Section 80’C’ की सम्पूर्ण जानकारी | भारत की 14 best Tax Saving Schemes


section-80'c'-kya-haiIncome Tax एक्ट में section 80’C’ क्या है ? सेक्शन 80’C’ के अन्दर कौन – कौन सी Tax Saving Scheme आती हैं ? तथा 80’C’ के तहत इनकम टैक्स में कितनी छूट का दावा कर सकते हैं ?

अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते हैं, या फिर दाखिल करने को सोच रहे हैं, तो आपके मन में भी इस तरह के सवाल जरूर आते होंगे।

परन्तु आपको उपरोक्त सेक्शन 80’C’ के बारे में ज्यादा जानकारी पता नही होती है।

 तो यह लेख पढ़ने के बाद आपको Section 80’C’ की पूरी जानकारी हो जाएगी। इसलिए यह लेख ध्यान से पूरा पढ़े।

Section 80’C’ क्या है –

80’C’ Income Tax एक्ट 1961 का एक सेक्शन या खण्ड है।

इनकम टैक्स एक्ट में Section 80’C’ कर दाताओं के फायदे के लिए बनाया गया है। जिससे वो अपने और अपने परिवार के भविष्य के लिए ज्यादा से ज्यादा बचत कर सकें।

इस सेक्शन में उन निवेश विकल्पों और माध्यमों का भी वर्णन है, जिनमे निवेश कर के कोई भी व्यक्ति इनकम टैक्स में छूट का दावा कर सकता है।

Section 80’C’ के तहत income tax में छूट लेने के लिए आप कहाँ – कहाँ और किन स्कीमों में कितना निवेश कर सकते हैं ? यह जानने से पहले ये जान लेते हैं कि 80’C’ की शर्तें क्या हैं, तथा इसकी छूट किसे और कैसे मिल सकती है।

Section 80’C’ की शर्तें –

इस सेक्शन की मुख्यतः 2 ही शर्तें हैं –

1-  आप जिस वित्त वर्ष में टैक्स छूट का लाभ लेना चाहते हैं, उस वित्त वर्ष में 31 मार्च तक निवेश करना अनिवार्य है।

आपको वित्त वर्ष के प्रथम माह से आखिरी माह के बीच अर्थात अप्रैल से मार्च के बीच निवेश करना होगा।

2 –  Section 80’C’ के तहत एक वित्त वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख तक की छूट ही मान्य है।

इसका अर्थ ये है कि आप एक वित्त वर्ष में अधिकतम  जितना चाहे निवेश कर सकते हैं परन्तु टैक्स छूट केवल 1.5 लाख की ही मिलेगी।

Section 80’C’ की छूट कौन ले सकता है –

Income Tax act 1961 के section 80’C’ के अनुसार सिर्फ ‘एक व्यक्ति’ ( An Individual ) और ‘हिन्दू अविभाजित परिवार’ ( Hindu Undivided Family ) जिसे HUF भी बोला जाता है टैक्स छूट पाने के अधिकारी हैं।

इसके अतिरिक्त अन्य किसी को भी 80’C’ की छूट नहीं मिलती है।

Section 80’C’ के तहत छूट कैसे मिलती है –

section 80c ke labh

 ये बहुत महत्वपूर्ण है कि 80’C’ के अंतर्गत छूट कैसे मिलती है, क्योंकि ज्यादातर करदाताओं में इसे ही लेकर भ्रम की स्थिति बनी रहती है, वो इस सेक्शन को ठीक से समझ नहीं पाते हैं।

 यहाँ समझना जरूरी है कि वर्तमान आयकर कानून के अनुसार 80’C’ के तहत सीधे इनकम टैक्स में छूट नहीं मिलती है। बल्कि जो टोटल इनकम होती है उसमें से अपने निवेश – अनुसार अधिकतम 1.5 लाख तक घटा सकते हैं।

इसे एक उदाहरण से समझते हैं –  मान लिया कि आप एक व्यक्ति अथवा HUF हैं, तथा 80’C’ के तहत कहीं भी कोई निवेश नहीं किया है। और एक वित्त वर्ष में आपकी टोटल इनकम 6 लाख बनती है।

 तो वर्तमान आयकर दर  के अनुसार आपका इनकम टैक्स बनेगा रु. 32,500,+ इसमें टोटल टैक्स का 4 % Cess रु. 1,300 और जुड़ेगा, इस तरह अब आपको इस वित्त वर्ष मे टोटल 33,800 रु. टैक्स का भुगतान करना होगा।

लेकिन यदि आपने टैक्स छूट का लाभ पाने के लिए Section 80’C’ के अनुसार उस वित्तीय वर्ष में 1.5 लाख तक का निवेश कर रखा है। इस स्थिति में आपका टैक्स कितना बनेगा ?

 अब आपकी जो टोटल इनकम 6 लाख रुपये है, इसमें से 1.5 लाख रुपये जो इस सेक्शन के तहत निवेश किये गए हैं वो माइनस हो जाएंगे।

  इसके बाद आपकी टोटल इनकम बचेगी 4.5 लाख रुपये, अब इस 4.5 लाख पर ही टैक्स की गढ़ना की जाएगी।

 इस 4.5 लाख रुपये पर इनकम टैक्स बनेगा 10,000 रु.। वर्तमान आयकर नियम के u/s 87A के अनुसार रु. 12,500 तक आपको Rebate अर्थात टैक्स छूट मिलती है। 

चूंकि आपका टैक्स मात्र 10 हजार रु. ही बन रहा है, तो u/s 87A के तहत आपको इतना ही Rebate भी मिल जाएगा। जिससे आपका टैक्स 0 हो जाएगा। अर्थात इस वित्त वर्ष में आपकी इनकम टैक्स की कोई देनदारी नहीं बनती है।

उम्मीद है कि उपरोक्त उदाहरण से आपको Section 80’C’ समझने में काफी मदद मिली होगी।

Section 80’C’ के तहत विभिन्न Tax Saving Scheme – tax saving schemes

80’C’ के तहत छूट के लिए वर्तमान में ढेरों स्कीमें उपलब्ध हैं। परन्तु यहाँ कुछ मुख्य और प्रचलित स्कीमों के बारे में ही बताया जा रहा है।

1 – EPF ( Employee Provident Fund’s ) –

यदि आप सरकारी या प्राइवेट जॉब करते हैं, तो जो सैलरी मिलती है, उसमें से बेसिक सैलरी का 12 % पैसा कट कर आपके EPF खाते में जमा हो जाता है। यहाँ पर इससे कोई मतलब नहीं है कि आपका कोई टैक्स बनता है या नही।

जब आपकी मर्जी हो इसे निकाला सकते हैं, या फिर रिटायरमेंट होने पर ले सकते है अथवा जब आप कभी जॉब को छोड़ते हैं तब भी ये पैसा आप निकाल सकते हैं।

2 – VPF ( Voluntary Provident Fund’s ) –

   EPF में जो 12 प्रतिशत जमा होता है, इसके अतिरिक्त भी यदि आप टैक्स छूट के लिए और बचत करना चाहते हैं तो अपनी इच्छानुसार VPF में निवेश कर के टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं।

3 – जीवन बीमा – किस्त ( Life Insurance Premium ) –

 एक वित्त वर्ष में जो भी जीवन बीमा किस्त जमा की जाती हैं, वह 80’C’ के तहत पूरी तरह से आयकर मुक्त होती है।

 इसमें ये जरूरी नही कि आप सिर्फ अपनी ही जीवन बीमा किस्त का लाभ ले सकते हैं। 

इसमें आप अपने परिवार के अन्य सदस्यों जैसे – अपने पति या पत्नी, बच्चों आदि की किस्त यदि आप ही जमा करते हैं तो इन सब पर भी आप टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं।

4 – PPF ( Public Provident Fund’s ) –

  PPF में निवेश के लिए जरूरी नही है कि आप जॉब ही करते हो तभी आपकी सैलरी से पैसे कट के PPF में जमा हो।

इसमें चाहे कोई जॉब करता है, व्यापार करता हो अथवा कोई अन्य काम करता हो निवेश कर सकता है।

कोई भी व्यक्ति अपना PPF खाता खोल सकता है, यह खाता  बैंक और डाकघर कहीं भी खोलकर इसमें निवेश किया जा सकता है।

 इसमें ये भी जरूरी नही कि मासिक ही जमा करना है, आप चाहे तो सालाना भी जमा कर सकते हैं।

यहाँ न्यूनतम और अधिकतम कितना जमा करना है इसकी भी कोई लिमिट नहीं है। यदि आप सालाना 500 रुपये भी जमा करेंगे तो भी यह आपकी Tax Saving Scheme में जाता है।

इसमें निवेश करने से पहले ये जरूर जान लीजिए कि इसका लॉक इन पीरियड 15 साल का होता है। इससे पहले आप पैसे नहीं निकाल सकते हैं। 15 साल बाद ब्याज समेत पैसे ले सकते हैं।

 यह पूर्ण रूप से टैक्स फ्री सेविंग होती है, इसमें जो भी पैसा मिलेगा वह भी पूरी तरह से टैक्स फ्री होता है।

 5 – ELS ( Equity Linked Saving Scheme ) –

 ये आम म्यूचुअल फंड ही होते हैं, लेकिन इनका लॉक इन पीरियड न्यूनतम 3 साल होता है।

इनमे आप कितना भी पैसा निवेश कर सकते हैं और Section 80’C’ के तहत 1.5 लाख तक की छूट का लाभ ले सकते हैं।

6 – 5 Years Post Office Time Deposit –

   ये डाकघर की निवेश योजना है जो कि एक प्रकार की फिक्स्ड डिपॉजिट ( FD ) ही है,  जिसका लॉक इन पीरियड 5 वर्ष का होता है।

इसमें भी निवेश कर के Section 80’C’ के तहत टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं।

7 – Tax Saving Fixed Deposits –

 ये भी  साधारण FD ही होती है। लेकिन इसमें सीधे FD न कराकर टैक्स सेविंग FD कराना होता है। इसका भी लॉक इन पीरियड 5 साल का होता है।

इसमें FD का फायदा तो मिलता ही है साथ – साथ टैक्स सेविंग का भी फायदा मिल जाता है।

इसमें भी अधिकतम 1.5 लाख तक का लाभ मिल सकता है। चाहें तो 5 साल बाद अपना पैसा निकाल सकते हैं या फिर से 5 साल के लिए आगे बढ़ा सकते हैं।

8 – Pension Funds –

 इसमें भी 1.5 लाख तक निवेश कर के टैक्स छूट का लाभ लिया जा सकता है।

9 – Home Loan EMI Principle –

   आप नया घर बना रहे हैं या फिर घर में कुछ नवीनीकरण या मरम्मत कराना चाह रहे हैं, और इसके लिए कोई होम – लोन लिया है।

तो EMI का ब्याज और EMI की मूल – राशि दोनों का लाभ 80’C’ के तहत ले सकते हैं। 

10 – नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट ( NSC ) –

 इसमें न्यूनतम 100 रुपये से निवेश कर सकते हैं, अधिकतम की कोई सीमा नहीं है।

नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट एकाउंट भारत के किसी भी डाकघर में खुलवाया जा सकता है। ब्याज की गढ़ना सलाना आधार पर होती है। 

मैच्योरिटी पीरियड 5 साल का होता है, इससे पहले इस स्कीम से बाहर नहीं निकल सकते हैं।

11 – किसान विकास पत्र ( KVP ) –

किसान विकास पत्र भी भारतीय डाक विभाग द्वारा संचालित एक बचत स्कीम है। इसमें भी न्यूनतम 1000 रुपये से निवेश प्रारम्भ किया जा सकता है, अधिकतम की कोई सीमा नहीं होती है।

 इसमें 2.5 साल का लॉक इन पीरियड होता है।

12 – वरिष्ट नागरिक बचत योजना ( Senior Citizen Saving Scheme ) –

इस योजना में 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ट नागरिक निवेश कर सकते हैं। इस योजना में निवेश के लिए बैंक या डाकघर कहीं भी खाता खोला जा सकता है।

इसमें भी जो पैसा जमा होता है वह Section 80’C’ के अंतर्गत कर मुक्त होता है।

13 – बच्चों की ट्यूशन फीस ( Children’s Tuition fee ) –

 इसके तहत अधिकतम 2 बच्चों की ट्यूशन फीस का लाभ मिल सकता है।

यदि आपके बच्चे स्कूल या कालेज में पढ़ रहे हैं तो वहाँ जो ट्यूशन फीस भरते हैं उसका लाभ 80’C’ के तहत ले सकते हैं।

ध्यान देने वाली बात यह है कि प्राइवेट ट्यूशन या कोचिंग फीस का लाभ यहाँ नही मिलता है। 

14 – सुकन्या समृद्धि योजना ( Sukanya Samriddhi Account ) –

 इस योजना के अंतर्गत 10 साल से कम की अधिकतम दो बच्चियों का खाता अलग – अलग खोलना होता है। 

सुकन्या समृद्धि योजना खाता बैंक और डाकघर दोनों जगह से खुलवाया जा सकता है।

इसका लॉक इन पीरियड 21 साल का होता है, तथा इस योजना के अंतर्गत जो भी पैसा जमा होगा वह 80’C’ के तहत कर मुक्त होगा।

निष्कर्ष ( The Conclusion ) –

इस लेख में 80’C’ से संबंधित सभी प्रावधानों और विभिन्न  Tax Saving Schemes को आसान भाषा में समझाने का प्रयास किया गया है।

 आशा है कि इस लेख को पढ़कर Income Tax act 1961 के Section 80’C’ को लेकर आपके मन में जो दुविधा या भ्रम था वह काफी हद तक दूर हो गया होगा।

यदि आपके पास सेक्शन 80’C’ या Tax  Saving Schemes को लेकर कोई भी सवाल है, तो नीचे कमेंट करके बताएं।

 इनकम टैक्स एक्ट में सेक्शन 80’C’ से संबंधित प्रावधानों का एक बहुत बड़ा अध्याय है, इस लेख में सिर्फ उन्हीं प्रावधानों को कवर किया गया है जिसे एक आम करदाता को समझना जरूरी है।

यदि आप Section 80’C’ और विभिन्न Tax Saving Schemes के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं तो incometaxindiaefiling.gov.in की वेबसाइट पर जाकर विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

 यह लेख आपको कैसा लगा ? और इस लेख में दी गयी जानकारी से आपको कोई मदद मिली हो तो, नीचे कमेंट के माध्यम से हमें जरूर अवगत कराएं।

Income Tax Slab A. Y. – 2021 – 22 की जानकारी के लिए पढ़े 

{Income Tax} नई या पुरानी टैक्स रिजिम मे कौन बेहतर | Which Tax Regime Better

 


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One Comment

  1. Simone Wynkoop says:

    I read this paragraph completely concerning the difference of most recent and earlier technologies, it’s amazing article.

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