GST Circular 237/31/2024: (ITC) की नई समय सीमा और रिफंड से जुड़े महत्वपूर्ण बदलाव जानें


भारत सरकार की ओर से दिनांक 15 अक्टूबर 2024 को GST से संबंधित एक महत्वपूर्ण Circular जारी किया, जिसका उद्देश्य केंद्रीय माल और सेवा कर (CGST) अधिनियम की धारा 16 में किए गए बदलावों को स्पष्ट करना है। यह सर्कुलर उन विशेष मामलों में इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के दावे की समय सीमा को बढ़ाता है, जहां पहले यह संभव नहीं था।

उम्मीद की जा रही है कि इन बदलावों से तमाम छोटे और बड़े करदाताओं को काफी राहत मिलेगी। आइए Circular No. 237/31/2024-GST को विस्तार से समझते हैं।

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GST Circular 237/31/2024-GST: के मुख्य बिन्दु

1- इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) की समय सीमा क्या है?

CGST Act की धारा 16 की उपधारा (4) के अनुसार, किसी भी पंजीकृत व्यक्ति को किसी चालान या डेबिट नोट के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दावा करना होता है:

  • 30 नवंबर तक, जो वित्तीय वर्ष के समाप्त होने के बाद आता है।
  • या फिर उस वित्तीय वर्ष के वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की तारीख तक, जो भी पहले हो।

उदाहरण के लिए, अगर आप वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए ITC का दावा करना चाहते हैं, तो आपको या तो 30 नवंबर 2023 तक या उस वर्ष का वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की तारीख तक इसका दावा करना होगा।

2- उपधारा (5) के तहत विशेष छूट

धारा 16 की उपधारा (5) के तहत, उन चालानों के लिए भी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दावा किया जा सकता है जो पुराने वित्तीय वर्षों जैसे 2017-18, 2018-19, 2019-20, और 2020-21 से संबंधित हैं। इसका मतलब यह है कि इन वर्षों के लिए ITC का दावा 30 नवंबर 2021 तक किया जा सकता है, भले ही उपधारा (4) के तहत समय सीमा समाप्त हो चुकी हो।

3- पंजीकरण रद्द होने पर ITC का लाभ

अगर किसी पंजीकृत व्यक्ति का GST पंजीकरण रद्द हो गया था और बाद में इसे बहाल किया गया (कोर्ट, Appellate Authority या किसी अन्य सक्षम प्राधिकारी के आदेश से), तो वह व्यक्ति उन चालानों के लिए भी ITC का दावा कर सकता है, जिन पर पहले प्रतिबंध था। यह लाभ तब तक मिलेगा जब तक-

  • चालान या डेबिट नोट 30 नवंबर तक जमा हो जाएं।
  • या फिर वार्षिक रिटर्न दाखिल हो जाए, जो भी पहले हो।

अगर पंजीकरण रद्द होने और पुनर्बहाली के बीच कोई चालान आया हो, तो भी व्यक्ति 30 दिनों के भीतर ITC का दावा कर सकता है।

4- रिफंड का दावा नहीं किया जा सकेगा

इस Circular में यह स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी ने पहले टैक्स चुका दिया है या ITC वापस कर दिया है, तो उसे अब रिफंड नहीं मिलेगा। इसका मतलब है कि बदलाव के कारण पहले किए गए भुगतानों पर किसी भी प्रकार का रिफंड नहीं दिया जाएगा।

5- आदेशों की पुनरीक्षा और आवेदन प्रक्रिया

अगर किसी करदाता के खिलाफ पहले से आदेश जारी किए गए हैं, जिनमें उन्हें ITC लेने में गलतियां पाई गई थीं, तो अब वे इस सर्कुलर के नए प्रावधानों के तहत ITC का दावा कर सकते हैं। इसके लिए करदाता को 6 महीने के भीतर एक विशेष प्रक्रिया के तहत आवेदन करना होगा।

आवेदन कैसे करें –

  • करदाता GST की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉगिन करें।
  • “My Applications” में जाकर “Application for rectification of order” को चुनें।
  • नई आवेदन प्रक्रिया शुरू करें और मांगी गई जानकारी को भरें।

6- अधिकारी द्वारा फैसला और आदेश की पुनरीक्षा

आवेदन जमा करने के बाद, कर अधिकारी 3 महीने के भीतर इस पर निर्णय लेंगे। अगर कोई गलती पाई जाती है, तो अधिकारी संबंधित आदेश को सुधार सकते हैं और ITC का लाभ दिया जा सकता है।

अगर सुधार के कारण करदाता के खिलाफ कोई फैसला आता है, तो उन्हें सुनवाई का अवसर दिया जाएगा ताकि वे अपना पक्ष रख सकें। इसके बाद, अगर करदाता चाहे तो इस नए आदेश के खिलाफ अपील भी कर सकता है।

7- क्या ध्यान रखना चाहिए?

यह जरूरी है कि करदाता सही समय पर आवेदन करें। अगर किसी मामले में इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) से संबंधित आदेश पहले ही पारित हो चुके हैं और वे इस सर्कुलर के अंतर्गत आते हैं, तो करदाता इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। परंतु, अगर किसी आदेश में ITC से संबंधित कोई गलती नहीं पाई जाती है, तो आवेदन को अस्वीकार कर दिया जाएगा।

निष्कर्ष:

GST Circular 237/31/2024 का उद्देश्य करदाताओं के लिए Input Tax Credit (ITC) के प्रावधानों को और अधिक स्पष्ट बनाना है। इसमें उन मामलों के लिए ITC का दावा करने का मौका दिया गया है, जहां पहले यह समय सीमा समाप्त हो गई थी। इसके अलावा, अगर किसी का पंजीकरण रद्द हो गया था और फिर से बहाल हुआ है, तो उसे भी ITC का लाभ दिया जाएगा।

इस GST Circular के अनुसार, करदाता सही समय पर आवेदन करें और सभी प्रक्रियाओं का पालन करें ताकि वे इन नए प्रावधानों का लाभ उठा सकें। यदि इस सर्कुलर के क्रियान्वयन में कोई समस्या आती है, तो करदाता इसे विभाग के सामने उठा सकते हैं।

Mr.Sanjay Mangal (Principal Commissioner, GST) द्वारा 15th October, 2024 जारी किए गए Circular No. 237/31/2024-GST को इस लेख के माध्यम से हिन्दी भाषी पाठकों की सुविधा हेतु सरल हिंदी भाषा में समझाया गया है। आप यहाँ से [https://taxinformation.cbic.gov.in/view-pdf/1003242/ENG/Circulars] सर्कुलर का पूरा आधिकारिक दस्तावेज़ डाउनलोड कर सकते हैं।

Disclaimer

इस लेख मे दिया गया GST Circular भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा जारी Circular No. 237/31/2024-GST एक आधिकारिक दस्तावेज़ है। इस सर्कुलर को समझने में आसानी हो, इसके लिए हमने इसको सरल हिंदी में व्याख्यात्मक रूप मे प्रस्तुत किया है। कृपया ध्यान दें कि यह व्याख्या केवल शैक्षिक और जानकारी देने के उद्देश्य से है, और इसका उद्देश्य किसी प्रकार की कानूनी सलाह देना नहीं है।

यदि आपको इस सर्कुलर से संबंधित किसी भी कानूनी निर्णय की आवश्यकता हो, तो कृपया किसी विशेषज्ञ या कर सलाहकार से संपर्क करें। किसी भी कानूनी निर्णय के लिए आधिकारिक सर्कुलर को ही अंतिम माना जाएगा।

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