कार खरीदने या विदेश यात्रा पर TCS रिफंड कैसे लें?

कार खरीदना या विदेश यात्रा करना जैसे खर्चे हमेशा ही बड़े और महंगे खर्चे माने जाते हैं और जब किसी व्यक्ति द्वारा इतना बड़ा खर्च किया जाता है, तो सरकार भी यह जानने की इच्छुक रहती है कि कौन-कौन से लोग ऐसे हैं जिनकी इतनी Income है कि वो इतने बड़े-बड़े खर्च करने में सक्षम हैं।

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इन बड़े-बड़े खर्च करने वाले लोगों पर निगरानी करने के लिए ही सरकार ने Tax Collected at Source (TCS) का नियम बनाया है, इसके माध्यम से आयकर विभाग इन बड़े- बड़े खर्चों को करने वाले लोगों पर नजर रखती है। इससे आयकर विभाग यह भी देख पाता है कि क्या ऐसे लोग अपनी आय पर सही से टैक्स का भुगतान कर रहे हैं या नहीं।

TCS क्या है और यह क्यों लागू होता है?

TCS (Tax Collected at Source) भी एक प्रकार का टैक्स ही होता है, जो विक्रेता द्वारा कुछ विशेष वस्तुओं या सेवाओं की एक निर्धारित सीमा से अधिक मूल्य की खरीद करने वाले ग्राहकों से लिया जाता है। यह टैक्स क्रेता के PAN पर आयकर विभाग में जमा किया जाता है।

इसे इस प्रकार समझ सकते हैं, माना कि आप 20 लाख रुपये की एक कार खरीदते हैं, तो कार विक्रेता आपसे कार की कीमत के साथ 1% TCS भी लेगा, यानी आपको कुल ₹20.2 लाख का भुगतान करना होगा।

TCS की दरें / TCS rates

भिन्न- भिन्न प्रकार की खरीदारी और उनकी कीमत के आधार पर TCS की दरें भी भिन्न होती हैं। TCS के कुछ निम्नलिखित सामान्य उदाहरण हैं –

2विदेश यात्रा पैकेज (foreign travel packages) पर TCS कैसे लगता है? – आयकर नियमों के अनुसार ₹7 लाख तक की विदेश यात्रा पैकेज पर TCS की दर 5% होगी, और यदि विदेश यात्रा पैकेज की कीमत ₹7 लाख से अधिक है तो TCS की दर 20% होगी। इसमें अंतर्राष्ट्रीय फ्लाइट्स, होटल स्टे, और यात्रा से जुड़े अन्य खर्च शामिल होते हैं। सिर्फ होटल बुकिंग या फ्लाइट बुकिंग पर TCS लागू नहीं होता है।

3- विदेश में पैसे भेजने (Liberalized Remittance Scheme – LRS ) पर TCS कैसे लगता है?

  • यदि निवेश या निजी खर्चों के लिए ₹7 लाख से अधिक खर्च किया जाता है तो इस राशि पर 20% की दर से TCS लगेगा।
  • शिक्षा के लिए (यदि एजुकेशन लोन से भुगतान हो रहा हो), ₹7 लाख से अधिक के भुगतान पर पर 0.5% TCS लिया जाएगा।
  • बिना लोन के मेडिकल ट्रीटमेंट या शिक्षा के लिए ₹7 लाख से अधिक के खर्च पर भी 5% की दर से TCS लागू होता है।

TCS का रिफंड कैसे प्राप्त करें ? /How to get TCS refund

TCS को आपकी कुल कर देयता (tax liability) में शामिल नहीं किया जाता है, इसलिए TCS का refund बहुत आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। TCS refund की निम्नलिखित प्रक्रिया है –

1. ITR दाखिल करें – अपना आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करते समय TCS की राशि को अपने ITR में दर्ज करें, ठीक उसी तरह जैसे TDS या अन्य कर भुगतान को दर्ज किया जाता है।

2. Form 26AS देखें Form 26AS आपके सभी कर संग्रह और भुगतान (tax collection and payment) की Summary दिखाता है, जिसमें TCS भी शामिल होता है। जांच कर लें कि यह सही तरीके से आपके Form 26AS में दर्ज होना चाहिए।

3. Outstanding Tax: अगर आपके ऊपर किसी भी प्रकार की कर देयता बकाया होगी, तो TCS पहले उस पर समायोजित (Adjust) किया जाएगा, और इस समायोजन बाद भी यदि TCS की कोई राशि शेष ब चती है तो उसे आपके ITR के Process होने के बाद रिफंड कर दिया जाएगा।

TCS रिफंड के लिए ध्यान रखने योग्य बातें

  • सुनिश्चित करें कि आपका PAN, आधार कार्ड और बैंक अकाउंट से सही से लिंक हो और सभी टैक्स गढ़ना का विवरण सही से दर्ज किया गया हों।
  • ITR फाइलिंग की निर्धारित अंतिम तिथि से पहले TCS रिफंड का दावा करना जरूरी होता है, ताकि किसी प्रकार की देरी या जुर्माने से बचा जा सके।
  • अगर त्रुटिवश ITR मे कोई गलत विवरण दर्ज हो गया होगा, तो इससे ITR प्रोसेस में रुकावट पड़ सकती है। इसलिए इसे सही समय पर जांच लेना और त्रुटियों को सुधार लेना जरूरी है।
निष्कर्ष (conclusion)

महंगे खर्चों पर TCS एक अतिरिक्त कर भार की तरह तो लगता है, लेकिन असल मे यह आपकी कर देयता (tax liability) का हिस्सा नहीं होता है। इसे सही तरीके से ITR दाखिल करके आसानी से वापस पाया जा सकता है। TCS प्रक्रिया सरकार का आपकी आय और खर्चों पर निगरानी रखने का एक तरीका है, ताकि सभी करदाता सही तरीके से अपने टैक्स का भुगतान करें।

इसलिए, चाहे आप एक महंगी कार खरीद रहे हों या फिर विदेश यात्रा पर जाने की योजना बना रहे हों, TCS के नियमों को समझना, उसका पालन करना और सही समय पर अपना ITR दाखिल करना बहुत जरूरी है।

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