क्या शेयर बाजार में निवेश करना चाहिए ?

भारतीय शेयर बाजार का इतिहास देखे तो यह करीब 140 साल पुराना बाजार है बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पिछले 140 सालों से कार्य कर रहा है। परंतु निवेश के लिहाज से देखें तो भारतीय जनमानस आज भी शेयर बाजार में बहुत ज्यादा रुचि नहीं रखता है इसके बहुत से कारण हो सकते हैं।

भारत में कितने प्रतिशत लोग शेयर बाजार में निवेश करते हैं ? तथा क्या भारतीयों को ज्यादा संख्या में शेयर बाजार में निवेश करना चाहिए ? इस लेख में इसी विषय पर चर्चा की जाएगी लेख का उद्देश्य वित्तीय जागरूकता फैलाना है इसलिए लेख को अंत तक पढ़े।

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भारत में कितने प्रतिशत लोग शेयर बाजार में निवेश करते हैं

भारत में कितने प्रतिशत लोग शेयर बाजार में निवेश करते हैं इसका कोई प्रमाणिक आंकड़ा तो उपलब्ध नहीं है लेकिन विभिन्न अध्ययन और शोध के आधार पर तमाम वित्तीय विशेषज्ञों ने जो आंकड़ा प्रस्तुत किया है वह काफी चौकाने वाला है।

एक अध्ययन के अनुसार भारत की जनसंख्या करीब 125 करोड़ के आसपास है इस जनसंख्या मे लगभग 68 करोड़ लोगों की आयु 18 वर्ष से ऊपर की है उनमें से करीब 3 करोड़ 20 लाख लोग ही शेयर बाजार में निवेश करते हैं। प्रतिशत के हिसाब से देखें तो यह आंकड़ा करीब 5 प्रतिशत है।

वो भी ये 5 प्रतिशत आंकड़ा कोविड के बाद का है। कोविड काल मे काफी भारतीयों का रुझान शेयर बाजार की ओर बढ़ा है। यदि कोविड महामारी से पहले की बात करें तो शेयर बाजार में भारतीय निवेशकों की हिस्सेदारी मात्र 2 से 3 प्रतिशत ही थी ।

वहीं अगर अमेरिका जैसे देशों की बात करें तो वहां करीब 55% लोग शेयर बाजार में निवेश करते हैं। अमेरिकी लोग अमेरिका के शेयर बाजार में तो निवेश करते ही हैं साथ ही साथ अन्य विकासशील देशों के शेयर बाजार में भी अपना पैसा निवेश करते हैं।

भारतीय शेयर बाजार में भी अमेरिका समेत तमाम विकसित देशों के निवेशक अपना पैसा निवेश करके मोटा लाभ कमा रहे हैं।

क्या कारण हो सकता है कि 95 – 96 प्रतिशत भारतीय शेयर बाजार से दूर ही रहते हैं। गहराई मे जाकर देखा जाए तो भारतीयों के शेयर बाजार से दूर रहने के बहुत से कारण निकल कर आते हैं।

भारतीयों का शेयर बाजार से दूरी बनाए रखने के प्रमुख कारण

यहां कुछ ऐसे प्रमुख कारणों को वर्णित किया जा रहा है जिसकी वजह से भारतीय लोग शेयर बाजार से दूरी बनाए रखते हैं।

1 – वित्तीय साक्षरता ( Financial Literacy) का अभाव

भारत में साक्षरता दर तो काफी तेजी से बढ़ रही है लेकिन वित्तीय साक्षरता की अभी बहुत कमी है यही कारण है कि ज्यादातर भारतीय शेयर बाजार के बारे में कुछ जानते ही नहीं हैं।

भारतीय लोगों की मासिक अथवा वार्षिक आय में तो काफी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है लेकिन वित्तीय साक्षरता की कमी के चलते वह अपना पैसा सही जगह निवेश नहीं कर पा रहे हैं इस वजह से उनका पैसा जितना बढ़ना चाहिए उतना बढ़ नहीं पा रहा है।

यह भी कह सकते हैं कि हम भारतीयों को यह नहीं सिखाया जाता है कि अपने पैसे को निवेश कैसे करें बल्कि यह सिखाया जाता है कि अपने पैसों को सेफ कैसे करें।

वित्तीय साक्षरता की कमी के चलते अधिकांश भारतीय पीढ़ी दर पीढ़ी पारंपरिक तरीकों में ही अपना पैसा लगाते चले आ रहे हैं जैसे कि गोल्ड, बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट ( FD ), भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) आदि में ही निवेश करते हैं।

इनको तो पता ही नहीं है कि स्टॉक मार्केट और म्युचुअलफंड में उससे कई गुना ज्यादा रिटर्न मिल सकता है।

जितने लंबी अवधि के लिए लोग बैंक एफ. डी. या एल.आई.सी. में अपना पैसा लगाते हैं यदि उतनी ही लंबी अवधि के लिए शेयर बाजार या म्युचुअलफंड में पैसा निवेश कर दिया जाए तो पारंपरिक तरीकों में निवेश से कई गुना ज्यादा का रिटर्न प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिए जरूरत है वित्तीय साक्षरता के प्रति जागरूक होने की।

शेयर बाजार को जुवां या सट्टा समझना

बहुत से लोगों ने शेयर बाजार को बदनाम करके रखा है जैसे कि शेयर बाजार जुवां और सट्टा है। शेयर बाजार में पैसा बनता नही है बल्कि डूब जाता है वगैरह -वगैरह । 

बहुत से लोग ऐसे भी है जो काफी जोश के साथ रातों-रात शेयर बाजार से अमीर बनने के लिए आ जाते हैं और तेजी से इंट्राडे ट्रेडिंग करना शुरू कर देते हैं। ऐसे लोग जितनी तेजी से शेयर बाजार में आते हैं उतनी ही तेजी से यहां अपना पैसा गवां कर शेयर बाजार से बाहर भी हो जाते हैं।

 बाद मे यही लोग शेयर बाजार को बदनाम करते हैं कि शेयर बाजार जुआ है, सट्टा है यहां पर कभी अपना पैसा नहीं लगाना चाहिए, यहां पैसे डूब जाते हैं आदि-आदि।

इस तरह की नकारात्मक बातों को सुनकर दूसरे लोग भी शेयर बाजार में अपना पैसा लगाने से डरते हैं।

यह बात सभी को समझना जरूरी है कि जितने लोगों ने शेयर बाजार से लाखों-करोड़ों रुपया कमाया है सभी ने लांगटर्म से ही कमाया है।

कंपाउंडिंग की ताकत को न समझना

महान वैज्ञानिक आइंस्टीन मैं पावर आफ कंपाउंडिंग को दुनिया का आठवां अजूबा बोला था। लेकिन हम भारतीयों में वित्तीय साक्षरता की कमी होने के कारण कंपाउंडिंग की ताकत को समझ ही नहीं पाते हैं।

अगर बैंक एफडी की बात करें तो आज से कई साल पहले 14 से 15 प्रतिशत रिटर्न मिलता था उस समय के हिसाब से यह रिटर्न फिर भी ठीक था। परंतु वर्तमान समय में यह रिटर्न मात्र 6 प्रतिशत है जोकि आज से 10-15 वर्षों के पश्चात घटकर यह 2 या 3 प्रतिशत तक ही रह जाएगा।

जब हम पैसा कमाते हैं और बचत करते हैं तो हमारे कुछ लक्ष्य भी होते हैं कि आज से 15 या 20 वर्ष बाद हमें घर खरीदना है अथवा बच्चों को बिजनेस कराना है आदि-आदि। तो आप कल्पना कीजिए कि इतने कम रिटर्न और तेजी से बढ़ती महंगाई में क्या अपने लक्ष्य हमे प्राप्त हो पाएंगे।

जबकि शेयर बाजार और म्युचुअलफंड में 20-24-30- 32 प्रतिशत तक का रिटर्न लोगों ने प्राप्त किया है। ऐसे हालात मे भारतीयों को भी अपना कुछ ना कुछ पैसा शेयर बाजार में जरूर निवेश करना चाहिए। यदि आपको शेयर बाजार की ज्यादा जानकारी नहीं है तो म्युचुअलफंड के द्वारा अपना पैसा निवेश करें।

दोस्तों भारत एक विकासशील देश है और जैसे-जैसे यहां की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी वैसे-वैसे शेयर बाजार भी काफी बढ़ेगा इसलिए कहा जा सकता है कि भारतीय शेयर बाजार मे पैसे बनाने की अपार संभावनाएं हैं।

हम भारतीय शायद इस बात को नहीं समझते हैं लेकिन विदेशी निवेशक इस बात को बहुत अच्छी तरह से जानते और समझते हैं इसलिए भारी संख्या में विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार में निवेश करके बहुत बड़ा पैसा बना रहे हैं।

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क्या शेयर बाजार में निवेश करना चाहिए ?

दोस्तों जैसा कि आपको पहले भी बताया जा चुका है कि भारत तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था वाला देश है यहां के शेयर बाजार मे  पैसा कमाने की भी अपार संभावनाएं हैं जिसका फायदा हम भारतीयों की जगह विदेशी निवेशक उठा रहे हैं।

वारेन बुफेट, राकेश झुनझुनवाला, विजय केडिया, राधाकृष्ण दमानी आदि ऐसे नाम हैं जिन्होंने शेयर बाजार से ही बेशुमार दौलत अर्जित की है और आज शानदार लग्जरी जिंदगी गुजार रहे हैं।

इसलिए जो लोग नकारात्मकता फैलाते हैं उनकी बातों पर ध्यान न देकर अपना कुछ समय शेयर बाजार को सीखने और समझने में लगाइए।

क्योंकि यह तो सच है कि शेयर बाजार से अपार धन बनाया जा सकता है लेकिन यह भी सच है कि आप बिना ज्ञान और जानकारी के शेयर बाजार में कूद पड़ेंगे तो उससे नुकसान होने की संभावना ही ज्यादा होगी।

कहा जाता है कि 90% लोग शेयर बाजार में अपना पैसा गंवाते हैं तो यह पैसा जाता कहां है ? यह पैसा 10℅ ज्ञानी और होशियार निवेशकों के पास चला जाता है जिससे वह मालामाल बनते हैं।

शेयर बाजार में एक कहावत बड़ी मशहूर है कि ‘यहां एक ही ट्रेड काफी होता है जिंदगी बदलने के लिए।’

इसलिए सीखिए, समझिए, जानकारी लीजिए और भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाले शेयर बाजार में निवेश करके अपने धन को कई गुना तक बढ़ा कर अपने जीवन में बदलाव कीजिए।

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