Intraday Trading Kya Hai | इंट्राडे ट्रैडिंग कैसे सीखे
दोस्तों, मेरे एक मित्र ने कुछ दिन पहले मुझे Share Market और Intraday Trading से जुड़ी अपनी कहानी मुझे बतायी थी।
उन्होंने मुझे बताया कि वो अपनी मेहनत की कमाई से हर महीने कुछ पैसा बचा कर अपने बचत खाते में जमा करते थे।
आज की महंगाई और परिवार के खर्चे निपटाने के पशचात, हर महीने वो बहुत थोड़ी सी ही बचत कर पाते थे।
उन्हें अपने बच्चों और परिवार के भविष्य की चिन्ता हमेशा सताती रहती थी।
एक दिन उन्हें किसी ने शेयर बाजार में ‘Intraday Trading kya hai’ के बारे में बताया कि वहाँ कैसे अपने पैसों को बहुत कम समय मे कई गुना तक बढ़ाया जा सकता है।
चूंकि मेरे मित्र को Stock Market और Intraday Trading का कुछ ज्यादा ज्ञान नही था, तो उन्होंने इससे सम्बंधित कुछ किताबें पढ़ना शुरू किया। साथ – साथ गूगल और यूट्यूब से भी काफी जानकारी एकत्रित की।
जब उन्हें लगा कि अब वो समझ गए हैं कि ‘Intraday Trading kya hai’ तब अपना कुछ पैसा लगाकर Intraday Trading की शुरुआत की।
जिससे उन्हें कभी कुछ फायदा, तो कभी नुकसान होता था। उन्होंने ये भी बताया कि ‘प्रॉफिट तो अक्सर होता था, लेकिन पूरे दिन में एक दो नुकसान इतने बड़े हो जाते थे कि जो प्रॉफिट हुआ वो तो चला ही जाता था साथ मे अपना काफी मूलधन भी निकल जाता था।’
इसी तरह धीरे-धीरे ट्रेडिंग मे और पैसा डालते चले गए, करीब तीन से चार महीने में उनका अपना सारा पैसा जो उनके बचत खाते में जमा था शेयर बाजार में डूब गया।
यहाँ ये सब बताने का मकसद ये है कि कही न कहीं ज्यादातर लोगों के साथ शेयर मार्केट और खासतौर पर Intraday Trading में ऐसा ही होता है।
एक अनुमान के मुताबिक शेयर बाजार में केवल पांच प्रतिशत लोग ही सफल हो पाते हैं बाकी के 95 प्रतिशत लोग अपनी मेहनत से कमाई गयी जमापूंजी यहाँ बर्बाद करके दिवालिया हो जाते हैं।
लेकिन इंट्राडे ट्रेडिंग से हमेशा नुकसान ही होता है ऐसा भी नही है, यहां अगर सही तरीके से सीख और समझ कर ट्रेडिंग की जाए तो ये आपकी नियमित आय या आय का एक अन्य श्रोत भी बन सकता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग को अपनी आय का जरिया कैसे बनाया जा सकता है ये समझने के लिए लेख को पूरा पढ़े।
चलिए अब ये समझते कि Intraday Trading kya hai।
इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है? ( Intraday Trading kya Hai in Hindi )
दोस्तों, मैं पिछले कई वर्षों से शेयर बाजार में सक्रिय हूँ और यहाँ से काफी अनुभव भी प्राप्त किया है, मैं इसी अनुभव के आधार पर आपको Intraday Trading kya hai बताने का प्रयास कर रहा हूं।
शेयर मार्केट के बारे में आमतौर पर आप लोग ये जानते ही होंगे कि जब किसी शेयर की कीमत कम होती है तो खरीद लिया जाता है।
और फिर इंतजार किया जाता है कि कब इस शेयर की कीमत बढ़ेगी। जब धीरे – धीरे उस शेयर की कीमत बढ़ती है तो अपने – अपने अनुसार उसको बेच कर अपना प्रॉफिट बुक कर लेते हैं।
पर यहाँ प्रॉफिट बुक करने में आपको काफी लंबा इंतजार भी करना पड़ सकता है कभी – कभी तो कई साल तक इंतजार करना पड़ जाता है।
ठीक इसी तरह से Intraday Trading में भी काम होता है अंतर बस इतना है कि यहाँ उसी दिन अपना प्रॉफिट या लॉस बुक करना होता है।
कभी – कभी तो कुछ मिनटों या सेकेंडों में ही प्रॉफिट – लॉस का फैसला हो जाता है।
Intraday Trading में हर हाल में उसी दिन मार्केट बंद होने के समय ( 3 : 30 pm) तक अपना सौदा कट करना होता है नही तो ब्रोकर खुद ही कट करके आपका जो भी प्रॉफिट या लॉस हुआ होगा वो आपके डीमैट खाते में जमा कर देगा।
अब आप समझ ही गए होंगे कि Intraday Trading में उसी दिन मार्केट खुलने के समय ( 9:15 am ) से लेकर मार्केट बंद होने के समय तक के बीच ही आपको अपनी खरीद या बिक्री करना है।
आप ज्यादा प्रॉफिट या अपने हो रहे लॉस से बचने के लिए अपने आज के सौदे को कल तक नही ले जा सकते हैं।
यदि आप अपनी ओर से सौदा कट नही करते है तो मार्केट बंद होने से कुछ मिनटों पहले आपका ब्रोकर आपका सौदा कट कर के आपका प्रॉफिट या लॉस बुक कर देगा।
यह खेल आपको बहुत जल्दी करोड़ पति भी बना सकता है तो बहुत जल्दी आपको कंगाल भी कर सकता सकता है।
इसलिए इंट्राडे ट्रेडिंग को बहुत ही रिस्की खेल माना जाता है एवं लोगो को इससे बचने की सलाह दी जाती है ।
खासतौर से जो शेयर मार्केट में नए है उनको तो बहुत ही सावधानी बरतनी चाहिए।
ये तो था कि ‘Intraday Trading kya hai’ अब देखते हैं कि हम इंट्राडे ट्रेडिंग सीख कैसे सकते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे सीखें ? ( Intraday Trading kaise Sikhe in Hindi ? )
इंट्राडे ट्रेडिंग सीखने के लिए पहले ये समझना जरूरी है कि Share Market क्या है और ये कैसे काम करता है।
शेयर मार्केट को ठीक से समझ लेंगे तो आपको इंट्राडे ट्रेडिंग सीखने में आसानी हो जाएगी।
डिलीवरी ट्रेडिंग की भांति ही इंट्राडे ट्रेडिंग में भी आपको कम कीमत में शेयर खरीद कर ज्यादा कीमत पर बेचकर अपना प्रॉफिट बुक करना होता है।
लेकिन दोस्तों, इंट्राडे ट्रेडिंग की सबसे बड़ी विशेषता ये है कि आप यहां किसी भी शेयर को खरीदने से पहले ही बेच सकते हैं।
जी हाँ, आपका ब्रोकर आपको ये सुविधा देता है कि आप बिना खरीदे ही किसी शेयर को बेच सकते हैं। लेकिन मार्केट Close होने से पहले जितने शेयर आपने बेचे हैं उतने खरीद कर ब्रोकर को देने होंगे।
इंट्राडे ट्रेडिंग काफी रिस्की होती है, इसमें काफी लॉस होने की संभावना हमेशा बनी रहती है, इसलिए अपना डीमैट अकाउंट खोलने के बाद कुछ चीजों को समझना बहुत ही जरूरी है जैसे कि –
1 – सही Stock चुनना
Intraday Trading kaise sikhe में आपको सबसे पहले सही स्टॉक का चयन करना सीखना होगा क्योंकि ट्रेडिंग में पैसा तभी बनेगा जब आप सही स्टॉक पर ट्रेड लेंगे।
स्टॉक चयन करते समय ध्यान देना होता है कि जिस स्टॉक में आप ट्रेडिंग योजना बना रहे है उस स्टॉक में Liquidity और Volatility जरूर होना चाहिए।
इसका मतलब ये है कि एक ऐसा स्टॉक जिसमे ज्यादा लोग ट्रेडिंग करते हों, ज्यादा ट्रेडिंग होने से ऐसे स्टॉक में मूवमेंट अच्छी मिलती है।
इंट्राडे ट्रेडिंग में यदि आप किसी ऐसे स्टॉक को ट्रेड कर लेंगे जिसमे बहुत कम मूवमेंट होती हो तो आप सुबह से शाम तक बैठे ही रह जाएंगे क्योंकि ऐसे स्टॉक में पूरे दिन में कही 25 या 50 पैसे का मूवमेंट होगा।
और यदि आप फ़ास्ट मूवमेंट वाले स्टॉक में ट्रेड करते है तो कुछ मिनटों या कुछ सेकंडों में ही वह काफी प्रॉफिट दिला सकता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग फास्ट गेम है इसलिए यहां स्टॉक भी फास्ट मूवमेंट वाला लेना चाहिए।
2 – मार्केट के रुझान (Trend ) को समझें
इंट्राडे ट्रेडिंग हमेशा मार्केट ट्रेन्ड के अनुसार ही लाभप्रद होती है, ट्रेन्ड के विपरीत ट्रेडिंग करना ज्यादातर नुकसान दायक ही होता है।
अधिकांश नए ट्रेडर हमेशा यही गल्ती करते हैं कि बिना मार्केट का ट्रेन्ड समझे बस फटाफट ट्रेडिंग शुरू कर देते हैं परिणाम स्वरूप काफी हानि उठानी पड़ जाती है।
मार्केट में निम्न तीन प्रकार के ट्रेंड चलते रहते हैं –
* Uptrend
जब बाजार में खरीदार ज्यादा हों तो शेयर के भाव तेजी से बढ़ने लगते हैं, शेयर के भाव बढ़ने के कारण मार्केट ऊपर की ओर बढ़ने लगता है इसे Uptrend कहते हैं।
ऐसे हालात में हमेशा स्टॉक को खरीदना चाहिए और जैसे – जैसे उसकी कीमत बढ़ती जाय अपने तय लक्ष्य के अनुसार प्रॉफिट बुक कर लेना चाहिए।
यदि मार्केट ऊपर की ओर जा रहा है और आप सेल साइड का ट्रेड लेंगे तो 99 प्रतिशत संभावना आपके नुकसान होने की ही रहेगी।
* Down Trend
दूसरी स्थिति बाजार की ये होती है कि किसी न्यूज़ या अन्य कारणवश ज्यादातर लोग अपने – अपने शेयर बेचना शुरू कर देते है।
ऐसे में मार्केट गिरना शुरू हो जाता है मतलब शेयरों के भाव गिरने लगते है।
यदि आप Intraday Trader हैं तो ऐसी स्थिति में हमेशा सेल साइड का ही ट्रेड पकड़े। मार्केट गिर रहा हो और आप स्टॉक खरीद रहे होंगे तो नुकसान होने की संभावना अधिक रहेगी।
* Sideways Trend
कभी – कभी शेयर बाजार में ऐसी स्थिति भी बन जाती है कि मार्केट में कोई रुझान ही नही दिखता है।
मतलब मार्केट न तो ऊपर की ओर जाता है और न ही नीचे की ओर जा रहा होता है। बिल्कुल स्थिर बना रहता है।
स्थिर मार्केट इंट्राडे ट्रेडर के लिए किसी काम का नही होता है। इसलिए एक इंट्राडे ट्रेडर को ऐसे स्थिर बाजार से दूर रहने की ही सलाह दी जाती है।
3 – अपना लक्ष्य (Target ) निर्धारित करना और स्टॉप – लॉस ( Stop – loss ) लगाना सीखें
इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे सीखें में सबसे महत्वपूर्ण चीज यही सीखना है कि कोई ट्रेड लेने से पहले आप उसमे प्रॉफिट का लक्ष्य तय कर लें।
और साथ ही साथ ये भी तय कर ले कि यदि प्रॉफिट की जगह लॉस होता है तो ये लॉस अधिकतम कितना होगा।
इंट्राडे ट्रेडिंग, प्रॉफिट और लॉस का ही खेल है, लेकिन हमेशा बड़े लॉस से बच कर रहना होगा। और इससे आप तभी बच पाएंगे जब आप अपने रिस्क मैनेजमेंट का सख्ती से पालन करेंगे।
ज्यादातर Intraday Trader इसी लिए यहां अपनी पूंजी गंवा बैठते हैं कि उन्हें Risk Management का ज्ञान ही नही होता है।
रिस्क मैनेजमेंट का ज्ञान लिए बगैर न तो आप अपना लक्ष्य निर्धारित कर पाएंगे और न ही आप अपना लॉस निर्धारित कर पाएंगे।
इसलिए नए ट्रेडर को हमेशा यही सलाह दी जाती है कि ट्रेडिंग से पहले अपने जोखिम लेने की क्षमता ( Risk Management ) को जरूर समझ लें।
4 – Profit लेना सीखे
एक इंट्राडे ट्रेडर, ट्रेडिंग में अपने पैसे इसलिए नही गंवाता है कि वो गलत ट्रेड लेता है बल्कि वो पैसे इसलिए गंवाता है कि वो प्रॉफिट लेना ही नही जानता है।
यदि किसी Intraday Trader का Contract note जो कि ब्रोकर द्वारा ट्रेडर को भेजा जाता है को निकाल कर देखा जाए तो औसतन 100 में से 70 ट्रेड प्रॉफिट वाले ही होते हैं।
70 प्रतिशत प्रॉफिट वाले ट्रेड लेने के बावजूद भी 95 प्रतिशत ट्रेडर कुछ दिनों या कुछ महीनों में ही यहां अपनी पूंजी गंवा कर इसलिए चले जाते हैं कि उन्हें प्रॉफिट लेना ही नही आता है।
ज्यादातर ट्रेडर बार – बार ये गलती करते हैं कि यदि किसी दिन पहले ट्रेड में 200 रुपये का प्रॉफिट हो गया तो दूसरा ट्रेड और बड़ा ले लेते हैं और यदि उसमे भी 500 का प्रॉफिट मिल गया तो तीसरा ट्रेड उससे भी बड़ा ले लेते हैं।
जिसका परिणाम ये होता है कि जब किसी ट्रेड में नुकसान होता है तो बहुत बड़ा हो जाता है। इसमें जो दिनभर प्रॉफिट कमाया वो तो चला ही जाता है साथ – साथ अपनी मूल पूंजी का भी बहुत बड़ा हिस्सा डूब जाता है।
फिर जब अगले दिन ट्रेडिंग के लिए आते है तो पिछले दिन के हुए नुकसान की भरपाई के लिए ट्रेडिंग करते है।
और जब भी नुकसान की भरपाई के लिए ट्रेडिंग करेंगे तो और बड़ा नुकसान होता चला जायेगा।
यही प्रक्रिया कुछ दिन चलने के बाद मार्केट हमसे हमारी सारी पूंजी लेकर हमको बाजार से बाहर कर देता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग में प्रॉफिट लेना और उसे संभालना ये एक आसान सी कला है और जब तक कोई ट्रेडर इस कला को नही सीख लेता यहां कभी कामयाब नही हो सकता है।
अपने प्रॉफिट को कैसे लिया जाता है और कैसे सम्भाला जाता है इसको विस्तार से जानने के लिए आप ये आर्टिकल Intraday Trading Success Formula in hindi पढ़ सकते है
5 – हमेशा कुछ नया सीखते रहें
शेयर मार्केट में आकर बस इतना जान लिया कि ‘Intraday Trading kya hai’ और ‘इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे सीखें’ तो ऐसा नही है कि इतना जान लेने भर से ही आप एक परिपक्व ट्रेडर बन जाएंगे।
परिपक्व ट्रेडर बनने के लिए यहां हमेशा कुछ न कुछ नया सीखते रहना पड़ेगा।
और सिर्फ सीखने भर से ही काम नही चलेगा बल्कि जो सीखा है उसको अमल में लाना बहुत जरूरी है।
व्यक्तिगत मेरा यही मानना है कि इंट्राडे ट्रेडिंग में कितना सीखा है ये उतना महत्वपूर्ण नही है, बल्कि महत्वपूर्ण ये है कि जो भी सीखा है उसको समझा कितना है और उस पर अमल कितना कर पा रहे हैं।
इतना तो आप भी जानते हैं कि Intraday Trading करने जो भी बंदा आता है उसे काफी कुछ बेसिक जानकारी होती है और काफी स्ट्रेटेजी भी जनता है लेकिन जो वो जनता है उसको अमल कैसे करना है ये उसको नही पता होता है।
इसलिए आप को हमेशा इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में नई – नई चीजें सीख कर खुद को अपडेट रखना है।
और जो चीजें सीख रहे हैं उन पर लगातार अभ्यास करते रहें शेयर बाजार हो या अन्य कोई भी क्षेत्र हमेशा कड़ी मेहनत के बाद ही सफलता मिलती है।
अब आपको आईडिया हो गया होगा कि Intraday Trading kya hai और इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे सीखें।
दोस्तों, जैसे कि हर काम के कुछ फायदे तो कुछ नुकसान भी होते हैं वैसे ही इंट्राडे ट्रेडिंग के भी कुछ फायदे और नुकसान है। इनको भी जानना जरूरी है।
इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे ( Intraday Trading ke fayde in Hindi )
अगर इंट्राडे ट्रेडिंग नियम और अनुशासन के साथ की जाए तो इसके बहुत से फायदे हैं जैसे कि –
1 – इंट्राडे ट्रेडिंग का सबसे बड़ा फायदा तो ये है कि यहां आपको तभी तक मार्केट वाच करना है जब तक आप ट्रेड में हैं।
एक बार ट्रेड से निकल जाने के बाद फिर बाजार गिरे या उठे कुछ भी हो, उसकी चिंता हमें करने की जरूरत नही होती है।
एक इंट्राडे ट्रेडर बामुश्किल कुछ सेकेण्ड, कुछ मिनट या फिर एक आध घंटे ही एक ट्रेड में रहता है, और जैसे ही उसका ट्रेड पूरा हो जाता है फिर उसे मार्केट की परवाह करने की आवश्यकता नही होती है।
2 – जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि Intraday Trading को अपनी नियमित आय या आय का एक अन्य स्रोत बना कर डेली इनकम की जा सकती है।
जैसे कि व्यापार में रोज थोड़ी – थोड़ी इनकम कर के धीरे – धीरे बड़ी पूंजी तैयार हो जाती है। वैसे ही आप अनुशासन में रहकर ट्रेडिंग करेंगे तो कुछ समय बाद आप यहां से भी काफी बड़ी पूंजी तैयार कर सकते हैं।
3 – इंट्राडे ट्रेडिंग का सबसे बड़ा फायदा ये है कि यहां ब्रोकर द्वारा आपको मार्जिन मिलता है जिससे आप काफी कम पैसे लगाकर मार्जिन की मदद से बड़ी ट्रेडिंग कर सकते हैं।
मार्जिन का लाभ ये होता है कि यदि आप नियम और अनुशासन के साथ ट्रेडिंग करेंगे तो आप अपनी बहुत कम पूंजी लगाकर भी स्टॉक की अधिक मात्रा खरीद कर अधिक लाभ अर्जित कर लेंगे।
इसीलिए इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए आपको अधिक पैसों की जरूरत नही पड़ती है आप 5 या 10 हजार रुपये लगाकर भी ट्रेडिंग कर सकते हैं और अच्छा प्रॉफिट निकाल सकते हैं।
4 – इंट्राडे ट्रेडिंग में आप सिर्फ शेयर खरीद कर ही लाभ नही कमा सकते हैं बल्कि शेयर बेच कर भी लाभ कमा सकते हैं।
सिर्फ Intraday Trading में ही आपको ये सुविधा आपके ब्रोकर द्वारा दी जाती है कि आप बिना खरीदे ही शेयर को बेच सकते हैं।
इसे उदहारण से समझते हैं – मान लिया कि किसी स्टॉक की कीमत इस समय 100 रुपए चल रही है और आपकी स्ट्रैटेजी के अनुसार आज वह गिरकर 95 रुपए तक पहुँच सकता है।
आपको इस बात का पक्का यकीन है कि ये स्टॉक आज 95 रु. तक गिर जाएगा।
आपके दिमाग मे एक आईडिया आता है और अपने ब्रोकर के पास जाते हैं उससे बोलते हैं कि ‘भाई मुझे इस कंपनी के 10 शेयर उधार दे दो, मैं मार्केट बंद होने से पहले – पहले तुम्हारे ये 10 शेयर तुमको वापस कर दूंगा।’
ब्रोकर को भी इसमे कोई एतराज नही उसने आपको 10 शेयर दे दिए।
आप मार्केट में गए और उन 10 शेयर को 100 रु. के भाव से 1000 रु. में बेच दिया।
फिर उसके भाव गिरने का इंतजार करने लगते हैं।
कुछ समय बाद वह स्टॉक गिरकर 95 रु. पर आ जाता है तो 950 रु. में वही 10 शेयर खरीद कर ब्रोकर को वापस कर देते हैं।
मुफ्त में अपना 50 रु. का प्रॉफिट बन गया।
लेकिन यदि उस स्टॉक का भाव बढ़कर 105 रु. हो गया तो आपको 50 रु. का नुकसान हो जाएगा क्योंकि तब आपको 105 रु. के भाव से वही शेयर 1050 रु. में खरीद कर ब्रोकर को देना होगा।
5 – इंट्राडे ट्रेडिंग का एक फायदा ये भी है कि यहां आपको किसी कंपनी का बहुत ज्यादा टेनिकल एनालिसिस नही करना होता और फंडामेंटल तो बिल्कुल भी नही देखने की जरूरत नही पड़ती है।
इंट्राडे ट्रेडिंग में बस किसी स्टॉक को अपने टार्गेट में आने पर ट्रेड ले लेना है और एक बार ट्रेड से निकल जाने के बाद उस स्टॉक का क्या हुआ ये जानने की जरूरत नही होती।
और न ही रातों को चिंता करनी है कि कल उस स्टॉक का क्या होगा ऊपर जाएगा या नीचे।
इंट्राडे ट्रेडिंग के नुकसान ( Intraday Trading ke nuksan in hindi )
जैसा कि आपने अभी देखा कि इंट्राडे ट्रेडिंग के बहुत से फायदे होते हैं। लेकिन जब इसके नुकसान की बात आती है तो,
Intraday Trading का एक ही सबसे बड़ा नुकसान है वो ये कि यहां हमेशा लॉस और कभी – कभी तो बहुत बड़े लॉस की संभावना बनी रहती है।
इंट्राडे ट्रेडिंग बहुत रिस्की मानी जाती है यहां जितनी जल्दी पैसा बनता है उतनी ही जल्दी नुकसान भी होता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग एक माइंड गेम है इसलिए किसी ट्रेडर के भीतर खुद पर नियंत्रण, अनुशासन और लगातार अभ्यास करते रहने जैसे गुण होने जरूरी होते हैं।
यदि आप मे ये गुण नही हैं तो इनको विकसित करना पड़ेगा।
आप के पास लाख स्ट्रैटेजी हों ट्रेडिंग से पैसे कमाने की लेकिन यदि उपरोक्त गुण आपमें नही हैं तो आप ट्रेडिंग से कभी भी पैसे नही बना पाएंगे।
यदि ट्रेडिंग से पैसे बनाना है तो बहुत संयम से काम करना होगा और अपनी एक ‘Trading Psychology‘ बनानी पड़ेगी।
Intraday Trading और Delivery Trading में अन्तर
शेयर बाजार में इंट्राडे और डिलीवरी ट्रेडिंग का मूल स्वभाव एक ही है परन्तु दोनों की प्रक्रिया और तरीके अलग – अलग होते हैं।
इन दोनों में कुछ प्रमुख अंतर जैसे –
मार्जिन
दोनों में सबसे बड़ा अंतर तो मार्जिन का ही होता है।
यदि आप कोई स्टॉक hold करने अर्थात डिलीवरी के उद्देश्य से ले रहे हैं तो उस स्टॉक की जितनी भी मात्रा लेंगे, उनका पूरा मूल्य आपको अदा करना पड़ेगा।
वहीं अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक ले रहे हैं तो आपके पास कम पैसे भी हैं तब भी आपको मन मुताबिक मात्रा में स्टॉक मिल जाएगा।
इंट्राडे के लिए ब्रोकर आपको अपना पैसा देता है ट्रेडिंग करने के लिए।
समय सीमा
डिलीवरी के लिए आप जो स्टॉक खरीदते है वो जब तक चाहे अपने पास रख सकते हैं चाहे कुछ महीने या कई साल तक आप उसे अपने पास रख सकते है।
इंट्राडे के लिए आपको उसी दिन मार्केट खुलने और बंद होने के बीच ही स्टॉक खरीदना या बेचना होता है।
इंट्राडे में चाहे प्रॉफिट हो या लॉस आप किसी भी हाल में अपनी पोजीशन अगले दिन के लिए नही ले जा सकते हैं।
रिस्क
डिलीवरी ट्रेडिंग में अपेक्षाकृत कम रिस्क है क्यों कि यदि किसी ट्रेड में आपको आज नुकसान हो रहा है तो आने वाले दिनों में जब तक उसके भाव न बढ़ जाए तब तक प्रतीक्षा कर सकते हैं।
जबकि इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको ये सुविधा नही मिलती है आपको आज ही अपनी पोजीशन कट करनी होती है।
भाव बढ़ने या घटने के इंतजार में आप अपना ट्रेड अगले दिनों तक नही ले जा सकते हैं।
तकनीकी या फंडामेंटल विश्लेषण
डिलीवरी ट्रेडिंग में जहां आपको काफी तकनीकी और फंडामेंटल एनालिसिस करना होता है।
वही इंट्राडे में आपको बहुत थोड़ा सा तकनीकी विश्लेषण देखना होता है और फंडामेंटल की तो कोई जरूरत ही नही होती है।
उद्देश्य
डिलीवरी ट्रेडिंग का मुख्य उद्देश्य भविष्य के लिए निवेश कर अपनी पूंजी को धीरे – धीरे बढ़ाना होता है।
जबकि इंट्राडे का उद्देश्य डेली इनकम करने का होता है।
इंट्राडे व्यापार की तरह है जिसमे रोज कुछ पैसे लगाकर थोड़ा बहुत प्रॉफिट बनाने का प्रयास किया जाता है।
निष्कर्ष ( The Conclusion )
दोस्तों, ज्यादातर लोग यही सोचते हैं कि शेयर बाजार सट्टा या जुआँ है। हमारे समाज के अधिकांश लोगों की यही अवधारणा है।
लेकिन सच्चाई ये नही है बल्कि जैसे अन्य व्यापार होते हैं वैसे ही ये भी है।
यह जुआँ तब है जब आप बिना कुछ जाने समझे यहाँ आ जाते हैं और नुकसान कर बैठते हैं तब आपको लगता है कि ये जुआँ या सट्टा है।
जब आप कोई नया बिजनेस करने को सोचते हैं तो पहले आप उसके बारे में सारी जानकारी एकत्रित करते हैं, उसको समझते और सीखते हैं।
जब आपको अपने ऊपर विश्वास हो जाता है तब उसको शुरू करते हैं, यदि आप बिना कुछ सोचे समझे कोई बिज़नेस शुरू कर देंगे तो उसमें नुकसान होना तय है ठीक यही चीज यहाँ भी लागू होती है।
शेयर बाजार से अच्छा पैसा कमाया जा सकता है, बस आपको थोड़ा समय देना होगा।
पहले आप को इस बाजार का क्या चरित्र है, इसको समझना पड़ेगा।और इसी के अनुसार पैसा कमाने की कुछ रणनीति बनानी होगी
चाहे, आप किसी जॉब में हैं या अपना कोई व्यपार अथवा व्यवसाय करते हैं, आप कुछ भी करते हों।
अपने काम के साथ-साथ थोड़ा समय इस बाजार को समझने के लिए दीजिये, विशवास कीजिये यहाँ से आपको इतना पैसा मिलेगा जिसकी शायद आप कल्पना भी नहीं कर सकते है।
उम्मीद है कि अब आपको पता चल गया होगा कि intraday trading kya hai और इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे सीखें।
आपको यह लेख कैसा लगा ? और इस लेख में दी गयी जानकारी पर आपकी क्या राय है हमे कमेंट करके जरूर बताएं।
इंट्राडे ट्रैडिंग इन्डकैटर क्या होते है
Intraday Trading F & Q
Q – क्या सरकारी कर्मचारी Intraday Trading कर सकते हैं ?
Ans – Civil Services Conduct Rules 1964 के अनुसार कोई भी सरकारी कर्मचारी इंट्राडे ट्रेडिंग नही कर सकता है।
हां शेयर बाजार में डिलीवरी ट्रेडिंग अर्थात लंबे समय के किये निवेश कर सकता है।
सरकारी कर्मचारी म्युचुअल फंड्स में भी निवेश कर सकता है।
Q – Online Trading क्या है ?
Ans – ऑनलाइन ट्रेडिंग का अर्थ ये है कि जब आप किसी ब्रोकर के पास अपना डीमैट खाता खुलवाते हैं तो वह आपको एक एप्प ( App ) उपलब्ध कराता है।
ठीक फेसबुक या अन्य सोशल मीडिया की भांति अपना User Name और password डाल कर लॉगिन करना होता है।
इसके बाद इस एप्प के द्वारा आप घर बैठे ही शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर सकते हैं।
यह एप्प आपके मोबाइल और कंप्यूटर दोनों जगह अच्छे से काम करता है।
ऑनलाइन ट्रेडिंग में सारा नियंत्रण आपके पास ही रहता है।
Q – क्या Intraday Trading लाभ दायक है ?
Ans – जी हां इंट्राडे ट्रेडिंग लाभदायक है, और इंट्राडे ट्रेडिंग से पैसे भी बनते हैं।
लेकिन इंट्राडे ट्रेडिंग सबके लिए ही लाभदायक है ये नही कहा जा सकता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग में एक खास तरह के माइंडसेट की जरूरत होती है।
जिसके पास ऐसा माइंडसेट होता है, या जो इंट्राडे के हिसाब से अपना माइंडसेट विकसित कर लेता है उसके लिए इंट्राडे ट्रेडिंग काफी लाभदायक हो जाती है।
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