[Google AdSense CPC In Hindi] | हिन्दी ब्लॉग में गूगल एडसेंस CPC कैसे बढ़ाएं ?

अगर आपका हिन्दी Blog है और CPC बहुत कम मिल रही है इसलिए कमाई भी बहुत कम हो रही है और आप Adsense CPC बढ़ा कर Google Adsense से अपनी कमाई बढ़ाने के तरीके खोज रहे हैं ? तो यह लेख आपके लिए काफी उपयोगी साबित हो सकता है इसलिए लेख के साथ अंत तक बने रहें।

यदि आपके हिन्दी ब्लॉग की CPC कम है तो 1 लाख ट्रैफिक पर भी महीने के 40-50 $ की ही कमाई हो पाती है। अपने हिन्दी ब्लॉग की CPC कैसे बढ़ाई जा सकती है इसके क्या तरीके हो सकते हैं ये जानने से पहले यह समझ लेते हैं कि आखिर यह CPC होती क्या है ?

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सीपीसी किसे कहते हैं ?| What Is CPC In Hindi

Blogging की भाषा में CPC का मतलब होता है कोस्ट पर क्लिक ( Cost Per Click )। गूगल ब्लॉगर को Ads Cost Per Click के पैसे देता है।

इसे एक उदाहरण से समझते हैं कि यदि किसी ब्लॉगर ने अपनी Website पर Google Adsense के विज्ञापन लगा रखे हैं तो उस ब्लॉग पर कोई पाठक किसी आर्टिकल को पढ़ने आता है और दिख रहे विज्ञापन पर क्लिक कर के उसकी डिटेल्स तक जाता है तो इस क्लिक पर उस ब्लॉगर को जिसका वह ब्लॉग है उसको गूगल एडसेंस की ओर से कुछ पैसे मिलते हैं। गूगल द्वारा मिलने वाले इसी पैसे को CPC कहा जाता है।

हिन्दी ब्लॉग में सीपीसी कम मिलने के कारण | Why CPC Low In Hindi Blog

अगर आपका सरकारी जॉब, सरकारी रिजल्ट, या न्यूज टाइप का हिन्दी ब्लॉग है तो इस तरह के ब्लॉग में ट्रैफिक तो बहुत अधिक मिल जाता है परन्तु Google Adsense CPC बहुत कम मिलती है। अगर इस तरह के टॉपिक के ब्लॉग पर आपको CPC 0.02 से 0.05 $ मिल रही है और आप ये सोच रहे हैं कि ऐसी कौन सी ट्रिक लगाएं जिससे यह CPC बढ़कर 0.15 या 0.20 $ तक पहुंच जाए।

जैसा कि बहुत से Youtuber या अन्य लोग भी आपको अपनी CPC बढ़ाने की ट्रिक्स-टिप्स बताते हैं। परन्तु आप कोई भी ट्रिक्स लगा लो चाहे जितना Ads Replacement कर लो लेकिन CPC बढ़ने की संभावना न के बराबर ही रहती है।

कम या ज्यादा सीपीसी निर्भर करता है आपके कंटेंट और पाठक के प्रकार पर जैसे कि आप जॉब, सरकारी रिजल्ट, न्यूज या इसी प्रकार के अन्य किसी टॉपिक पर आर्टिकल लिखते हैं तो आपकी Website पर ज्यादातर वही पाठक आएंगे जो अभी पढ़ाई कर रहे हैं या परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं जिनकी आयु अभी 17-18-19 साल की ही होगी।

 ऐसे पाठकों की कोई आमदनी तो होती नही है और न ही उनके पास खर्च करने के लिए बहुत अधिक पैसे होते हैं तो ऐसे पाठकों की खरीदारी करने की क्षमता भी बहुत कम ही होती है।

अब यदि ऐसे पाठकों को किसी ऐसी चीजों के विज्ञापन दिखाएं जाते हैं जो उनके मतलब के न हों तो वह उन विज्ञापनों पर क्लिक भी नही करते हैं क्योंकि वो पैसे बरबाद करना पसन्द नही करते हैं। ऐसे मामलों में गूगल इस प्रकार की वेबसाइट पर उन तरीके के विज्ञापन दिखाता है जिन्हें केवल देखने के ही पैसे मिलते हैं उनकी CPC काफी कम रहती है।

Google Ads दो प्रकार के होते हैं-  एक तो वो CPC वाले जिसको क्लिक करने पर पैसे मिलते हैं।

दूसरे वो जिसमें इम्प्रेशन के पैसे मिल जाते हैं मतलब कि जितनी बार वह विज्ञापन पाठकों द्वारा देखा जाता है उतनी बार कुछ न कुछ पैसे ब्लॉगर को मिल जाते हैं।

बहुत सी कंपनियां या ब्रांड ऐसे होते हैं जो कोई नई स्कीम या प्रोडक्ट लॉन्च करते हैं ऐसे में वह सिर्फ उसका प्रचार करना चाहते हैं उनको क्लिक वगैरह से ज्यादा कोई मतलब नहीं होता है उनका सिर्फ ये मकसद  होता है कि उनकी स्कीम या प्रोडक्ट की जानकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों के पास पहुंच जाए।

उदहारण – आपने देखा होगा कि जब चुनाव होता है तब तमाम राजनीतिक दलों के विज्ञापन वेबसाइट पर दिखाई पड़ने लगते हैं। राजनीतिक पार्टियों को इससे  कोई मतलब नहीं होता है कि कोई बंदा क्लिक करके ज्यादा डिटेल में जाए उनका मकसद सिर्फ इतना होता है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक उनकी जानकारी पहुंच जाए। इस प्रकार के विज्ञापनों की CPC बहुत ही कम होती है।

इस प्रकार के विज्ञापन ज्यादातर न्यूज, जॉब या सरकारी रिजल्ट जैसी वेबसाइट पर ही दिखाए जाते हैं क्योंकि ऐसी वेबसाइट का ट्रैफिक बहुत अधिक होता है और उन पर आने वाले पाठक भले ही अभी स्टूडेंट हो पर उनकी उम्र 18 साल या उससे अधिक की होती है और वह वोटर तो होते ही हैं।

जब तक विज्ञापन दाताओं को कोई फायदा नही होता है तब तक ब्लॉगर को भी अधिक CPC का लाभ नहीं मिलता है। यदि आप अपने ब्लॉग टॉपिक में बदलाव नही करना चाहते हैं तो आपको अपने ब्लॉग पर ट्रैफिक बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि जितना ज्यादा ट्रैफिक होगा इम्प्रेशन से आपकी इनकम भी उतनी अच्छी होगी।

उम्मीद है कि आपको समझ मे आ गया होगा कि हमें किस टाइप के कंटेंट या टॉपिक पर गूगल एडसेंस सीपीसी कम देता है जिससे हमारी कमाई भी ज्यादा नहीं हो पाती है।

 गूगल एडसेंस सीपीसी कैसे बढ़ाएं ? | How To Increase Google Adsense CPC

जैसा कि पहले बताया गया है कि चाहे आपका हिन्दी ब्लॉग हो या इंग्लिश Google Adsense CPC पूरी तरह से ब्लॉग के टॉपिक और उस पर आने वाले पाठकों पर निर्भर करती है। और यह भी बताया गया कि किस टाइप के कंटेंट पर कैसे विज्ञापन दिखाए जाते हैं जिसकी वजह से  हमें कम CPC मिलती है।

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अब ये समझते हैं कि अगर हमें अपने हिन्दी ब्लॉग की  CPC बढ़ानी है तो हमें किस तरह का और किस टॉपिक पर अपना ब्लॉग लिखना चाहिए इसलिए लेख के साथ आगे भी बने रहें।

यदि आपको अपने ब्लॉग की CPC बढ़ानी है तो आपको Blogging, Hosting, SEO जैसे कीवर्ड पर अपने कुछ आर्टिकल लिखने चाहिए। इसके अलावा भी यदि आप बैंकिंग, लोन, क्रेडिट कार्ड या शेयर बाजार जैसे टॉपिक पर हिन्दी मे ही कंटेंट लिखते हैं तब भी आपको बहुत अच्छी CPC देखने को मिल जाती है।

जब आप इन कीवर्ड पर काम करते हैं तो आपके ब्लॉग पर पाठक भी उसी तरह के आएंगे जिनको उन चीजों में रुचि होगी।

जैसे कि –  आप अपने ब्लॉग पर ब्लॉगिंग या Hosting से संबंधित आर्टिकल लिख रहे हैं तो आपके ब्लॉग पर भी डिजिटल मार्केटर या वो पाठक जिनको इसमे रुचि होगी, जो अपना ब्लॉग स्टार्ट करना चाहते होंगे वो आएंगे।

और यदि ऐसे पाठक जो अपना ब्लॉग शुरू करना चाहते हैं तो उन्हें डोमेन और होस्टिंग तो खरीदना ही पड़ेगा। आपके ब्लॉग पर जब इन चीजों के विज्ञापन दिखेंगे तो वह क्लिक भी जरूर करेगा।

वैसे ही यदि आप लोन से जुड़े आर्टिकल लिख रहे हैं तो आपके ब्लॉग पर वही पाठक आएगा जिसे लोन लेना ही होगा। और जब उसे आपके ब्लॉग पर तमाम बैंकों के लोन से जुड़े विज्ञापन दिखेंगे तो वह क्लिक करेगा ही करेगा और हो सकता है कि क्लिक करके अपनी कुछ डिटेल वगैरह भी भरे।

ऐसे केस में गूगल को भी लगता है कि इस वेबसाइट में लक्षित पाठक आ रहे हैं जिससे विज्ञापन दाताओं को भी फायदा हो रहा है तो ऐसे ब्लॉग को गूगल एडसेंस  काफी अच्छी CPC प्रदान करता है जिससे उस ब्लॉगर की हर महीने अच्छी-खासी कमाई हो जाती है।

याद रखें उन प्रोडक्ट या सर्विसेज के विज्ञापनों की ही CPC ज्यादा हाई होती है जो या तो खरीदने वाले होते हैं या फिर Renewal बेस होते हैं मतलब कोई ऐसी सर्विस या प्रोडक्ट जो एक बार खरीदा जाता है परन्तु साल दर साल उसके नवीनीकरण की आवश्यकता पड़ती रहती हो।

जैसे कि कोई बंदा होस्टिंग या डोमेन खरीदता है तो उसे हर साल Renewal कराना ही पड़ता है। या कोई व्यक्ति लोन लेता है तो उससे बैंक को साल दर साल अच्छा-खासा ब्याज मिलता ही रहता है। इस तरह के विज्ञापनों में संबंधित कंपनियां भी काफी ज्यादा पैसा खर्च करती हैं जिससे ब्लॉगर को भी काफी अच्छी CPC मिल जाती है।

इस लेख में जो हाई CPC कीवर्ड बताए गए हैं इसके अलावा भी हेल्थ और टेक्नोलॉजी जैसे बहुत से अन्य ऐसे कीवर्ड हैं जिन पर काम करके अपने हिन्दी ब्लॉग से भी काफी अच्छी कमाई की जा सकती है।

आप थोड़ा बहुत रिसर्च करके ऐसे ही और अन्य हाई CPC कीवर्ड ढूंढ कर निकाल सकते हैं और उन पर काम करके अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

निष्कर्ष 

उपरोक्त लेख को पढ़कर पाठकों को ये तो समझ में आ ही गया होगा कि हिन्दी ब्लॉगिंग में Google Adsense CPC कम क्यों मिलती है और अपने हिन्दी ब्लॉग की CPC कैसे बढ़ाई जा सकती है। लेख में बताया गया है कि CPC हमारे ब्लॉग के टॉपिक और उस पर किस तरह के पाठक आते हैं बहुत कुछ इसी पर निर्भर करता है।

बाकी आपको जो लोग CPC बढ़ाने की ट्रिक्स और टिप्स बताते हैं और उसके बदले में आपसे कुछ पैसों की मांग भी करते हैं तो उनके झांसे में कभी मत फंसे क्योंकि गूगल अब काफी स्मार्ट हो चुका है वह सब कुछ समझता है।

यहां जो तरीके बताए गए हैं उन्हीं तरीकों को अपनाकर ही अपनी CPC बढ़ाई जा सकती है। अगर आप अपने टॉपिक और पाठक टाइप में बदलाव नही करेंगे तो आपके हिन्दी ब्लॉग की CPC नही बढ़ सकती है आप चाहे जितनी कोशिश कर लें।

CPC बढ़ाने की ज्यादा ट्रिक्स या जुगाड़ के चक्कर में पड़ने पर आपका गूगल एडसेंस एकाउंट भी बन्द हो सकता है।

लेख कैसा लगा कमेंट के द्वारा हमें जरूर अवगत कराएं।

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