इंट्राडे ट्रेडिंग के क्या फायदे हैं ? | How To Trade Intraday

इस Article में इंट्राडे ट्रेडिंग के क्या फायदे हैं ? तथा इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे की जाती है ? ( How To Trade Intraday ) की जानकारी दी गई है,

जो कि पाठकों के लिए काफी उपयोगी हो सकती है इसलिए लेख को अंत तक पढ़े।

 पिछले लेख में हमने ये जाना था कि सुबह 9:15 पर मार्केट खुलने तथा शाम 3:15 पर मार्किट बन्द होने के दौरान ही शेयर की खरीद -बिक्री को इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है।

मतलब बाज़ार बन्द होने से पूर्व ही अपनी पोजिशन समाप्त करनी होती है।

इंट्राडे ट्रेडर दिन के दौरान शेयर की कीमत में होने वाले उतार-चढ़ाव में ही अपना प्रॉफिट निकालने की कोशिश करता है।

इंट्राडे ट्रेडर बाज़ार में होने वाली गतिविधियों और उतार- चढ़ावों के अनुसार ही शेयर की खरीद या बिक्री करता है तथा बहुत ही कम समय में प्रॉफिट बना कर बाहर आ जाता है।

यह समय 2 – 3 घंटे या कभी -कभी कुछ मिनटों का ही हो सकता है। डे ट्रेडर अपनी पोजीशन  को अगले दिन तक नही ले जा सकता है यही इसका सकरात्मक पक्ष भी है।

 क्योंकि जो फायदा या नुकसान होता है उसे उसी दिन लेना होता है।

यदि नुकसान हो रहा है तो उसी दिन ले लेना उचित है क्योंकि यदि अगले दिन तक पोजीशन  बनी रहे तो हो सकता है नुकसान और भी काफी बड़ा हो जाए।

 इंट्राडे ट्रेडर दिन के दौरान कभी भी ट्रेडिंग कर सकता है तथा जितनी बार चाहे उतनी बार कर सकता है।

सच कहा जाय तो डे ट्रेडर के कारण ही बाजार गतिमान रहता है तथा मांग और पूर्ति का सिद्धांत बनता रहता है।

परन्तु इंट्राडे ट्रेडिंग  काफी सोच-समझ कर खेलने वाला खेल है, इसमे जितनी तेजी से फायदा होता है उतनी ही तेज़ी से नुकसान भी होता है।

यहाँ ‘डर’ और ‘लालच’ दोनों कारक कार्य करते हैं।

आगे हम इंट्राडे ट्रेडिंग के क्या फायदे और नुकसान हैं इसकी  चर्चा करेंगे।

इंट्राडे ट्रेडिंग के क्या फायदे हैं ? ( Advantages Of Intraday Trading )

 1 –  दोस्तों, इंट्राडे ट्रेडिंग का सबसे बड़ा फायदा लिवरेज ( Leverage) का होता है।इंट्राडे-ट्रेडिंग-के-क्या-फायदे-हैं

लिवरेज का अर्थ ये होता है कि आपके पास जितना पैसा होता है आप उससे कई गुने ज्यादा के शेयर ले सकते हैं।

चूंकि डे ट्रेडर को अपनी पोजिशन उसी दिन खत्म करनी होती है इस कारण उसमें मार्जिन मनी की ज्यादा जरूरत नही होती है, इसलिए ब्रोकर डे ट्रेडर को लिवरेज उपलब्ध कराता है।

इसको ऐसे समझ सकते हैं कि – जैसे यदि आपके खाते में 20,000 रुपए है तो आप 1 लाख रुपए तक की ट्रेडिंग कर सकते हैं।

बहुत से डिस्काउंट ब्रोकर 30 गुना तक की ट्रेडिंग छूट अपने Clint को देते हैं।

2 –  इंट्राडे ट्रेडिंग का दूसरा फायदा ये है कि आपको रात का जोखिम नही लेना पड़ता है। मतलब ये है कि डे ट्रेडिंग में आपको उसी दिन शाम 3:15 तक अपनी पोजीशन समाप्त करनी होती है।

इसलिए दुनियाभर में रात को होने वाली घटनाओं और अगले दिन बाजार पर उसका क्या प्रभाव होगा, बाजार ऊपर खुलेगा या नीचे?

इन सब बातों का इंट्राडे ट्रेडर पर कोई प्रभाव नही पड़ता है। डे ट्रेडर रात को आराम से चैन की नींद सो सकता है।

3 –  इंट्राडे ट्रेडिंग का तीसरा यही फायदा होता है कि उसी दिन पोजिशन समाप्त करने से होने वाला Profit और Loss उसी दिन बुक कर लेना होता है।

क्योंकि यदि अपनी पोजीशन  अगले दिन तक ले जाई जाती है और अगले दिन बाजार काफी Down खुले तो हमें बहुत ज्यादा नुकसान होने की संभावना होती है।

5 –  इंट्राडे ट्रेडिंग का एक फायदा ये भी है कि बाजार की स्थिति चाहे तेजी की हो या मंदी की डे ट्रेडर दोनों ही स्थितियों में ट्रेडिंग करके पैसा कमा सकता है।

एक अनुभवी इंट्राडे ट्रेडर तो इन्ही परिस्थितियों का फायदा उठा कर काफी बड़ा मुनाफा कमा लेता है।

6 –  इंट्राडे ट्रेडिंग का एक बड़ा फायदा ये भी है कि इसमें ब्रोकरेज काफी कम देनी होती है।

बहुत से डिस्काउंट Broker इंट्राडे के लिए बहुत ही मामूली ब्रोकरेज पर ही काम करने की सुविधा प्रदान करते हैं तथा शेयर की खरीद या बिक्री में से किसी एक पर ही ब्रोकरेज शुल्क अदा करना होता है ।

    दोस्तों, जहां तक इंट्राडे ट्रेडिंग के नुकसान की बात है तो ये नए ट्रेडर के लिए ये काफी जोखिम भरा भी हो सकता है। क्योंकि नए ट्रेडर को बाजार की चाल के साथ ट्रेडिंग कर पाना सम्भव नही हो पाता है।

इसलिए यहाँ सीखने पर ज्यादा जोर दिया जाता है।

  इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें ? (How To Trade Intraday )

यदि हम एक सफल इंट्राडे ट्रेडर बनना चाहते हैं तो हमें कुछ ट्रेडिंग रणनीति बनाने की आवश्यकता होती है। जिसकी चर्चा अगले कई लेखों में हमलोग करेंगे।

यहाँ पर अभी कुछ विशेष गुणों की चर्चा करेंगे जो इंट्राडे ट्रेडर को शेयर बाजार में सफल होने के लिये बहुत जरूरी होते हैं।

यदि हम भी सफल ट्रेडर बनना चाहते हैं तो अपने अन्दर निम्नलिखित गुणों को को विकसित करने का प्रयास करना चाहिए –

1 –  अनुशासन ( Discipline)

एक इंट्राडे ट्रेडर की सफलता में सबसे अहम योगदान अनुशासन का ही होता है।

जैसा कि हम लोग ये जानते हैं कि इस बाजार में ‘डर’ और ‘लालच’ दोनों कारक समान रूप से कार्य करते हैं और इन्ही दोनों कारक की वजह से एक डे ट्रेडर काफी नुकसान उठाता है।

अतः इन दोनों कारको को नियंत्रित करने के लिये अनुशासन अति आवश्यक है। हम अनुशासित तरीके से ट्रेडिंग कर के ही अपने डर और लालच पर विजय पा सकते हैं।

सभी सफल इंट्राडे ट्रेडर अपनी ट्रेडिंग के लिए कुछ नियम बनाते हैं, और बहुत ही अनुशासित तरीके से अपने नियमों का पालन करते हैं तभी हर दिन के हिसाब से यहां नियमित पैसे कमाते हैं।

2 –  आत्मसंयम ( Self Control ) how-to-trade-intraday

इंट्राडे ट्रेडिंग की सफलता में आत्मसंयम की भी बहुत अवश्यकता होती है।

एक इंट्राडे ट्रेडर को दिन के दौरान ट्रेडिंग के बहुत से  अवसर मिलते हैं परन्तु हर अवसर में लाभ ही मिले यह सम्भव नही है।

इसलिए यहां अपने लालच पर कंट्रोल रखना बेहद जरूरी है, हर मौके को ध्यान से देखना चाहिए तथा जब हमें अपनी ट्रेडिंग रणनीति के अनुसार कोई मौका दिखे तब ही अनुशासित तरीके से ट्रेडिंग करना चाहिए।

 तथा एक निश्चित लाभ मिल जाने पर तुरन्त ही अपनी पोजीशन  बन्द कर के बाहर आ जाना है और पुनः दूसरे मौके का इंतज़ार करना है।

सबसे अच्छा तो यह होता है कि हम ट्रेडिंग सत्र शुरू होने से पहले ही कुछ Stocks का चयन कर लें,

और मार्केट खुलने के बाद अपने चुनें हुए स्टॉक पर ही नजर बनाये रखें और जब आपको अपनी ट्रेडिंग नीति के अनुसार कोई मौका मिले तब ही Trade करे।

नए ट्रेडर लालच वश यहाँ दिनभर कुछ न कुछ खरीद या बिक्री करते ही रहते हैं, जिससे उन्हें दिन के अंत तक काफी नुकसान उठाना पड़ जाता है।

अतः अपने अन्दर आत्मसंयम का गुण विकसित कर के हम इस नुकसान से खुद को बचा सकते हैं।

3 –  आत्मविश्वास ( Confidence ) 

एक सफल इंट्राडे ट्रेडर के अन्दर भरपूर आत्मविश्वास होना बहुत ही जरूरी है। क्योंकि यदि हमें अपने ऊपर विश्वास नही है तो हम शेयर बाजार क्या किसी भी क्षेत्र में कभी सफल नही हो सकते हैं।

पहले भी बताया जा चुका है कि डे ट्रेडर को पूरे दिन में ट्रेडिंग के कई अवसर मिलते हैं।

परन्तु जिस अवसर पे हमें पूरा आत्मविश्वास हो उसी पर ट्रेडिंग करना चाहिए। आत्मविश्वास के साथ लिया गया ट्रेड ज्यादातर सफल ही होता है।

अपना आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए आप सफल इंट्राडे ट्रेडरों की जीवनी पढ़ कर भी काफी कुछ सीख सकते हैं।

4 –  एकाग्रता ( Concentration )

 किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए एकाग्रता एक आवश्यक गुण होता है, और इंट्राडे ट्रेडिंग में तो ये बहुत ही आवश्यक है।

यहां दिन- भर उल्टे- सीधे ट्रेड लेकर नुकसान उठाने से अच्छा है एकाग्रता और धैर्य के साथ अपने मौके का इंतिजार किया जाए।

उदाहरण के लिए –  बगुला जो कि एक पक्षी होता है और वह छोटी मछलियों का शिकार करके खाता है, परन्तु वह मछलियों के पीछे भागता नही है बल्कि पानी मे चुपचाप एकाग्रता के साथ खड़ा रहता है जब मछली खुद चलकर उसके पास आती है तो वह फौरन शिकार कर लेता है।

ठीक ऐसे ही हमको भी यहाँ एकाग्रता के साथ डटे रहना है मौके तो खुद चलकर हमारे पास आएंगे बस उन मौको का लाभ उठाकर पैसा बनाने की कला हमें आनी चाहिए।

और यह कला तब आएगी जब हम धैर्य और एकाग्रता के साथ शेयर बाजार के उतार – चढ़ावों को समझेंगे और उसी के अनुसार अपनी ट्रेडिंग करेंगे।

5 –  धैर्य ( Patience) 

इंट्राडे ट्रेडिंग में धैर्य की भी बहुत अवश्यकता होती है और ज्यादातर ट्रेडर बहुत जल्दी पैसा कमाने के चक्कर में धैर्य खो देते हैं। जिससे उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ता है।

कभी – कभी ये नुकसान इतना ज्यादा हो जाता है कि उन्हें इस बाजार से बाहर तक हो जाना पड़ता है। तब ऐसे लोग इस बाजार को जुआँ या सट्टा मानने लगते हैं।

इस स्थिति से बचने के लिए इंट्राडे ट्रेडर में धैर्य रखने का गुण अति आवश्यक है। यदि हमको किसी ट्रेड में नुकसान हो रहा है तो तुरन्त उस ट्रेड से बाहर निकलना आना चाहिए।

एवं धैर्य के साथ दूसरा ट्रेड तलाशना चाहिए जिससे कि पिछले घाटे की भरपाई भी हो जाए और कुछ Profit भी निकल आए।

 हो सकता है हमको उसी दिन कोई दूसरा प्रॉफिट वाला Trade न मिले तो धैर्य के साथ अगले दिन का इंतज़ार भी कर सकते हैं।advantages-of-intraday-trading

अगले दिन हमें काफी अच्छे और फायदे वाले मौके मिल सकते हैं।

किन्तु धैर्य का गुण ही नही है तो हम उसी दिन अपने घाटे की भरपाई के लिये दूसरे उल्टे – सीधे सौदे करने लग जाएंगे जिससे कि हमारा घाटा और बढ़ने लगेगा।

 कभी – कभी यह घाटा इतना अधिक बढ़ जाता है कि  वहन करना काफी मुश्किल हो जाता है।

नये ट्रेडरों में अधिकतर यही देखा गया है कि वो धैर्य की कमी के चलते काफी घाटा उठाकर अपनी सारी जमापूंजी यहाँ गवां देते हैं। और इस बाजार से बाहर हो जाते हैं।

निष्कर्ष  ( The Conclusion)

उपरोक्त कुछ ऐसे गुण हैं जिनको विकसित कर के आप इंट्राडे ट्रेडिंग में काफी सफलता पा सकते हैं, और बहुत ही ज्यादा पैसे भी बना सकते हैं।

उम्मीद है कि अब आपको कुछ Idea हो गया होगा कि इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें।

दोस्तों, इंट्राडे ट्रेडिंग की सफलता का राज हमारी सीखने की कला पर भी निर्भर करता है। इसलिए हमेशा ही कुछ नया सीखते रहने की कोशिश करते रहना चाहिये। 

 नये लोग शुरुआत में ही पैसे कमाने के लालच में न पड़े बल्कि सीखते रहने पर ज्यादा जोर दें।

 ऐसे समझे कि हम 16-17 साल स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई में लगाते हैं तब कहीं जाकर 30- 40 हजार  महीने वेतन  की जॉब के लायक बन पाते हैं।

 तो यहाँ कुछ दिनों में ही ज्यादा पैसा कमाने की क्यों सोचने लगते हैं ?

जब हम 30 -40 हजार रुपए की नौकरी के लिए 16 – 17 साल पढ़ाई कर सकते हैं तो यहाँ भी सीखने के लिए हमें कुछ समय जरूर देना पड़ेगा।

ज्यादा नही बस एक साल अगर हम सीखने में लगा देंगे तो तो यहाँ से इतना पैसा बनाने लग जाएंगे कि शायद फिर हमें कोई दूसरी जॉब या बिजनेस करने की आवश्यकता ही नही पड़ेगी।

      दोस्तों, उम्मीद है कि इस लेख को पढ़कर आपको ये पता चल गया होगा कि इंट्राडे ट्रेडिंग के क्या फायदे हैं और हम आसानी से इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे कर सकते हैं।

इस लेख से संबंधित अपने सुझाव या विचारों को कमेंट के माध्यम हमें अवगत कराएं।

 

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