5 लाख से कम कमाई पर भी ITR फाइल करना जरूरी है?
अगर आपकी सालाना इनकम ₹2.5 लाख से कम है, तब भी कुछ स्थितियों में ITR फाइल करना अनिवार्य हो सकता है — जैसे अगर आपने कोई कैपिटल गेन कमाया हो, TDS कटा हो या आप फ्रीलांसर हैं।
Q2. Students को ITR भरनी चाहिए या नहीं?
अगर स्टूडेंट की कोई भी कमाई (जैसे Freelancing, Crypto, Part-Time Job) taxable limit में आती है या TDS कटा है — तो उन्हें ITR भरना चाहिए। इससे भविष्य में लोन या वीज़ा के लिए Income Proof तैयार होता है।
Q3. कितने लाख तक इनकम टैक्स फ्री है?
वर्तमान में, पुरानी टैक्स व्यवस्था में ₹2.5 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री है। नई टैक्स व्यवस्था में ये सीमा ₹3 लाख तक हो सकती है। हालांकि, यह नियम उम्र और टैक्स ऑप्शन के अनुसार बदलता है।
Q4. क्या हर साल ITR फाइल करना जरूरी है?
अगर आपकी इनकम टैक्सेबल लिमिट से ऊपर है या आप किसी भी रिपोर्टेबल स्थिति में आते हैं — तो हर साल ITR फाइल करना अनिवार्य है। कई बार भले ही इनकम कम हो, लेकिन Compliance के लिए ITR जरूरी होता है।
Q5. समय पर ITR फाइल नहीं करने पर कितना जुर्माना है?
Section 234F के तहत अगर आप समय पर ITR फाइल नहीं करते, तो ₹1,000 से ₹5,000 तक का जुर्माना लग सकता है, आपकी इनकम पर निर्भर करता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
उम्मीद है कि अब आप समझ चुके होंगें कि-
- सिर्फ इनकम ₹2.5 लाख से कम होना ही ITR न भरने की वजह नहीं बन सकता है।
- कई ऐसे Practical और Legal कारण हैं, जिनके आधार पर आपको ITR भरना चाहिए — चाहे आपकी इनकम Taxable लिमिट से कम ही क्यों न हो।
ITR फाइल करने के फायदे–
- TDS Refund पाने में मदद
- Income Proof तैयार होता है
- Loan और Visa Applications में Smooth Approval
- Legal Compliance और Future Security
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अगर आपके ऊपर इसमें से कोई भी स्थिति लागू होती है, तो आज ही अपना ITR फाइल करें।
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